scriptआंधी और बारिश की थपेड़ों में हजारो एकड़ रबी फसल नुकसान, किसानों की बढ़ी मुश्किलें | Thousands of acres of rabi crop damage, thunderstorms and problems of | Patrika News

आंधी और बारिश की थपेड़ों में हजारो एकड़ रबी फसल नुकसान, किसानों की बढ़ी मुश्किलें

locationअनूपपुरPublished: Apr 17, 2019 08:17:46 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

लगातार झमाझम बारिश से मौसम में बनी नमी, बची फसलों का भी नहीं हो सकेगा गहाई

tuphan

tuphan

अनूपपुर। पिछले दो दिनों से आसमान में काले बादलों की जमघट तथा रह-रह कर हो रही बारिश की बौछार अब जिले के किसानों की मुसीबत बन गई है। मौसम विभाग की चेतावनी के उपरांत बुधवार की रात जिले के समस्त हिस्सों जैतहरी, कोतमा, बिजुरी, पसान, अमरकंटक, राजेन्दग्राम में चली तेज आंधी और जोरदार बारिश हुई। बारिश का सिलसिला बुधवार की सुबह भी आरम्भ हुई और घंटों बाद बंद हुई। इसके कारण खेतों में नमी बन आई, कुछ हिस्सों में पानी जम गया। लगभग ७ मिमी बारिश से जिले के ७४ हजार हेक्टेयर रकबे में बोई गई रबी की तैयार फसलों को नुकसान की आशंका जताई गर्ई है। जानकारों के अनुसार जिले में असिंचित रकबे पर ८० फीसदी मात्रा में गेहूं के फसल बोई जाती है जो अप्रैल माह तक तैयार होने के कारण अब खेतों में पककर कटने के लिए तैयार है या कटकर खलिहानों में गहाई के लिए भंडारित है। बारिश की बौछार में गहाई के लिए खलिहानों में भंडारित लगभग हजारो एकड़ की फसलें नमी और बारिश के कारण सडऩे की कगार पर पहुंच गई है। किसानों का कहना है कि अगर एकाध दिन धूप नहीं खिली तो भंडारित फसलों के दाने बारिश के पानी में फुलकर खराब हो जाएगी। इससे किसानों को अधिक नुकसान उठाना पड़ेगा। बुधवार को आसमान में तीसरे दिन भी काले बादलों की जमघट बनी हुई है। इस दौरान हल्की तेज मध्यम हवाओं के कारण वातावरण में ठंड का माहौल बना हुआ है। कृषि विभाग उपसंचालक एनडी गुप्ता का कहना है कि वर्तमान में गेहूं, चना, मटर, सरसों, रामतिल सहित अन्य रबी की फसले पककर तैयार हो चुकी है। कुछ किसानों ने खेतों से इनकी कटाई तो कुछ ने गहाई का कार्य किया जा रहा है। कृषि विभाग ने माना है कि कल और आज हुई बारिश से जिले के समस्त रबी फसलों को नुकसान है और अभी बारिश की सम्भावना बनी हुई है। उनके अनुसार जिले में लगभग ८० प्रतिशत से अधिक किसान असिंचित रकबे पर रबी फसल की बुवाई करते हैं। फसलों की बुवाई नवम्बर-दिसम्बर से लेकर जनवरी के प्रथम सप्ताह तक की जाती है और फसलें अप्रैल माह तक तैयार होती है। विदित हो कि जिले वर्ष २०१८-१९ के लिए अनूपपुर जिले में रबी फसल ७४ हजार ४०० हेक्टेयर भूमि में लक्षित की गई है। जिसमें गेहूं २०.५० हजार हेक्टेयर, जौ एवं अन्य अनाज ०.०७ हेक्टेयर, चना १८.३० हजार हेक्टेयर, मटर २.६० हजार हेक्टेयर, मसूर १६.६० हजार हेक्टेयर, अन्य दलहन ०.२२ हजार हेक्टेयर, सरसो ७.४० हजार हेक्टेयर, अलसी ८.७० हजार हेक्टेयर सहित गन्ना ०.०१ हजार हेक्टेयर पर बुवाई की गई है।
बॉक्स: जिले में ७ मिमी औसत बर्षा, वातावरण में बनी नमी
अधीक्षक भू-अभिलेख अनूपपुर के अनुसार जिले में बीते 24 घंटे में लगभग ६.९ मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की गई। वर्षामापी केन्द्र अनूपपुर में १८.७ मिमी, कोतमा में ११.० मिमी, बिजुरी में ७, राजेन्द्रग्राम में ४.६ मिलीमीटर, अमरकंटक में ४ मिमी, बेनीबारी में २.३ मिमी, जैतहरी में ४.८ मिमी, वेंकटनगर में २.७ मिमी वर्षा दर्ज की गई है। वहंी बारिश के कारण वातावरण में नमी बन आई है। हवाएं ठंड महसूस की जा रही है। जबकि अनूपपुर का अधिकतम तापमान २८ डिग्री सेल्सियस तथा न्यूनतम १९ डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। इससे पूर्व यह तापमान ३९-४० डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो