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बच्चों के बीच मूंग वितरण की योजना भी लडख़ड़ाई, कम मात्रा में आवंटन से अधिकांश दुकानों पर नहीं मूंग

locationअनूपपुरPublished: May 23, 2022 11:37:25 am

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

माहभर से सोसायटियो पर भंडारित मूंग बच्चों के बीच बांटना हुआ आरंभ, खाद्य मंत्री ने दिए निर्देश

The plan of distribution of moong among children also faltered, due to

बच्चों के बीच मूंग वितरण की योजना भी लडख़ड़ाई, कम मात्रा में आवंटन से अधिकांश दुकानों पर नहीं मूंग

अनूपपुर। कोरोना महामारी के दौरान बंद स्कूलों और लगभग १७६ दिनों तक घरों तक नहीं पहुंचे राशन के एवज में शासन के मूंग वितरण की योजना लापरवाही का शिकार बनता नजर आ रहा है। अनूपपुर जिले में ६५०० क्विंटल मूंग की डिमांड में सोसायटियों तक मात्र ५५०० क्विंटल मूंग का ही आवंटन हो सका है। इनमें जैतहरी के लिए आवंटित १२५० क्विंटल मूंग में ४५० क्विंटल मूंग की मात्रा अमानक पाई गई है, जिसके कारण यहां लगभग ८०० क्विंटल मूंग का वितरण होना नियत किया गया है। प्रस्तावित मूंग की डिमांड और कम आवंटन के बाद अब सोसायटियों पर स्कूली बच्चों को मूंग नहीं मिल पा रहा है। वहीं अपने हिस्से के मूंग पाने बच्चे व अभिभावक रोजाना सोसायटियों के चक्कर काट रहे हैं।
लेकिन दूसरी ओर जिला नागरिक आपूर्ति विभाग डिमांडों की पूर्ति में पत्र भेजकर चुप्पी साध लिए हैं। बताया जाता है कि जिले के ३०६ दुकानों में लगभग ६० प्रतिशत दुकानों पर ही मूंग वितरण का काम हो सका है, शेष दुकानों तक मूंग का आवंटन पहुंचा ही नहीं है। एमडीएम योजना प्रबंधक पूनम सिंह ने बताया कि पूर्व में ही योजना को लेकर जिला नागरिक आपूर्ति विभाग को अवगत कराया गया था। जिसमें शासन स्तर से आवंटन भी हुआ। इन आवंटनों को सभी शासकीय दुकानों पर भेजा जाना था। लेकिन उद्घाटन के अभाव में सोसायटियों में माहभर तक मंूग पड़े हैं। अब सीएम के उद्घाटन करने के उपरांत इसकी मात्रा कम पडऩे लगी है। अधिकांश दुकानों पर मूंग की मात्रा नहीं है, जिसके कारण वितरण का काम प्रभावित हो रहा है। बच्चों को मूंग नहीं मिल रहा है। बताया जाता है कि यह लाभ पीएम पोषण शक्ति निर्माण योजना २०२२ के तहत दिया जा रहा है। कोरोना काल के दौरान बच्चों को पॉकेट बंद दाल, नमक, और चावल वितरित किया गया था। लेकिन इस दौरान लगभग कुल १७६ दिन का भोजन बच्चों को नहीं वितरित हुए। जिसे देखते हुए सरकार ने अब खाद्यान्न की मात्रा की जगह साबूत मूूंग देने का निर्णय लिया है। साबूत मूंग पोट्रीन युक्त सुपाच्य आहार है। इससे सेवन से शरीर में पोट्रीन की मात्रा में बढोत्तरी होगी। जिले में इसका लाभ कक्षा १ से लेकर ८ तक के लगभग ७० हजार ४०२ बच्चे को लाभ दिया जाना है।
प्राथमिक को १० और माध्यमिक को १५ किलो की थैली
जिला प्रबंधक एमडीएम पूनम सिंह ने बताया कि प्राथमिक स्कूल के बच्चों को १० किलोग्राम की मूंग की थैली और माध्यमिक स्कूल के बच्चों को १५ किलोग्राम की थैली वितरित की जा रही है। योजना के तहत जिले के लिए ६५० टन मूंग के आवंटन की मांग की गई है। लेकिन बच्चों की संख्या के आधार पर यह मात्रा ७०० टन के आसपास भी हो सकती है। जिसमें वर्तमान में जैतहरी के लिए लगभग १२५० क्विंटल, कोतमा व अनूपपुर के लिए २५०० क्विंटल और पुष्पराजगढ़ के लिए भी १८०० क्विंटल का आवंटन हुआ। इसमें जैतहरी में १२५० क्विंटल में ४५० क्विंटल में (कचरायुक्त) होने के कारण वितरण योग्य नहीं है। वहीं मांग के अनुसार आधा मात्रा ही आवंटन हुआ है।
३०६ दुकानों में से कम आधे से कम दुकानों पर नहीं आवंटन
२१ मई को प्रदेश खाद्य मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने समीक्षा बैठक में सम्बंधित अधिकारियों को निर्देशित किया था कि बच्चों के बीच मूंग का वितरण तत्परता से की जाए। लेकिन अब यहां आधे दुकानों तक मंूग का आवंटन ही नहीं पहुंचा है। माना जाता है कि लगभग ६० प्रतिशत दुकानों तक मूंग की पहुंच हो सकी है। इनमें जैतहरी के ८८ दुकानों में ३५ दुकानों में, पुष्पराजगढ़ के १२१ दुकानों में से ४० दुकानों, कोतमा और जैतहरी के भी अधिकांश दुकानों में मूंग की कमी है।
वर्सन:
प्रस्तावित मात्रा से कम में मूंग का आवंटन हुआ है। इसके लिए नागरिक आपूर्ति विभाग को पत्राचार करते हुए डिमांड मंगवाई गई है। मंूग की कमी में बच्चे सोसायटी से वापस लौट रहे हैं।
पूनम सिंह, एमडीएम योजना प्रबंधक अधिकारी अनूपपुर।
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