video story- इस भूमिगत खदान में सुबह काम के लिए उतरा मजदूर, शाम को नहीं आया उपर, देर रात मिला शव
घर नहीं लौटने पर परिजनों ने प्रबंधक को दी जानकारी, बत्ती जारी के बाद सम्बंधित मजदूर की बत्ती का नम्बर नहीं किया मिलान
अनूपपुर
Published: June 19, 2022 12:02:16 pm
अनूपपुर। एसईसीएल हसदेव क्षेत्र अंतर्गत बिजुरी उपक्षेत्र के बहेराबांध भूमिगत कोयला खदान से शनिवार की रात २.३० बजे ५९ वर्षीय श्रमिक जगरूप रैदास पिता शिवनाथ निवास उर्जानगर सी ब्लॉक कॉलोनी का शव बाहर निकाला गया। फोरमैन के रूप में कार्यत जगरूप रैदास १७ जून की सुबह प्रथम पाली में काम करने खदान के नीचे उतरा था, जो शाम ४ बजे तक घर नहीं पहुंचा। जिसके बाद परिजनों के इंतजार के बाद भी रात में नहीं पहुंचने पर परिजन ९ बजे कॉलरी पहुंचे और प्रबंधन को इसकी जानकारी दी। इसके बाद प्रबंधन ने खदान के भीतर श्रमिक की खोजबीन करते हुए रात २.३० बजे उसे मृतावस्था में पाया। जिसे रुफ बैल्ट के सहारे खदान से बाहर निकाला। शव को बिजुरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र लाया गया, जहां पंचनामा तैयार कर पीएम उपरांत परिजनों को सौंप दिया। पुलिस मर्ग कायम कर मामले की जांच कर रही है। बताया जाता है कि इस श्रमिक की मौत में बत्ती बाबू के साथ प्रबंधन की लापरवाही सामने आई है। जहां बत्ती घर से श्रमिकों को जारी होने वाली बत्ती कार्य समाप्ति के बाद बत्तीघर में जमा होती है। लेकिन इस दौरान बत्ती बाबू ने सम्बंधित श्रमिक के बत्ती का मिलान नहीं किया और ना ही बत्ती के गायब होने पर प्रबंधन को इसकी जानकारी दी। वहीं भूमिगत खदान के भीतर श्रमिक का शव १९ घंटे से अधिक समय तक पड़ा रहा और प्रबंधन के सुरक्षा अधिकारियों व अन्य जिम्मेदारों को इसकी भनक तक नहीं लगी। बताया जाता है कि मृतक श्रमिक छह माह बाद सेवानिवृत्त होने वाला था।
परिजनों ने लगाए आरोप, दो बार हो चुका था निलंबित
परिजनों ने बताया कि बिजुरी उपक्षेत्र के बहेराबांध भूमिगत खदान में कार्यरत श्रमिक जगरूप रैदास शुक्रवार की सुबह 7 बजे प्रथम पाली में ड्यूटी पर गया हुआ था। शाम 5 बजे तक घर नहीं पहुंचने पर परिजन चिंतित होने लगे। जिसके बाद संभावनाओं पर कि रात में वापसी कर जाए। लेकिन रात ९ बजे तक घर नहीं पहुंचे। इसके बाद चिंता होने पर खोजबीन में कॉलरी जा पहुंचे। जांच में पता चला कि कर्मचारी ड्यूटी पर खदान के भीतर जरूर गया है, लेकिन वहां से अभी तक लौटा नहीं है। टूल्स बॉक्स में उसके सामान और पास ही बाइक खड़ी पाई गर्ई। वहीं खदान के भीतर से लौटने वाले कर्मचारियों की बत्ती जमा की जाती है। लेकिन यहां बत्ती जमा नहीं होना पाया गया। प्रबंधन के खोजबीन में रात लगभग 2.30 बजे खदान में बेल्ट के किनारे श्रमिक का शव मृतावस्था में पाया गया। मृतक के पुत्र अजय और विजय ने प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पिता 6 माह में सेवानिवृत्त होने वाले थे। इसके बावजूद उन्हें प्रबंधन प्रताडि़त कर रहा था। कार्य के दौरान उन्हें दो बार निलंबित भी किया गया है। जिसके कारण वह मानसिक रूप से परेशान थे।
प्रबंधन ने कहा जांच के बाद ही कुछ कह पाएंगे
मौके पर उपस्थित एरिया सुरक्षा अधिकारी सहित प्रबंधन के अन्य अधिकारियों ने परिजनों के इस आरोप पर श्रमिक की मौत कैसे हुई इसकी जांच कराई जाएगी। इसके साथ ही पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है ।
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