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Video Story- मिट्टी के लड्डू से 9 हजार से ज्यादा अंकुरित हुए पौधे, ले रहा बड़ा होने का स्वरूप

locationअनूपपुरPublished: Aug 10, 2022 10:11:43 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

सीड बॉल: अहिरगवां, राजेन्द्रग्राम और अमरकंटक में वनविभाग ने सीडबॉल के साथ बीजों का किया रोपण

Video Story- More than 9 thousand plants sprouted from earthen laddus,

Video Story- मिट्टी के लड्डू से 9 हजार से ज्यादा अंकुरित हुए पौधे, ले रहा बड़ा होने का स्वरूप

अनूपपुर। सीडबॉल के माध्यम से खुले और पहुंचविहीन स्थानों पर पौधा अंकुरित कर वन वृद्धि के प्रयास में पत्रिका की ओर से चलाए जा रहे पत्रिका प्रोग्रेसिव माइंडसेट ‘ मिट्टी के लड्डू’ अभियान में वनविभाग ने अपने तीन रेंजों में अब तक ९ हजार से अधिक सीड बॉल तैयार करते हुए जमीन में रोपित किया है। इनमें कुछ बीजों से नए कलरव निकलते हुए पौधे का स्वरूप निकल आया है। जो प्रकृति के धूप, पानी, हवा, वातावरण और नमी में अपना पोषण करते हुए वन का स्वरूप लेगा। इसके लिए वन विभाग ने राजेन्द्रग्राम, अहिरगवां, और अमरकंटक वनपरिक्षेत्रों में सीड बॉल के अभियान संचालित किए। वनविभाग के अधिकारी ने बताया कि अब तक तीनों वनपरिक्षेत्रों में ३-३ हजार की संख्या में सीड बॉल तैयार किए। उन्होंने बताया कि १५ अगस्त तक चलाए जा रहे इस अभियान में अब भी और आंकड़े सामने आएंगे। इसके अलावा कुछ बीजों को बिना सीड बॉल के ही जमीन में रोपित किया गया है। जिन्हें फेंसिंग वाले स्थानों पर लगाया गया है ताकि मवेशियों से इनकी सुरक्षा हो सके। वहीं कुछ बीज और सीडबॉल को बंद कुप क्षेत्र में लगाया गया है। बंद कुप क्षेत्र वे एरिया कहलाते हैं जहां चराही बंद होती है, अर्थात मवेशियों का पांच-छह वर्षो तक प्रवेश निषेध होता है। यहां पेड़ों की कटाई के बाद उसी स्थान पर बीज को डालकर पौध अंकुरित के लिए छोड़ा जाता है। इसमें राजेन्द्रग्राम, अमरकंटक और अहिरगवां वनपरिक्षेत्र में पूर्व में २०००-२००० सीडबॉल तैयार किए हैं।
मिट्टी नहीं मिलने पर जमीन में रोपा, सागौन के साथ औषधियुक्त पौधों के बीज
वनविभाग अधिकारी ने बताया कि प्रकृति संरक्षण के उद्देश्य से सीडबॉल को तैयार किया गया है। सीडबॉल काली मिट्टी या दोमट मिट्टी के बनाए जाते हैं। लेकिन वर्तमान में मानसून सीजन होने और खेतों में फसलें लग जाने के कारण मिट्टी की कमी बनी, जिसे देखते हुए खाली या वृक्षारोपण वाले एरिया में बीजों को रोपित किया गया है। इनमें सागौन सहित हर्रा, बहेरा, जामुन, कुसुम, नीम और लसौरा के बीज डाले गए हैं। अब डाले गए सीड बॉल और बीजों से पौधों का अंकुरण हो रहा है।
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