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पुत्र की प्राप्ति और सुख समृद्धि की कामना लिए महिलाओं ने आवंला पेड़ का किया विशेष पूजन

locationअनूपपुरPublished: Nov 24, 2020 11:28:42 am

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

आवंला पेड़ के नीचे परिवार के संग बैठ किया भोजन रूपी प्रसाद ग्रहण

The women worshiped the Amla tree in order to wish for the son's happi

पुत्र की प्राप्ति और सुख समृद्धि की कामना लिए महिलाओं ने आवंला पेड़ का किया विशेष पूजन

अनूपपुर। कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी को महिलाओं ने श्रद्धा और आस्था के साथ अक्षय नौवी या आंवला नौवी का व्रत मनाया। जिला मुख्यालय सहित जैतहरी, बिजुरी, कोतमा, पसान और अमरकंटक सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं ने पुत्र प्राप्ति और घर की सुख समृद्धि की कामना लिए आवंला पेड़ की विशेष पूजा अर्चन की और भोजन रूपी प्रसाद ग्रहण किया। मान्यता है कि कार्तिक नौवी के दिन आवंला वृक्ष का पूजन करने व दान-पुण्य करने से कभी घर का भंडारा खाली नहीं होता। आंवला भगवान विष्णु का पसंदीदा फल है। आंवले के वृक्ष में समस्त देवी-देवताओं का निवास होता है। शास्त्रों के अनुसार आंवला नवमी के दिन जप-तप व दान करन से कई गुना फल प्राप्त होता है। कार्तिक नवमी को आंवले के पास बैठकर पूजा करने से सभी पाप मिट जाते हैं। माना जाता है कि इस दिन द्वापर युग का प्रारंभ हुआ था। कार्तिक नौवी की सुबह महिलाएं स्नान करने के बाद पूरे विधि-विधान के साथ आंवले के पेड़ की पूजा करती है। यहां जल दूध चढ़ाने के बाद सिंदूर, हल्दी, चावल, फूल सहित अन्य पूजन सामग्री अर्पित की जाती है। इसके बाद घर में बने विभिन्न प्रसादों का भोग चढ़ाकर और आंवला पेड़ की 7 बार परिक्रमा की जाती है। पेड़ के नीचे बैठकर कुछ देर तक भगवान विष्णु का ध्यान कर पेड़ को प्रणाम कर पूजन समाप्त किया जाता है। इसके बाद परिवार सहित आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन किया। कहा जाता है कि आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन न कर पाएं तो आंवला खाएं।
बॉक्स: पूजन और नर्मदा दर्शन के लिए पहुंचे श्रद्धालु
अमरकंटक। कार्तिक आवंला या अक्षय नौवी के मौके पर धिरोल पटना से मिश्रा परिवार अमरकंटक तीर्थ स्थल पहुंचे, जहां अक्षय नवमी को आवंला वृक्ष का पूजन अर्चन करने के बाद नीचे बैठकर भोजन ग्रहण किया। इस दौरान स्थानीय अमरकंटक के लोग भी वृक्ष के नीचे पूजन किया और भोजन ग्रहण किए। कार्तिक नौवी के दिन अनेक जगहों से पर्यटक मां नर्मदा के दर्शन के लिए पहुंचते है और अन्य स्थानों का भ्रमण करते हुए मां नर्मदा की परिक्रमा भी करते है
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