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घटो में विराजी आदिशक्ति माता, शक्ति उपासना का महापर्व आरम्भ

locationअनूपपुरPublished: Oct 18, 2020 08:26:44 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

शारदेय नवरात्र: या देवी सर्वभूतेषु: शक्ति रुपेंण संस्थिता, नमस्तस्यै-नमस्तस्यै-नमस्तस्यै नमौ.. से गूंजे देवालय

Viraji Adishakti Mata, the great beginning of Shakti worship

घटो में विराजी आदिशक्ति माता, शक्ति उपासना का महापर्व आरम्भ

अनूपपुर। आदिशक्ति देवी माता दुर्गा की आराधना का महापर्व आश्विन शुक्ल प्रतिपदा शारदेय नवरात्र शनिवार १७ अक्टूबर से शुभारम्भ हो गया। नौ दिनों तक आदिशक्ति के विभिन्न स्वरुपों की विविधत पूजा-अर्चना की जाएगी। नवरात्रि के प्रथम दिन शनिवार को मां शैलपुत्री की पूजा उपासना की गई। वहीं दूसरे दिन बह्मचारिणी माता का पूजन अर्जन किया जाएगा। सुबह-शाम मंदिरों में हवन व श्लोकों के गुजांयमान से सारा क्षेत्र धर्मामय हो गया है। जिले के विभिन्न क्षेत्रों में स्थित माता की मंदिरों में सुबह से ही ‘या देवी सर्वभूतेषु: शक्ति रूपेंण संस्थिता जैसे श्लोक की गंूज चहुओर गुंजाईमान हो रही है। इस अवसर पर माता के दर्शन व पूजा अर्चना के लिए मंदिरों में श्रद्धालुओं व भक्तों की कतार लग गई है। पवित्र नगरी अमरकंटक में मां नर्मदा मंदिर, ज्वालेश्वरधाम के दुर्गा मंदिर, तुलरा की विरासनी माता मंदिर, राजेन्द्रग्राम, बेनीबारी, जैतहरी, बैंकटनगर, कोतमा, बिजुरी, राजनगर, आमाडांड स्थित विभिन्न मान्याताओं वाली देवी मंदिर सहित जैतपुर स्थित भठिया, पकरिहा स्थित मरखी देवी के मंदिरों में विधि विधान से माता शक्ति की पूजा अर्चना आरम्भ है। वहीं अनूपपुर शहर में विभिन्न पूजा समितियों द्वारा प्रतिमाएं स्थापित की गई है। अलावा सामतपुर स्थित त्रिमूर्ति देवी मढिय़ा, बूढ़ी माई मंदिर, पटौरा टोला स्थित माता मंदिर, खेरमाई मढिय़ा, चचाई रोड स्थित दुर्ग़ा मंदिर, सिद्धबाबा आश्रम में नवरात्र का महापर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के कारण शासन द्वारा जारी कोविड गाइडलाईन के अनुसार मंदिरों में प्रवेश और पूजा अर्चना की व्यवस्था बनाई गई है। मंदिर में एक-एक श्रद्धालुओं का प्रवेश, मंदिर द्वार पर सेनेटाइजर और मास्क अनिवार्य किया गया है।
बॉक्स: शैल पुत्री के पूजन से आरम्भ हुआ नवरात्र
मां के नौ स्वरुपो में प्रथम माता भगवती शैलपुत्री जो पर्वतराज हिमालय की पुत्री मानी जाती है का पूजन अर्चन किया गया। इस अवसर पर भक्तों ने माता का पूजन विधि- विधान से कर नवरात्र की शुरुआत की। जबकि रविवार को ब्रह्चारिणी स्वरूपा माता के दूसरे रूप का पूजन अर्जन किया जाएगा। पंडित नरेन्द्र तिवारी के अनुसार देवी का आह्वान लाल पुष्प और अक्षत से करना श्रेष्ठ होता है। देवी को लाल कनेर का फूल, लाल झंडा और लाल चुनरी विशेष प्रिय है। पूरे नौ दिनों तक जो श्रद्धालु व्रत का धारण कर मातारानी की श्रद्धा एवं भक्ति से आराधना करता है, उसके जीवन में कभी विपत्ति नहीं आती है। वह प्राणी हमेशा मां की कृपा का पात्र बना रहता है।
बॉक्स: रहेगी चाक चौबंद व्यवस्था
नवरात्रि के साथ कोरोना संक्रमण को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्थाओं के लिए पुलिस बल की व्यवस्था को भी चाक चौबंद किया जा रहा है। किसी भी स्थल पर अप्रिय घटना जैसी वारदात न हो इस पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न मंदिरों में एक पुलिस जवान की तैनाती की गई है। जबकि जवारे के दिन विशेष व्यव्स्था की जाएगी।
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