Video Story- यहां मानसून का कमजोर पड़ा सिस्टम, खरीफ की मात्र 77 फीसदी बुवाई, किसानों की बढ़ी चिंता
पिछले वर्ष की तुलना में भी 100 मिमी कम बारिश, धान की ब्रीडिंग हो सकती है प्रभावित
अनूपपुर
Published: August 02, 2022 11:57:13 am
अनूपपुर। जिले में इस वर्ष पड़ी भीषण गर्मी और आंधी तूफान के बाद बेहतर मानसून होने की आशाओं पर पानी फिरता नजर आ रहा है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान में शत प्रतिशत मानसूनी बारिश की संभावना में सिस्टम कमजोर जान पड़ रहा है। जिसके कारण आसमान में २४ घंटे काले बादलों की बनी उमड़-घूमड़ के बाद भी कम बारिश हो रही है। इससे खेतों में खरीफ की बुवाई का काम प्रभावित हो रहा है। खासकर धान की बुवाई या रोपणी भी मात्र ७७ प्रतिशत तक ही हो सकी है। किसानों का कहना है कि अगर मौसम के यही हालात रहे तो किसान वर्तमान में किसी प्रकार सिंचाई कर धान की रोपाई कर लेंगे। लेकिन बाद में कम पानी की मात्रा में धान की पैदावार बेहतर नहीं हो सकेंगे। इसमें पानी के अभाव में धान की ब्रीडिंग कम होगी। बारिश के आंकड़ों को देखा जाए तो पिछले दो माह के दौरान जिले में मात्र ४९०.५ मिमी औसत बारिश दर्ज की गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में १०६ मिमी औसत वर्षा कम है। १ अगस्त की तारीख तक में वर्ष २०२१ में जिलेभर में ५९६.५ मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई थी। जबकि १ जून से १ अगस्त तक की तारीख में कम से कम ५१७.८ मिमी औसत वर्षा दर्ज होनी चाहिए थी।
अधीक्षक-भू-अभिलेख कार्यालय अधिकारी एसएस मिश्रा ने बताया कि चूंकि जून माह बारिश के आंकड़ा संग्रहण का शुरूआती महीना होता है, इसलिए पिछले वर्ष १ जून २०२१ से ३० मई २०२२ तक जिले में ९८.७ प्रतिशत बारिश हुई है। जिले में कुल १२९०.२ मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है। जबकि जिले की सामान्य औसत बारिश की मात्रा १३०६.५ मिमी है। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से शुरूआती मानसून सक्रिय हुआ, उसके बाद पश्चिमी विक्षोप में कुछ दिनों तक बारिश के बाद वह सिस्टम कमजोर पड़ गया है। इससे किसानों को आगामी दिनों परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
पिछले वर्ष और वर्तमान वर्ष में बारिश के आंकड़े
वर्षामापी केन्द्र १जून से १ अगस्त २०२२ १जून से १ अगस्त २०२१
अनूपपुर ५३२.० ७३८.७
कोतमा ३८९.८ ५६९.८
जैतहरी ३८१.४ ७४२.०
पुष्पराजगढ़ ५६०.४ ५३८.६
बिजुरी ४२८.७ ५०७.१
वेंकटनगर ४२५.५ ५४८.०
बेनीबारी ४९०.० ४११.३
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कुल वर्षा ३९२४.७ ४७७२.६
जिले में औसत वर्षा ४९०.५ ५९६.५ मिमी
१.८४ लाख हेक्टेयर खरीफ के लक्ष्य में ७७ फीसदी बुवाई, धान मात्र ७१
इस वर्ष १ लाख ८४ हजार हेक्टेयर रकबा खरीफ के लिए लक्षित किया गया है। जिसमें धान१०५.९५ हजार हेक्टेयर, मक्का १४.७२ हजार हेक्टेयर, ज्वार २०0 हेक्टेयर, कोदो २०.१५ हजार हेक्टेयर, उड़द ८.९० हजार हेक्टेयर, मूंग १.२० हजार हेक्टेयर, अरहर १५.३४ हजार हेक्टेयर, कुल्थी ५०० हेक्टेयर, तिल २.९९ हजार हेक्टेयर, रामतिल ७.८६ हजार हेक्टेयर, मूंगफली १.३० हजार हेक्टेयर, और सोयाबीन ५.६१ हजार हेक्टेयर हैं। जिसमें अब तक मात्र ७७ फीसदी बुवाई का काम हो सका है। जबकि धान की रोपाई भी पानी के अभाव में ७१ फीसदी ही हो पाई है।
वर्सन:
मौसम का सिर्फ आंकलन किया जा सकता है, बारिश कम ही मात्रा में लेकिन बरस रही है। किसान वर्षा के पानी के साथ जरूरत के अनुसार सिंचाई का भी सहारा लेकर धान की रोपाई कर रहे हैं।
एनडी गुप्ता, उपसंचालक कृषि विभाग अनूपपुर।
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