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ठेेका मजूदर चले हड़ताल, बिजुरी खदान को रोजाना 5 लाख का नुकसान

locationअनूपपुरPublished: Oct 14, 2019 04:18:51 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

3 कॉन्ट्रेक्टर के ठेका श्रमिकों ने किया काम बंद

The strike continued, the Bijuri mine lost 5 lakhs daily

ठेेका मजूदर चले हड़ताल, बिजुरी खदान को रोजाना 5 लाख का नुकसान

अनूपपुर। कोयला उद्योग में कार्य करने वाले ठेकेदारी मजदूरों को वेतन रिजीवन कमेटी के तय मानकों के अनुसार प्रतिदिन दर पर भुगतान के जारी आदेश के बावजूद ठेका श्रमिकों के हो रहे आधे-अधूरे भुगतान से नाराज बिजुरी भूमिगत खदान के लगभग डेढ़ सैकड़ा ठेका मजदूरों ने आखिरकार १३ अक्टूबर से हड़ताल आरम्भ कर दिया है। जहां कॉलरी को रोजाना २०० टन कोयला कम उत्पादन हो रहा है। इससे कॉलरी को अनुमानित ५ लाख रूपए रोजाना नुकसान हो रहे हैं। आशंका है कि इस हड़ताल में हसदेव क्षेत्र के अन्य खदानों के ठेका मजदूर भी शामिल होंगे। जिससे आने वाले दिनों में बहेराबांध, कपिलधारा, कूरजा भूमिगत, कुरजा ओपनकास्ट, राजनगर, झिरिया, बेस्ट जेकेडी, हल्दीबाड़ी जैसे खदान के ठेका मजदूर भी अपनी बेज कमेटी की निर्धारित दरों के साथ अन्य सुविधाओं की मांग में हड़ताल में शामिल हो जाएंगे। फिलहाल बिजुरी भूमिगत कोयला खदान के प्रभावित हो रहे उत्पादन को बचाने कोल प्रबंधन के साथ ठेकेदार भी एकजुट हो गए हैं। हालांकि हड़ताल को लेकर पिछले दो दिनों से ठेका मजदूरों ने एक-एक कर काम से दूरी बनाते हुए अपनी मांगों में लामबंदता शुरू कर दी थी। लेकिन १३ अक्टूबर को ठेकेदारी मजदूरों ने अपने ठेकेदार के खिलाफ आवाज उठाते हुए तम्बू गाड़ हड़ताल कर दिया है। बताया जाता है कि बिजुरी भूमिगत खदान में ६ कॉन्ट्रेक्टर के २५१ से अधिक ठेकेदार मजदूर कार्यरत है। जिसमें वर्तमान में ३ कॉन्ट्रेक्टर के मजदूरों ने हड़ताल की है। ठेका मजदूरों का आरोप है कि अन्य कॉन्ट्रेक्टर के श्रमिकों को खुद ठेकेदार और प्रबंधन धमकी देकर काम पर लगा रखे हैं। यहां तक हड़ताली श्रमिकों की नजरों से बचाने उन्हें खदान की पीछे वाली बाउंड्रीबॉल से छलांग लगाकर अंदर काम पर लगा रहे हैं। ठेकेदारी श्रमिकों की मांग है कि उन्हें बेज बोर्ड द्वारा निर्धारित प्रतिदिनी मजदूरी के साथ साथ उनके मानदेय से कटे पीएफ व पेंशन की राशि भी उपलब्ध कराई जाए। कॉलरी में कार्यरत मजदूरों की भांति उनके लिए प्रावधानित बोनस भी ठेकेदार से दिलाई जाए। हड़ताली ठेकेदारी मजदूरों ने कहा है जब कॉलरी द्वारा उनके खाते में पैसा नहीं आएगा, तबतक काम पर नहीं लौटेंगे। विदित हो कि जुलाई माह में बेज बोर्ड की निर्धारित मानदेय के अनुसार कॉलरी ने मजदूरों के खाते में ७४७ रूपए के हिसाब से पैसा डाला। लेकिन अगस्त, सितम्बर माह के मानदेय की राशि मजदूरों के खाते में नहीं आई। पूछताछ में यह हिसाब सामने आया है कि ७४७ रूपए के अनुसार डाले गए राशियां ही तीनों माह में अडजेस्ट हो गई है, यानि ३०० रूपए प्रतिदिन के हिसाब से कॉलरी और ठेकेदार ने मजदूरों को भुगतान किया।
बॉक्स: भविष्य निधि में किसके पड़े ११ हजार करोड़ रूपए
वर्ष १९९८ से ठेका मजदूरों के लिए पेंशन, पीएफ और बोनस की दी जाने वाली सुविधा के आदेश के बावजूद कोयला खान के भविष्य निधि खाता में लगभग ११ हजार करोड़ रूपए पड़े हैं। यह राशि आज की नहीं बल्कि कुछ साल पूर्व संसद में दी गई जानकारी के अनुसार की है। सूत्रों का कहना है कि प्रबंधन द्वारा मजदूरों से पीएफ, पेंशन की नियमित कटौती की जाती है। लेकिन उनके काटे गए राशि को किस खाता में जमा करती है, इसकी जानकारी मजदूरों को नहीं होती। क्योंकि उसके लिए कॉलरी मजदूरों के नाम न तो खाता नम्बर जारी करती है और ना ही पीएफ नम्बर। जिसके कारण उनके सारे कटे पैसे भविष्य निधि खाते में अज्ञात रूप में जमा रहे जाते हैं।
बॉक्स: क्या है मजदूरी का निर्धारण
बेज कमेटी की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार प्रतिदिन मजदूरों का दर अनस्किल्ड ७८७ रूपए, सेमी स्किल्ड ८१७ रूपए, स्किल्ड ८४७ रूपए तथा हाई स्किल्ड ८७७ रूपए हैं। जबकि मजदूरों के भविष्य के लिए कॉलरी मेनेजमेंट द्वारा पेंशन ७ प्रतिशत तथा पीएफ १२ फीसदी के रूप में कटौती की जाती है। जो १९९८ से आजतक किसी ठेका मजदूर के खाते में नहीं आई है।
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