अनूपपुर

रेत माफियाओं को नहीं है कानून का डर, नदी का सीना रातभर हो रहा छलनी

कार्रवाई से पूर्व मुखबिर पल-पल की दे रहा जानकारी

अनूपपुरJun 02, 2020 / 10:16 pm

Rajan Kumar Gupta

रेत माफियाओं को नहीं है कानून का डर, नदी का सीना रातभर हो रहा छलनी

अनूपपुर। भालूमाड़ा थाना क्षेत्र के केवई नदी ,पसान रेत खदान, शिव लहरा घाट, ग्राम पौड़ी सोन नदी, बदरा गोडारू नदी, सहित नगर के आसपास नदी नालों से बड़े पैमाने पर रेत का अवैध खनन जोरों से चल रहा है। जिले में कहीं भी रेत की वैध खदानें नहीं है साथ ही साथ पूरे प्रदेश में लाक डाउन होने के कारण अनूपपुर कलेक्टर द्वारा शाम 7 बजे से लेकर सुबह 7 बजे तक कर्फ्यू का आदेश दिया गया है । बावजूद पूरे क्षेत्र में शाम होने के बाद चारों तरफ ट्रैक्टरों की आवाजाही चालू हो जाती है । यह क्रम कोई आज से नहीं बल्कि जिस दिन से पूरे देश में लाक डाउन लागू किया था, उसी दिन से पूरे क्षेत्र के रेत माफिया रातभर नदी नालों में अवैध रूप से रेत का खनन परिवहन कर भंडारण करते आ रहे हैं। जिसकी शिकायत शासन प्रशासन तक की गई। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए भालूमाडा पुलिस ने 30 मई को सोन नदी पौड़ी घाट से एवं गोडारु नदी से रेत लेकर जा रहे दो ट्रैक्टर वाहनों को पकड़ कर कार्रवाई की गई थी। लेकिन रेत माफियाओं को जरा भी भय नहीं रहा और 31 मई को ही रात 7 बजे पुलिस को खबर मिली कि सोन नदी पौड़ी घाट से अवैध उत्खनन हो रहा है जहां पुलिस ने पहुंचकर रेत से लदे ट्रैक्टर वाहन को पौड़ी ग्राम के खरका टोला आंगनबाडी स्कूल के पास से जप्त किया। जैसे ही पुलिस ने ट्रैक्टर को पकड़ा वैसे ही नेताओं के फोन घन घनाने लगे। भालूमाडॉ थाना प्रभारी ने किसी की बात नहीं सुनी और कार्रवाई किया।
थाना प्रभारी ने बताया कि शाम लगभग 7:00 बजे उन्हें खबर मिली थी कि ग्राम पौड़ी सोन नदी घाट से अवैध रूप से रेत का खनन किया जा रहा है जानकारी पर भालूमाडॉ से पुलिस टीम रवाना की गई तब तक ट्रैक्टर चालक रेत को लेकर नदी से बाहर जा रहा था जिसे गांव के खरका टोला आगनबाडी स्कूल के पास पकड़ा गया और थाने लाकर कार्यवाही की गई ।
बॉक्स: रेत खनन का बड़ा रैकेट
थाना क्षेत्र में अवैध रेत खनन का बहुत बड़ा रैकेट काम कर रहा है। जहां पर पक्ष विपक्ष के नेता अवैध रेत कारोबारी सब एक हैं। सूत्रों के अनुसार जो ट्रैक्टर वाहन इनके साथ मिलकर काम नहीं करता उनके वाहन को वन विभाग , माइनिंग विभाग के तहत पकड़वा दिया जाता है । और जब ट्रैक्टर पकड़ जाता है तब यही तथाकथित नेता जाकर अधिकारियों के पास समझौता कराते हैं। अवैध रेत खनन की यदि कोई जानकारी वन विभाग को देता है तो वन विभाग के कोतमा रेंजर स्पष्ट रूप से कार्यवाही करने से मना कर देते हैं। यही नही ऐसे कारोबारी को कलेक्टर का आदेश है की बात कह कार्रवाई से मनाही का दी जाती है। पिछले 20- 25 दिन पूर्व ही कोतमा वन विभाग द्वारा अवैध रेत खनन में ट्रैक्टरों को पकड़ा गया लेकिन पसान रेत खदान में लगे वाहनों को उन्होंने देखना भी मुनासिब नहीं समझा। यहां तक कि भालूमाडॉ थाना क्षेत्र के सीमा से भी उन्होंने ट्रैक्टर को पकड़ा जो उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं था। खुद रेत माफिया कलेक्टर द्वारा 6 महीने के लिए अतिरिक्त रेत खदान का परमिशन देने की बात कह खुलेआम रेत का अवैध खनन परिवहन भंडारण कर रहे हैं। जबकि नगर के पसान रेत खदान में जिसका ठेका समाप्त हो चुका है लेकिन पुराने ठेकेदार द्वारा लगातार रेत का खनन परिवहन किया जा रहा है ।जहां अन्य ट्रैक्टर मालिकों वाहन चालकों में रेत खनन को लेकर मारपीट वाद विवाद भी हो चुका है जिसकी शिकायत भी थाने में दर्ज कराई गई है। माफिया की बुलंदी ऐसी की पत्रकारों को भी धमकी देने से नही चूकते। यहां तक कि खबर प्रकाशन पर उन्हें झूठे केस में फंसाने उन पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाने का भी षड्यंत्र रचने से नही चूक रहे हैं।
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