स्वयं से कुछ करने की थी इच्छा, ब्यूटी पार्लर से बनाई अपनी पहचान
ब्यूटी पार्लर की आय से बेटियों को दी इंजीनियरिंग और डॉक्टरी की शिक्षा, दूसरों को भी कर रही प्रशिक्षित

अनूपपुर। ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले, ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है। कुछ ऐसी की घटना एक नववधु के साथ घटी, जब १९ वर्ष की आयु में शादी कर ससुराल पहुंची। लेकिन घर की स्थिति बेहतर नहीं होने और परिवार की जिम्मेदारी सम्भालने में स्वयं के रोजगार को स्थापित किया और अपनी पहचान बनाने के साथ साथ बच्चों और घर की बेहतर परवरिश की। बिजुरी नगर निवासी मीना गोकलानी आज एक सफल गृहणी के साथ साथ एक सफल महिला के रूप में भी पहचानी जाती है। मीना गोकलानी बताती है कि पारिवारिक परिस्थितियों में खुद कुछ करने की इच्छा मन में थी और घरवालों का सहयोग मिल गया। जिसके दम पर ब्यूटी पार्लर का संचालन करते हुए अपनी बेटियों को पढ़ाया साथ ही उनकी अच्छी परवरिश भी की। वह बताती है कि 19 वर्ष की कम उम्र में विवाह हो जाने के बाद घर की जिम्मेदारियां आ पड़ी। 27 वर्ष पूर्व उसने ब्यूटी पार्लर प्रारंभ किया, तब मन में झिझक भी थी। साथ ही यह भी लगता था कि यह काम चलेगा भी या नहीं। लेकिन अपनी मेहनत और लगन से इसी के दम पर वह पूरे घर को चला रही है।
बॉक्स: बेटियों की पूरी जिम्मेदारी निभाई
मीना गोकलानी ने बतलाया कि ब्यूटी पार्लर के ही कार्य को करते हुए उन्होंने अपनी एक बेटी को इंजीनियरिंग तथा दूसरी को डॉक्टर की पढ़ाई पूरी की। पति की मृत्यु के बाद भी वह स्वयं सभी जिम्मेदारियों को पूरा कर रही है। इसके साथ ही वह संपर्क में आने वाले महिलाओं को इस कार्य का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही है। मीना का कहना है कि समाज में बहुत सी महिलाएं, युवतियांं है जो स्वरोजगार की चाह रखती है, लेकिन उसे प्रशिक्षण, परिवारिक सपोट, और आर्थिक कमी में पीछे हट जाती है। उन्होंने बताया कि महिलाएं कोमल जरूर है, लेकिन कमजोर नहीं। दृढ़ इच्छाशक्ति से वह हर परिस्थिति का सामना कर सकती है।
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