गांव के पांव: इस गांव में अधिक संख्या में उगते थे बेल के पेड़, गांव का नाम ही पड़ गया बेलगांव
अब भी अधिक तादाद में लगे हैं बेल के पेड़
अनूपपुर
Updated: April 14, 2022 11:50:20 am
अनूपपुर। अधिकांश गांवों और शहरों का वजूद वहां किसी धार्मिक देवी-देवताओं के स्वयं भू स्थापना या किसी राजा-महाराजा के नाम पर स्थापित होता है, लेकिन कोतमा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बेलगांव का नाम यहां अधिक मात्रा में उगे बेल के पेड़ों के कारण पड़ गया। गांव के बुजुर्ग बताते है कि इस गांव में अधिक संख्या में बेल के पेड़ उगते थे, जिनके फल भी स्वादिष्ट होने के साथ स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते थे। यहां गांव के साथ आसपास के ग्रामीण भी बेल लेने पहुंचते थे। जिसकी वजह से स्थानीय व आसपास के गांवों के ग्रामीणों ने इसका नामांकरण बेलगांव के रूप में कर दिया। हालंाकि धीरे-धीरे आबादी बढऩे के साथ पेड़ों की कटाई भी होने लगी। लेकिन फिर भी वर्तमान में गांव के अनेको स्थानों पर बड़ी तादाद में बेल के पेड़ लगे हुए हैं। पंचायत की जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत बेलगांव में 16 वार्ड हैं, जिनमें 2000 की आबादी निवासरत है। यह गांव बिजुरी नगर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। गांव में हाई स्कूल भी है, जहां स्थानीय बच्चे अध्ययन करते हैं। स्थानीय ग्रामीण तथा समाजसेवी पप्पू त्रिपाठी बताते हैं कि गांव का नाम बहुतायत संख्या में स्थित बेल के पेड़ की वजह से पड़ा। गांव के किस्से-कहानियों में बुजुर्गों द्वारा अब भी इसकी चर्चा की जाती है। आज भी गांव में दर्जनों स्थानों पर बेल के पेड़ लगे हैं। हालंाकि अब ग्राम सभा में गांव का नाम नंदीग्राम करने पर भी प्रस्ताव दिया गया है। जिस पर संभावनाएं है कि जल्द ही अन्य नाम पर गांव विचार करेगी।
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गांव के पांव: इस गांव में अधिक संख्या में उगते थे बेल के पेड़, गांव का नाम ही पड़ गया बेलगांव
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