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खदानों का पानी सीधा उतर रहा नगरवासियों की हलक में, स्थायी पेयजल समस्या का नहीं हो सका समाधान

locationअनूपपुरPublished: Feb 18, 2019 08:51:46 pm

Submitted by:

shivmangal singh

खदानों का पानी सीधा उतर रहा नगरवासियों की हलक में, स्थायी पेयजल समस्या का नहीं हो सका समाधान

The solution of the problem of permanent drinking water can not be sol

खदानों का पानी सीधा उतर रहा नगरवासियों की हलक में, स्थायी पेयजल समस्या का नहीं हो सका समाधान

दो फिल्टर प्लांट के बाद भी नहीं हो रहा जल का शुद्धिकरण, केवई नदी से जलापूर्ति की मांग
अनूपपुर। आधा दर्जन कोल खदानों से धिरे बिजुरी नगरपालिका क्षेत्र की ४० हजार की आबादी शुद्ध पानी के लिए वर्षो से त्रस्त है। पानी आवंटन में कॉलरी दोहरी नीति अपनाए हुए हैं, जहां खुद के खदानों में पानी की मात्रा कम बताते हुए नगरपालिका द्वारा जलापूर्ति पर दबाब डाल रही है। वहीं नगरपालिका आसपास के खदानों से सीधा पानी खींचकर लोगों तक पहुंचा रही है। लेकिन दोनों प्रशासनों के बीच बिजुरी नगरवासियों के लिए आजतक स्थायी पेयजल समस्या का समाधान नहीं हो सका है। परिणामस्वरूप नगरपालिका द्वारा उपलब्ध कराया जा रहा प्रदूषित पानी लोगों के हलक में उतर रहा है। वार्डवासियों द्वारा बिजुरी कॉलरी द्वारा आपूर्ति की जा रही कॉलरी क्षेत्र की भांति अन्य वार्डो में जलापूर्ति कराई जाए। लेकिन कॉलरी प्रबंधन दो टूक शब्दों में इतनी आबादी के लिए इतना पानी की सुविधा खदान में नहीं होने की बात कह रहा है। जिसके लिए बार बार नगरवासियों ने धरना प्रदर्शन कर भी कॉलरी व नगरपालिका से शुद्ध जलापूर्ति कराने की मांग करती रही, लेकिन आजतक नगरीय प्रशासन ने उनकी बातों पर ध्यान नहीं दिया। जानकारी के अनुसार नगरपालिका बिजुरी के १५ वार्डो के लिए क्षेत्र में तीन फिल्टर प्लांट स्थापित हैं। जिसमें कॉलरी द्वारा खुद का एक फिल्टर प्लांट स्थापित किया हुआ है, इससे कॉलरी प्रबंधन वार्ड क्रमांक १, २, ३, ४, ५, ६ तक शुद्ध पेयजलापूर्ति कराती है। इन वार्डो में कॉलरी अधिकारी सहित अन्य कर्मचारियों व श्रमिकों की कॉलोनी है। जबकि दूसरी ओर बिजुरी नगरीय प्रशासन द्वारा स्थापित दो फिल्टर प्लांट बहेराबांध तथा भवनिया फिल्टर प्लांट है। लेकिन यह फिल्टर प्लांट शोपीस के रूप में कार्य करती है। नगरवासियों का कहना है कि बहेराबांध खदान से निकलने वाला पानी बहेराबांध फिल्टर प्लांट में उतरता है, जहां फिल्टर प्लांट के संसाधन तो लगे हैं लेकिन यहां मात्र फिटकरी डालकर उसकी औपचारिता सफाई होती है। इसके बाद इस फिल्टर प्लांट से पानी सीधा भवनिया फिल्टर प्लंाट में उतारा जाता है। लेकिन यहां सफाई जैसी कोई कार्रवाई नहीं करते हुए वार्ड क्रमांक ९, १० ,११ ,१२, १४, १५ के घरों तक पानी पहुंचाया जाता है। जबकि इन दोनों फिल्टर प्लांट नगरपालिका द्वारा स्थापित किए गए हैं। बावजूद नगरीय क्षेत्र में शुद्ध पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है। बताया जाता है कि इससे पूर्व नगरपालिका की मांग पर मुख्यमंत्री ने ६४ लाख की स्वीकृति प्रदान करते हुए शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए बजट आवंटन कराया था। लेकिन पैसों का उपयोग नगरपालिका द्वारा कहां किया गया, कोई जानकारी नहीं है। हालात यह है कि नगरपालिका लोगों का कहना है कि पूर्व में कॉलरी द्वारा बिजुरी खदान से जमीन के अंदर पाईप लाइन बिछाते हुए वार्डो तक जलापूर्ति कराती थी। अब यह पाईप लाईन बंद है। कॉलरी प्रशासन का कहना है कि खदान में इतना पानी नहीं कि अन्य वार्डो में आपूर्ति कराई जा सके।
बॉक्स: सैकड़ाभर हैंडपम्प में आधा हुआ हवा हवाई
बताया जाता है कि तीन फिल्टर प्लांट के बाद भी नगरपालिका के समस्त वार्डो में पानी नहीं पहुंच रहा है। जिसकी पूर्ति के लिए नगरपालिका पानी टैंकर के माध्यम से जलापूर्ति भी कर रही है। जबकि वार्ड क्रमांक १३ में नगरपालिका कोरजा खदान का सीधा पानी पाईप लाईन के माध्यम से लोगों के घरों तक छोड़ रही है। जो देखने में ही काला नजर आता है। लेकिन लोगों का कहना है कि इसके अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं है। लोगों ने मांग की है कि उन्हें अब केवई नदी से शुद्ध पानी उपलब्ध कराया जाए।

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