परिवहनकर्ता व ऑपरेटर ने की ऐसी सांठगांठ कि गायब हो गया १७ लाख का गेहूं
फर्जी वेयरहाउस की रसीद जारी कर दर्शा दिया तीन ट्रक गेहूं का स्टॉक

अनूपपुर. वर्ष २०१६-१७ के दौरान उपार्जित केन्द्रों से भंडारण के लिए निकली तीन ट्रक धान के गायब के साथ अब तीन ट्रक गेहूं के लापता प्रकरण में वेयरहाउस द्वारा जारी होने वाली रसीद की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है। पूर्व में धान के परिवहन के दौरान भी तीनों ट्रकों के लिए फर्जी ऑनलाईन वेयरहाउस रसीद (डब्ल्यूएचआर) जारी किए गए थे। वहीं गेहूं के मामले में भी परिवहनकर्ता और नागरिक आपूर्ति विभाग के ऑपरेटर की सांठगांठ में तीनों ट्रक के लिए जारी किया गया वेयरहाउस रसीद बिना गोदाम में ट्रक पहुंचे फर्जी तरीके से जारी कर दी गई। परिणामस्वरूप शहडोल रैक प्वाईंट से अनूपपुर के लिए चली तीन ट्रक गेहूं १५०० बोरी गेहूं गोदाम से पूर्व गायब हो गई। जिसपर पूरे मामले में अब वेयरहाउस और नागरिक आपूर्ति विभाग के बीच खाद्यान्न की मात्रा के मिलान पर विवाद की स्थिति खड़ी कर दी है। वहीं खाद्यान्नों की कमी पर नागरिक आपूर्ति विभाग और वेयरहाउस गोदाम संस्थानों के जिम्मेदार भी अपनी जवाबों को कागजी दस्तावेज में प्रस्तुत कर असमंजस्य की स्थिति पैदा कर रहे हैं। जिसमें एक ओर मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉपरेशन लिमिटेड अनूपपुर के तत्कालीन क्वालिटी निरीक्षक रहे रज्जू कोल को नोटिस भेजकर जबाव मांगा गया। रज्जू कोल ने अपने कार्यकाल के दौरान तीन ट्रक गेहूं वेयरहाउस नहीं पहुंचने सहित डिपोजिट फार्म पर उनके हस्ताक्षर नहीं होने की बात कही हैं। रज्जू कोल का कहना है कि मेरे स्थानांतरण से पूर्व ४ अक्टूबर २०१६ को गोदाम से सम्बंधित रिकार्ड, जमापंजी, डेली डायरी एवं दैनिक वितरण पंजी का वेयरहाउस के रिकार्ड से मिलान कर कार्यालय के वरिष्ठ सहायक एससी बरैया को समस्त रिकार्ड की सूची सहित प्रभार सौंपा गया था। इस पूरी रिकार्ड में तीनों ट्रकों का कहीं कोई उल्लेख नहीं मिला और ना ही वाहनों की टीसी वेयरहाउस में पाई गई थी। जबकि अब प्रभार में नियुक्त मध्यप्रदेश स्टेट सिविल सप्लाईज कॉपरेशन लिमिटेड अनूपपुर क्वालिटी निरीक्षक अशोक शुक्ला ने दो विभागों के पत्राचार में उलझकर तीनों ट्रक गेहूं का भंडारण होना बता दिया है।
विभागीय सूत्रों का कहना है कि अशोक शुक्ला ने ट्रांसपोर्टर द्वारा दी गई वाहनों की सूची में निर्धारित कॉलम से नीचे पेन से लिखकर तीन गायब ट्रकों को वजन मानकों के साथ दर्शाकर की भ्रामक उपस्थिति के रूप दर्ज करा दिया है। जिसके उपरांत अब विभाग को खुद ही समझ में नहीं आ रहा कि १७ लाख की गेहंू आखिर कहां गया।
कहां से जारी हुई डब्ल्यूएचआर
विभागीय जानकारी के अनुसार शहडोल रैक से ट्रक क्रमांक एपपी ६५ जीए १२९० चालान क्रमांक 88/97 बोरी संख्या ३२० वजन १६१.३७ , एमपी १८ जीए २८८८ चालान क्रमांक ८८/५१ बोरी संख्या ७०० वजन ३५२.४६, एमपी १९ एचए २३९८ चालान क्रमांक ८८/ ४० बोरी संख्या ४८० वजन २४०.७५ क्विंटल कुल १५०० बोरी वेयरहाउस अनूपपुर के लिए भेजी गई। जिसका एचआरडब्ल्यूड अनूपपुर नान द्वारा जारी किया। इसे ऑपरेटर द्वारा ऑनलाईन के माध्यम से जारी किया जाता है और इसे लॉगिन कर पासवर्ड के माध्यम से ही खोला जाता है। बावजूद १५०० बोरी लगभग १७ लाख ३५ हजार ५३४ रूपए की गेहूं का फर्जी डब्ल्यूएचआर जारी कर गायब कर दिया गया। इसी तरह ४ ट्रक धान के भंडारण के दौरान भी फर्जी डब्ल्यूएचआर जारी किए गए थे। हालांकि बाद में खोजबीन में एक ट्रक धान को विभाग ने जब्त किया था। शेष तीन ट्रक धान आज भी लापता है।
इनका कहना है
मेरे द्वारा जारी किए गए नोटिस पर दोनों पदाधिकारियों द्वारा भ्रामक जानकारी दिया गया है। पूर्व क्वालिटी निरीक्षक ने वाहन नहीं पहुंचने की बात लिखी है जबकि वर्तमान क्वालिटी निरीक्षक ने उपस्थिति का जवाब दिया है।
एसके कोष्टा, जिला प्रबंधक, नागरिक आपूर्ति विभाग, शहडोल।
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