अनूपपुर। शिव आस्थाओं से जुड़ी पवित्रनगरी अमरकंटक तथा जालेश्वर धाम में सावन मास के प्रथम सोमवार को कोरोना का असर नहीं दिखा, मां नर्मदा के दर्शन और जालेश्वर में जलाभिषेक के लिए हजारों की संख्या में शिवभक्त अमरकंटक पहुंचे। जहां तीर्थकोटि सरोवर में स्नान कर मां नर्मदा मंदिर में पूजा अर्चना की। वहीं सैकड़ों की तादाद में पहुंचे कांवडि़ए ने भी नर्मदा स्नान कर जल भरकर जालेश्वर के लिए प्रस्थान किया और जलाभिषेक कर हर-हर महादेव के जयघोष किए। इसके अलावा श्रद्धालुओं ने अन्य महादेव स्थल और धार्मिक स्थलों पर पूजा अर्चना कर आशीर्वाद प्राप्त किया। बताया जाता है कि सुबह से कांवडिय़ों व शिवभक्तों का जत्था अमरकंटक और जालेश्वर धाम पहुंचने लगा था। सावन मास के द्वितीय दिन प्रथम सोमवार होने पर इन्द्रदेव ने भी महादेव को बारिश के रूप में वर्षा कर जलाभिषेक किया। सुबह से बारिश का सिलसिला रूक रूक कर बना रहा। हालंाकि २४ जुलाई को ही गुरू पूर्णिमा के मौके पर अपने गुरू के आशीवार्द प्राप्त करने आए बाहरी शिष्यों और शिवभक्तों ने भी प्रथम सोमवार में माता नर्मदा का दर्शन और पूजन अर्चन किया। वहीं स्थानीय और बाहर से आए कांवडिय़ों का जत्था कवर्धा छत्तीसगढ़ से अमरकंटक पहुंचा। मान्यता है कि श्रावण मास में सोमवार को नर्मदा में स्नान कर गीले वस्त्र में ही किसी हाथ में जल पात्र में नर्मदा जल लेकर पैदल जालेश्वर महादेव जाकर फूल व बेलपत्र के साथ जलाभिषेक करें तो महादेव भक्त पर प्रसन्न होते हैं, साथ ही अगर भक्त जालेश्वर के उपरांत लोढेश्वर महादेव व कोटेश्वर महादेव का भी दर्शन करें तो उससे उन्हें पुण्य की प्राप्ति होती है। वहीं जालेश्वर में जल चढ़ाकर कावडि़ए पुन: अमरकंटक नर्मदा मंदिर पहुंचें, जहां से जल भर कर कर्वधा स्थित बूढा महादेव मंदिर के लिए रवाना हुए। बताया जाता है कि कोरोना संक्रमण और बारिश के कारण इस वर्ष कावडिय़ों की संख्या बहुत कम रही। बॉक्स: कोविड गाइडलाइन के नहीं हो रहे पालनकोरोना संक्रमण को देखते हुए मंदिर परिसर में ५० लोगों के प्रवेश की अनुमति थी, लेकिन यहां सैकड़ों की भीड़ जिनमें आधे के चेहरे पर मास्क और आधे के चेहरे बिना मास्क के रहे। इसके अलावा सोशल डिस्टेसिंग का भी अभाव दिखा। लम्बी कतार में लोग दर्शन के लिए खड़े नजर आए। वहीं तीर्थकोटि कुंड को स्नान के लिए बंद रखे जाने का प्रस्ताव था, जिसका दरवाजा सुबह स्नान के लिए खुला पाया गया। बॉक्स: स्थानीय मंदिरों में भी विशेष पूजा अर्चनाप्रथम सोमवार पर जिलेभर के अन्य शिवालयों में भी लोगों ने जलाभिषेक कर पूजा अर्चना किया। जिला मुख्यालय स्थित रामजानकी मंदिर, दुर्गा माता मढिय़ा मंदिर, तिपाननदी शिवमंदिर, बस्ती मार्ग स्थित शिवमंदिर सहित अन्य मंदिरों पर शिव भक्तों खासकर महिलाओं ने विशेष पूजा अर्चना की। इसके अलावा जैतहरी, पसान, बदरा, कोतमा, बिजुरी, रामनगर सहित अन्य स्थानों पर शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं द्वारा जल चढाने एंव भोले शंकर को मनाने की होड़ लगी रही। उल्लेखनीय है कि सावन मास में जिले से अधिक संख्या में श्रद्धालुओं का जत्था झारखंड स्थित बाबा बैजनाथधाम जाकर भी जल चढाते है। कोतमा नगर के धर्मशाला मंदिर, बस स्टैंड गौरी शंकर मंदिर, बस्ती शंकर मंदिर, ठाकुर बाबा धाम, लहसुई कैम्प मंदिर, गोविन्दा कॉलरी मंदिर, विकास नगर मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भक्तो ने पूजा अर्चना किया। वहीं भालूमाड़ा में अघोरी बाबा मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई। [typography_font:18pt;” >——————————————————