हजारो स्कूल तम्बाकू युक्त पान टपरी की जद में, आखिर कौन करे कार्रवाई
अनूपपुरPublished: Sep 16, 2019 03:24:42 pm
तम्बाकू मुक्त स्कूल संस्थान बनाने जारी कर दिया फरमान, जिम्मेदार झाड़ रहे पल्ला
हजारो स्कूल तम्बाकू युक्त पान टपरी की जद में, आखिर कौन करे कार्रवाई
अनूपपुर। युवाओं में नशे की बढ़ती लत और उससे होने वाले अपराध के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी आदेश में १०० गज के दायरे में आनेवाले दुकानों को हटाने के निर्देश में अब प्रशासकीय अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं। एसडीएम ने ५ सितम्बर को सभी शिक्षण संस्थान प्रमुखो एवं संचालको को शिक्षण संस्थान से १०० गज /९१ मीटर के दायरे से ऐसे उत्पाद सम्बंधित ब्रिकी करने वाले दुकानों को हटाने का आदेश जारी किया था। इस आदेश में एसडीएम ने एसडीओपी अनूपपुर और कोतमा सहित सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग अनूपपुर, प्राचार्य तुलसी महाविद्यालय अनूपपुर, प्राचार्य पॉलीटेक्निक कॉलेज अनूपपुर, तहसीलदार/ नायब तहसीलदार अनूपपुर, थाना प्रभारी अनूपपुर, भालूमाड़ा, चचाई तथा मुख्य नगरपालिका अधिकारी अनूपपुर और पसान को आदेशित करते हुए तत्काल अपने क्षेत्र से आदेश की जानकारी ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से आमजन व सम्बंधित दुकानों तक पहुंचाते हुए आगामी कार्रवाई के निर्देश दिए। लेकिन एसडीएम के आदेश के १० दिन बाद भी अबतक किसी भी स्कूल संस्थान के आसपास संचालित ऐसे दुकानों को हटाने की कार्रवाई नहीं की जा सकी। आदेश में एसडीएम ने कार्रवाई की सारी जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधकों के उपर थोप दी। जिसमें कुछ स्कूल प्राचार्यो ने एसडीएम के आदेश की कॉपी को नोटिस की जगह दुकानों को थमाकर प्राचार्यो के क्षेत्राधिकार से बाहर की बात कह पल्ला झाड़ लिया। प्राचार्यो का कहना है कि स्कूल परिसर के बाहर व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी पुलिस, नगरपालिका या राजस्व विभाग की बनती है, हम किस आधार पर उन्हें हटने के लिए कहें। जबकि आदेश की सूचनार्थ बाद भी न तो नगरपालिका, न एसडीओपी अनूपपुर व कोतमा, न शिक्षा विभाग से सम्बंधित अधिकारियों ने स्कूल परिसरों का निरीक्षण किया और ना ही निर्धारित परिधि के भीतर संचालित दुकानों को हटाने कोई कार्रवाई की। वहीं नगरीय क्षेत्र में नगरपालिका अधिकारियों ने भी लाउडस्पीक के माध्यम से किसी दुकानदारों को आदेश की कोई सूचना ही नहीं दी। ऐसे में एसडीएम के आदेश फौरी फरमान की भांति रजिस्टरों में दम तोड़ रही है। एसडीएम का कहना था कि अनुभाग के भ्रमण के दौरान यह बात सामने आई कि शिक्षण संस्थान के आसपास तम्बाकू उत्पाद की बिक्री की जाती है। जबकि शिक्षण संस्थानों के १०० गजे के दायरे में तम्बाकू उत्पाद की बिक्री अपराध की श्रेणी में आता है।
उल्लेखनीय है कि जिले में १६९६ शासकीय स्कूल हैं तथा २१८ निजी स्कूल संस्थान। जिनमें लगभग हजार स्कूलों की परिधि आसपास के बाजार एरिया से सटी है। कुछ स्कूल संस्थान ऐसे हैं जिनकी बाउंड्रीबॉल से सटे ही पान-टपरे संचालित है और यहां बेधडक़ तम्बाकू उत्पाद का बिक्री किया जाता है। शिक्षा और जागरूकता की निम्नता के कारण बच्चों से लेकर शिक्षक तक पान व तम्बाकू का सेवन कर कक्षाओं में आ रहे हैं। ऐसी अव्यवस्थाओं की मॉनीटरिंग में भी कभी जिला शिक्षा विभाग, सहायक आयुक्त आदिवासी विभाग और सर्वशिक्षा अभियान परियोजना समन्वयकों ने स्कूलों का भ्रमण नहीं किया। सिर्फ कागजों में शिकायतों के आधार पर नोटिस जारी की प्रक्रिया तक सीमित रहे।
बॉक्स: कौन करें कार्रवाई
एसडीएम द्वारा जारी आदेश में ७ वरिष्ठ विभागीय प्रमुखों को आदेश जारी किया गया है। लेकिन आश्चर्य अबतक इन ७ वरिष्ठ अधिकारियों चाहें व पुलिस महकमा हो या शिक्षा विभाग महकमा कोई कार्रवाई नहीं की।
वर्सन:
स्कूल संस्थानों के साथ वरिष्ठ अधिकारियों को भी कार्रवाई सम्बंधित निर्देश दिए गए हैं। अगर कार्रवाई नहीं हो रही है तो जानकारी लेकर आगे इनके खिलाफ सख्ती बरती जाएगी।
अमन मिश्रा, एसडीएम अनूपपुर।