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तेज आंधी में गिरे पेड़, शहर में छाया अंधेरा, प्री मानसून की बारिश ने मचाई तबाही

locationअनूपपुरPublished: Jun 04, 2019 02:10:47 pm

Submitted by:

amaresh singh

नालियां जाम, सड़क पर फैला बारिश का पानी

Trees falling in the thunderstorm dark shadow in city

तेज आंधी में गिरे पेड़, शहर में छाया अंधेरा, प्री मानसून की बारिश ने मचाई तबाही

अनूपपुर। अनूपपुर शहर में हुई प्री मानसून की बारिश ने नगरपालिका अनूपपुर की सफाई तथा मानसून की तैयारियों का पोल खोल दी। सोमवार की दोपहर तेज तूफान के साथ लगभग घंटेभर हुई जोरदार झमाझम बारिश में शहर का कोना कोना नालियों के पानी से भरकर सड़कों पर उफान मारने लगा। कुछ स्थानों पर जाम नालियों के कारण उसमें फंसे प्लास्टिक, बोतल तथा कचरे के कारण पूरा नाला ही गंदे और बारिश के पानी से अटा पड़ा रहा।


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सड़कों पर भर गया पानी
जिसके कारण सड़कों पर मोटा पानी भरा रहा। लेकिन वहां पैदल चलने वाले नगरवासियों व यात्रियों के लिए अन्य कोई विकल्प मार्ग नहीं होने के कारण उन्हीं गंदे पानी के बीच आगे की यात्रा करनी पड़ी। जबकि हाल के दिनों में बिजली विभाग द्वारा किए गए मेंटनेंस कार्य के बावजूद जिला मुख्यालय सहित सोनमौहरी गांव में कुल आठ स्थानों पर पेड़ों की डालियां व पेड़ बिजली के तारों पर गिरकर शहर को घंटो अंधेरे में धकेल दिया।

 

सर्विस लाईन की तारें टूटकर जमीन पर गिर गई
पेड़ों के बिजली के तारों पर गिरने के कारण अनेक स्थानों पर11 केवी उच्च क्षमता व सर्विस लाईन की तारें टूटकर जमीन पर गिर गई। जबकि कुछ स्थानों पर पेड़ मार्ग पर गिर आए, जिससे शहर की यातायात व्यवस्था भी घंटो अवरूद्ध हो गया। कुल मिलाकर मानसून से पूर्व बारिश की पानी में अनूपपुर शहर नर्क बन गया। लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों ने नगर की सुधी नहीं ली।
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मात्र एक घंटे की बारिश में हुआ यह हाल
नगरवासियों का कहना था कि यह हालात मात्र एक घंटे की बारिश तथा एक दिन की है। जबकि चंद दिनों बाद मानसून की बारिश में दिन-रात तेज हवाओं के साथ बारिश की झमाझम बनेगी। नगरवासियों का आरोप है कि नगरपालिका अनूपपुर जिला मुख्यालय क्षेत्र होने के बावजूद यहां नगरीय प्रशासन सहित जिला प्रशासन की अनदेखी का शिकार है। जबकि नगरीय प्रशासक के रूप में यहां जिला प्रशासन के अधिकारी नियुक्त है, लेकिन नगर में सफाई और पानी निकासी जैसी कोई व्यवस्था अबतक पूर्ण नहीं की जा सकी है। अगर अधिकारियों का यही रवैया रहा तो बारिश के दिनों में नगरवासियों को कीचड़ और गंदे पानी के बीच जरूरतें पूरी करनी होगी।
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नहीं है ड्रेनेज और नालियों की सुविधा
जिले बनने के 15 साल बाद भी अनूपपुर नगरपालिका में ड्रेनेज जैसी सुविधा का अभाव है, नालियां भी ग्राम पंचायत स्तर की बनी है। इस दौरान पिछली पंचवर्षीय योजना में कुछ वार्डो में सीमेंट की चौड़ी नालियां बनाई गई। लेकिन सफाई और पानी निकासी के अभाव में ये नालियां अब कचरा संग्रह का स्थल बन गया है। जबकि नगरपालिका अनूपपुर में 15 वार्ड के लिए 58 सफाई कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। इसके अलावा तीन जोन चेतना नगर, इंदिरा तिराहा, और नगरपालिका क्षेत्र बनाते हुए पांच सुपरवाईजरों के हिस्से जिम्मेदारियां सौंपी है। लेकिन सोमवार को हुई बारिश तथा उसके निकलकर आए नतीजों से लगता है कि नगर की सफाई सिर्फ कोरी कागजी कार्रवाई है।

बाल बाल बचे दुकानदार व यात्री
दोपहर बारिश के साथ चली तेज आंधी के झोंके में शासकीय कन्या हायर सेंकेडरी स्कूल परिसर में लगी पेड़ का उपरी हिस्सा अचानक टूटकर गिर पड़ा। लेकिन गिरने के दौरान टेलीफोन के गड़े खम्भे और स्ट्रीट लाईट के खम्भों से टकराकर परिसर के बाउंड्रीबॉल पर जा गिरा। इसमें बड़ा हादसा होने से टल गया। शिक्षकों के अनुसार अगर बाउंड्रीबॉल नहीं होती तो मुख्य मार्ग किनारे लगे टपरों के साथ बैठकी लगाकर दुकान संचालित करने वाले दुकानदारों के साथ अप्रिय घटना हो सकती थी। लेकिन सभी बाल बाल बच गए। वहीं वनविभाग परिसर के पास भारी-भरकम पेड़ रेलवे फाटक-कोतवाली मार्ग पर जा गिरा, जिसके कारण दोनों दिशाओं की आवाजाही बंद हो गई।

पहली बारिश के कारण ऐसी अव्यवस्था बनी है, जल्द ही समस्त नालियों की सफाई के साथ साथ नालों को दुरूस्त कराया जाएगा, ताकि पानी सड़क पर नहीं बहे और गंदगी बिखरे। मानसून में ऐसी अव्यवस्था नहीं बनेगी।
ऋषि सिंघई, नगरीय प्रशासक एवं डिप्टी कलेक्टर अनूपपुर

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