Video Story – इस वनपरिक्षेत्र में हाथियों ने बिताया दो दिन, अब ढाई माह बाद जिले की सीमा से हुए बाहर
अनूपपुरPublished: Jun 24, 2022 11:27:49 am
छग की सीमा में हाथियों के झुंड की वापसी, सप्ताहभर पूर्व बिछड़ा छोटा पहुंचा था मरवाही के जंगल, वनविभाग ने ली राहत की सांस
Video Story – इस वनपरिक्षेत्र में हाथियों ने बिताया दो दिन, अब ढाई माह बाद जिले की सीमा से हुए बाहर
अनूपपुर। पिछले ढाई माह से अनूपपुर वनमंडल के विभिन्न वनपरिक्षेत्रों में विचरण कर रहा दो सदस्यी हाथियों का झुंड २१ जून की शाम अमरकंटक वनपरिक्षेत्र की सीमा लांघकर छग की सीमा में प्रवेश कर गया है। दोनों हाथियों ने छग के गौरेला वनपरिक्षेत्र की ओर रवानगी भरी है। इस दौरान दोनों हाथियों के झुंड ने रास्ते में आए कुछ गांवों जो जंगल से सटे हुए थे के कच्चे मकानों को निशाना बनाते हुए तोड़-फोड़ मचाई और अंदर रखे अनाज को आहार बनाकर आगे बढ़ते चले। वनविभाग अधिकारी ने बताया कि 21 जून की शाम को दोनों हाथी वन परिक्षेत्र राजेन्दगाम के गढीदादर से विचरण करते वन परिक्षेत्र अमरकंटक के पौड़ी, बरसोत, दमगढ के जंगल पहुंचे थे। जहां बुधवार को पूरे दिन विश्राम करने के बाद शाम को भुंडाकोना के जंगल से विचरण करते हुए 22 जून की शाम शहडोल अमरकंटक मुख्य मार्ग स्थित जालेश्वर तिराहे के पास से जंगल को पार कर जालेश्वर मंदिर के पीछे पहुंचे। इसके बाद शाम को उमरगोहान गांव में पहुंच कर एक झोपड़ी को तहस-नहस कर अंदर रखे सामान को खाया। यहां से देवगढ़ होकर पहाड़ चढ़ते हुए छत्तीसगढ़ के गौरेला वन क्षेत्र के चुकतीपानी के जंगल में पहुंचे। जहां अब रहवास बनाया है। हाथियों के वापस छत्तीसगढ़ पहुंचने के बाद वनविभाग अमला ने राहत महसूस किया है। एसडीओ वन राजेन्द्रग्राम मान सिंह मरावी बताते हैं कि अभी तक दोनों हाथियों ने राजेन्द्रग्राम वनपरिक्षेत्र तक विचरण करते हुए डिंडौरी सीमा में प्रवेश किया था। लेकिन वापसी के उपरांत अमरकंटक की ओर भी पहुंचे। जिसे देखते हुए वनपरिक्षेत्र राजेंद्रगाम, अमरकंटक के अमले एवं पुलिस विभाग की मदद से हाथियों के विचरण पर नजर रखते हुए ग्रामीणों को सुरक्षित रखा गया। हाथियों ने कुछ घरों को अवश्य नुकसान पहुंचाया है। जिसका मुआवजा प्रकरण राजस्व विभाग की ओर बनाया जा रहा है।
लगभग तीन माह तक अनूपपुर के जंगल में विचरण
१ अप्रैल को तीन दंतैल हाथियों का झंड मरवाही की जंगल से कोतमा वनपरिक्षेत्र की सीमा में प्रवेश किया था। जिसके बाद जैतहरी, अनूपपुर, बुढार(शहडोल), अहिरगवां, राजेन्द्रग्राम, डिंडोरी जिला के जंगल के साथ राजेन्द्रग्राम की ओर वापसी करते हुए पूरे ढाई माह से अधिक समय तक विचरण किया। हालांकि इस दौरान डिंडोरी में तीन हाथियों में छोटा हाथी बिछड़ गया था, जो सप्ताह दिन पूर्व डिंडोरी से वापसी करते हुए छग की ओर चला गया। जिसमें छग में दो ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया था।
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