तीन लाख बारदाना की जरूरत, सात हजार से अधिक किसानों से खरीदी बाकी
अनूपपुरPublished: Jan 18, 2020 08:35:15 pm
बारदाना का अभाव, धान बेचने के इंतजार में बैठे हैं हजारो किसान, कतार में खड़ी सैकड़ो वाहनें
तीन लाख बारदाना की जरूरत, सात हजार से अधिक किसानों से खरीदी बाकी
अनूपपुर। जिले में धान उपार्जन के लिए बनाए गए २२ उपार्जन केन्द्रों पर धान खरीदी का काम लगभग ठप सा है। सैकड़ों की तादाद में किसान विभिन्न उपार्जन केन्द्रों पर धान बेचने का इंतजार कर रहे हैं। जिला मुख्यालय $अनूपपुर कृषि उपज मंडी सहित बरबसपुर ओपन कैप पर ही लगभग तीन सैकड़ा से अधिक वाहन धान की बोरिया लोड कर बिक्री के लिए लम्बी कतार लगाए अपनी बारी के इंतजार में बैठे हैं। ऐसी स्थिति कमोवेश सभी उपार्जन केन्द्र पर बनी हुई है। लेकिन सोयायटी की ओर से किसानों का धान नहीं खरीदी किया जा रहा है। यह स्थिति पिछले एक सप्ताह से जिले के उपार्जन केन्द्रों पर बनी है। माना जाता है कि किसानों के उपार्जन के आधार पर सोसायटी में बारदानें उपलब्ध नहीं है। यहां तक सोसायटी द्वारा कम संख्या में उपलब्ध कराए जा रहे बारदानों में विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है, जिसे देखते हुए कुछ संवदेनशील उपार्जन केन्द्रों पर पुलिस बलों को भी तैनात किया गया है। सोसायटी प्रबंधकों का कहना है कि हमारे केन्द्र पर बारदानें ही नहीं हैं, जिसकी सूचना लगातार वरिष्ठ अधिकारियों को दी जा चुकी है, लेकिन अबतक व्यवस्था नहीं बन पाने के कारण उपार्जन कार्य लगभग बंद पड़ा है। जबकि १७ जनवरी की दोपहर को उपार्जन केन्द्र बरबसपुर ओपन कैप पर लगभग १५० किसान उपार्जन के लिए परेशान रहे। वहीं आसमान में छा रहे काले बादलों को देखकर किसानों के माथे चिंता की लकीरें खींची रहीं, कुछ किसानों ने बताया कि वह पिछले एक सप्ताह से धान बिक्री के लिए उपार्जन केन्द्र पर ही डेरा जमाएं हैं। किसानों की माने तो सोसायटियों पर पिछले शुक्रवार से बारदानों की आपूर्ति बंद है। सोमवार को चंद बोरियां उपलब्ध कराई गई जिसमें किसानों के बीच ही विवाद की स्थिति बन गई। विभागीय सूत्रों का कहना है कि जिले में अब भी लगभग ३ लाख ३० हजार से अधिक बारदानों की आवश्यकता है। अनूपपुर सजहा गोदाम में बारदाना समाप्त हो चुका है। कोतमा वेयर हाउस में लगभग २ लाख बारदानें हैं। लेकिन मजदूरों के अभाव में उनका वितरण आसपास के सोसायटी पर नहीं हो सका है।
बॉक्स: ७ उपार्जन केन्द्र पर नहीं एक भी बारदाना
विभागीय जानकारी के अनुसार जिले में बनाए गए २२ उपार्जन केन्द्रों में वेंकटनगर, सिंघौरा, धनगवां, पटनाकला, जैतहरी, राजेन्द्रग्राम, भेजरी, बरबसपुर, बिजुरी, दमेहड़ी, बेनीबारी में एक भी बारदाना सोसायटी पर उपलब्ध नहीं है। जिसके कारण यहां उपार्जन कार्य बंद है। वेंकटनगर में १५ हजार, सिंघौरा में ८ हजार, धनगवां में २५ हजार, जैतहरी में २५ हजार पटनाकला में २० हजार, राजेन्द्रग्राम में १० हजार, भेजरी में १० हजार तथा बरबसरपुर अनूपपुर उपार्जन केन्द्र पर २५ हजार बारदानों की आवश्यकता है।
बॉक्स: असुरक्षित भंडारित धान की बोरियां
आसमान में काले बादलों की उमड़-घूमड़ में किसानों के साथ साथ उपार्जन प्रबंधकों के होश उड़े हुए हैं। उपार्जन केन्द्रों पर हाल के दिनों में हुए उपार्जन तथा २२ उपार्जन केन्द्रों पर परिवहन के अभाव में अब भी भंडारित लगभग १ लाख १४ हजार क्विंटल धान की बोरियां खुले आसमान के नीचे भंडारित है। जहां बारिश की बौछार में लाखों क्विंटल धान गीली होकर बर्बाद हो जाएगी। इससे पूर्व भी बारिश के दौरान विभागीय व सोसायटी प्रबंधकों की लापरवाही में ७० हजार क्विंटल धान की बोरियां गीली होकर खराब हो चुकी थी। बावजूद विभाग की लापरवाही बरकरार है।
वर्सन:
हमारी ओर से सभी सोसायटी में लगभग ४ लाख क्विंटल का बारदाना भेजवाया गया है। लेकिन सोसायटी वाले किसान को बारदाना की कमी बताकर खरीदी में लापरवाही कर रहे हैं। यह सही है कि अब भी सैकड़ो वाहन खरीदी के इंतजार में बाहर खड़े हैं, जल्द ही व्यवस्था बनवाता हूं।
आरबी तिवारी, नागरिक खाद्य आपूर्ति विभाग प्रबंधक अनूपपुर।
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