फिर यहां के ग्रामीण भयभीत, शहडोल से अनूपपुर की ओर हाथियों ने किया मूवमेंट, खोह में जमाया डेरा
अनूपपुर के तीन क्षेत्रों की ओर रूख करने की आशंका, शहडोल और अनूपपुर वनअमला मुस्तैद
अनूपपुर
Published: April 21, 2022 11:19:38 am
अनूपपुर। अनूपपुर की अहिरगवां वनपरिक्षेत्र से बुढ़ार(शहडोल) के वनपरिक्षेत्र में १२-१३ अप्रैल की सुबह प्रवेश किए तीन दंतैल हाथियों का झुंड २० अप्रैल की सुबह एक बार फिर अनूपपुर जिले की सीमावर्ती क्षेत्र में आ पहुंचा है। तीनों हाथियों के झुंड ने १९ अप्रैल की शाम शहडोल के वन परिक्षेत्र बुढार अंतर्गत ग्राम करकटी के जंगल से विचरण करता हुआ २० अप्रैल बुधवार की सुबह अनूपपुर की सीमा से लगे वन परिक्षेत्र बुढार के खोह बीट के कक्ष क्रमांक पीएफ 812 नागतालाब में डेरा जमाया है। हाथियों की सीमा पर फिर से वापसी की सूचना पर अनूपपुर वन अमला सतर्क हो गया है। वहीं दूसरी ओर शहडोल वन अधिकारी भी पूर्व में वहां मौजूद अन्य दल के हाथियों द्वारा ५ लोगों को कुचलकर मौत के घाट उतारने की घटना के बाद कोई लापरवाही नहीं बरतते सीमा पर तैनात हो गए हैं। इस दौरान दोनों सीमाओं के वन अधिकारी-कर्मचारी एवं पुलिस बल हाथियों के समूह पर नजर बनाते हुए आम लोगों से हाथियों के नजदीक नहीं जाने और रात के समय भी सतर्कता बनाए रखने हिदायत दे रहे हैं। वनमंडलाधिकारी अनूपपुर डॉ. अब्दुल अलीम अंसारी ने बताया कि वर्तमान खोह के जंगल में हाथियों का झुंड ठहरा है। यह इलाका वनीय क्षेत्र की दृष्टि से अधिक धना और पानी व खाने योग्य जंगली पेड़-पौधे से युक्त है। इसके अलावा यह ठंडा क्षेत्र भी है। इसलिए संभावना है कि हाथियों का झुंड यहां एकाध दिन समय अवश्य व्यतीत करेगा। लेकिन अगर विचरण करता है तो अनूपपुर जिले के तीन दिशाओं की ओर इसके कदम बढऩे की आशंका व्यक्त की जा रही है। अगर हाथियों का झुंड सीधा अनूपपुर की ओर रूख करता है तो वह सीधा अनूपपुर में प्रवेश करेगा, जबकि पहाड़ पर चढ़ाई किया तो किररघाट की ओर निकलते हुए राजेन्द्रग्राम वन परिक्षेत्र की ओर मूव कर जाएगा। इसके अलावा खोह की पहाड़ी पर सीधा उपर चढ़ता चला गया तो यह अहिरगवां वनपरिक्षेत्र की ओर मूव करेगा। जिसे देखते हुए तीनों वनपरिक्षेत्र के अधिकारियों व कर्मचारियों को सतर्क करते हुए इनसे लगे गांवों में अभी से सुरक्षा उपाय बनाने और ग्रामीणों को सतर्क करने सूचनाएं प्रसारित के निर्देश दिए गए हैं। वहीं वर्तमान हाथियों की उपस्थिति पर भी वनकर्मियों को तैनात रखा गया है।
बॉक्स: खाने की तलाश में भटक रहे हाथी, ग्रामीणों के घर व बाड़ी को भी पहुंचा रहे नुकसान
डीएफओ ने बताया कि वर्तमान गर्मी के सीजन पर जिले में मौसमी फल के साथ फसल की भी कमी हो जाती है। इसके अलावा पानी के स्त्रोत भी कम होने के कारण हाथियों का मूवमेंट अधिक बनता है, जहां खाने की तलाश में यह अधिक लम्बी दूरी भी तय कर जाते हैं। 1 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के मरवाही से जैतहरी वनपरिक्षेत्र में हाथियों का प्रवेश हुआ था, तब से अब तक जैतहरी, राजेन्द्रग्राम, अहिरगवां, बुढार वनपरिक्षेत्र का भ्रमण कर चुके हैं। इसके बाद वापसी की तैयारी भी है। 19 अप्रैल को करकटी गांव के जंगल से होते सिलपुर भ्रमण करते अनूपपुर के डोगराटोला में पहुंचा है। यहां सुबह 2 बजे रामलाल गोंड़ के मकान को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर अंदर तथा बाड़ी में लगे अनाज व सब्जियों को आहार बनाया है। अनूपपुर तहसीलदार ने डोगराटोला में रामलाल सिंह गोड़ के तोड़े गए मकान को पटवारी से सर्वेक्षण कर मुआवजा प्रकरण बनाने के निर्देश दिए हैं।
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फिर यहां के ग्रामीण भयभीत, शहडोल से अनूपपुर की ओर हाथियों ने किया मूवमेंट, खोह में जमाया डेरा
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