अनूपपुर। अब तक स्थानीय ग्रामीण शिकारियों के शिकार का निशाना बन रहे वन्यजीवों के शिकार में अब बाहरी शिकारियों ने भी बंदूकों के साथ शिकार आरंभ कर दिया है। जिसमें १८-१९ जनवरी की रात डीएफओ अनूपपुर और चालक की सूझबूझ ने जमुड़ी बीट में बड़े शिकार के फिराक में जुटे तीन शिकारियों को मौके से गिरफ्तार कर उसके वाहन में रखे बंदूक, जिंदा कारतूस सहित अन्य हथियार जब्त किए है। इस दौरान वनविभाग के अमले ने कुछ वनजीवों के शिकार किए जाने की भी आशंका जाहिर की है। जिसकी तलाश की जा रही है। वहीं वनविभाग ने गिरफ्तार तीनों शिकारियों के खिलाफ वन अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय पेश किया है। वनमंडलाधिकारी अनूपपुर डॉ. अब्दुल अलीम अंसारी ने बताया कि १८-१९ जनवरी की रात उनकी नाईट गश्त की ड्यूटी लगी थी, जहां वे ११ बजे के आसपास अपने विभागीय जीप में चालक के साथ शहडोल-अमरकंटक मुख्य मार्ग स्थित कक्ष क्रमांक आरएफ ३८० जमुड़ी बीट नाका व किररघाट की ओर जा रहे थे। इसी दौरान वनमंडलाधिकारी ने जमड़ी नाका के पास एक लग्जरी जीप क्रमांक सीजी १३ यूसी ७३०४ को धीमी गति में मूवमेंट करते हुए पाया, सीजी नम्बर की वाहन देखकर उन्हें किसी शिकार की आशंका लगी, लेकिन मुख्य मार्ग होने के कारण अन्य कारण प्रतीत होता देखकर वे किररघाट की ओर बढ़ चले। जहां किररघाट वन चौकी के पास पदस्थ कर्मचारियों व अधिकारियों से क्षेत्र की जानकारी लेते हुए पुन: अनूपपुर की ओर वापसी की। इस दौरान रात १२.०५ मिनट के आसपास लग्जरी जीप उसी स्थल के पास मूव करता नजर आया। जहां शिकार किए जाने की आशंका में तत्काल उसे रोकने का इशारा किया। लेकिन गाड़ी के भीतर बैठा शिकारी चालक तेज रफ्तार में वाहन लेकर भाग निकला। इस दौरान डीएफओ वाहन के चालक ने हिम्मत दिखाई और तेज रफ्तार से वाहन को दौड़ा शिकारी जीप को ओवरटेक करने का प्रयास किया। लेकिन यहां भी चालक ने चालाकी दिखाते हुए वाहन को भाग लिया। जिसके बाद लगभग दो-तीन किलोमीटर की दूरी में डीएफओ वाहन के चालक ने बहादुरी से वाहन का पीछा कर शिकारी वाहन को ओवरटेक कर आगे खड़ी कर दी। जिसके बाद चालक ने सतर्कता के साथ अधिकारी के निर्देश में वाहन की तलाशी ली। जिसमें एक आधुनिक राइफल, 25 जिंदा कारतूस एवं एक खाली कारतूस, दो चाकू, एक गड़ासा एवं एक एयर बैग। इसमें एयरबैग और एक चाकू में खून लगा था पाया। इसकी सूचना डीएफओ दी। जिसके बाद अधिकारी ने तत्काल अपने कर्मचारियों को सूचना देते हुए मौके से वाहन सहित हथियारों को जब्त किया। चालक को गिरफ्तार करते हुए उसकी पूछताछ में जंगल में छिपे दो अन्य शिकारियों को भी पकड़ा। गिरफ्तार आरोपियों में ३२ वर्षीय सोहराव फिरदौसी पिता अबरार अहमद, ३३ वर्षीय वकील पिता मोहम्मद हुसैन फिरदौसी, ३५ वर्षीय आरिफ पिता कासिम फिरदौसी सभी निवासी नवागढ़ अंबिकापुर जिला सरगुजा छत्तीसगढ़ के बताए जाते हैं। बॉक्स: स्थानीय ग्रामीण के शामिल की आशंका, कॉल डिटेल भी खंगाले जाएंगेडीएफओ ने बताया कि पकड़े गए संदिग्ध आरोपियों के साथ स्थानीय अन्य लोगों के भी अपराध में सम्मिलित होना माना जा रहा है। जिसमें वन विभाग डॉग स्क्वायड शहडोल की मदद से वन क्षेत्र का परीक्षण कराया है। जिसमें कुछ स्थानों पर खून के धब्बे पाए गए हैं। इसके अलावा शिकारियों से जब्त दो मोबाइल के कॉल डिटेल भी खंगाले जा रहे हैं। जबकि खून से लगे चाकू, पाए गए बाल, और खून को फॉरेंस्कि लैब हैदराबाद भेजा जा रहा है। डीएफओ का कहना है कि स्थानीय शिकारियों के सहयोग में ही ३५० किलोमीटर दूर छग के शिकारी यहां शिकार में पहुंचे हैं, आरोपियों के अन्य अपराधों के साथ स्थानीय स्तर पर संदेही शिकारियों की जानकारी जुटाई जा रही है। कार्रवाई में उप वनमंडलाधिकारी केबी सिंह, परिक्षेत्राधिकारी पंकज कुमार शर्मा, परिक्षेत्र सहायक किरर रिचर्ड रेगीराव, संतोष श्रीवास्तव, वन चौकी किरर प्रभारी विनोद कुमार मिश्रा, वनरक्षक नर्मदा प्रसाद पटेल, बाल सिंह, राजमणि सिंह, हरिनारायण पटेल, रोहित उपाध्याय, रामेश्वर पटेल, हरिशंकर महरा, सुरेश प्रजापति, रईस खान, दिनेश रौतेल एवं राकेश रौतेल शामिल रहे। [typography_font:18pt;” >————————————————————–