बारातियों के साथ ऐसा क्या हुआ जो खुशियां बदल गई मातम में, एक की मौत 4 गम्भीर
अनूपपुरPublished: Mar 15, 2019 12:03:15 pm
मोबाईल बैटरी से खेल रहे छात्र के हाथों में फट गई बैटरी, हथेली के उड़े चिथड़े
बारातियों के साथ ऐसा क्या हुआ जो खुशियां बदल गई मातम में, एक की मौत 4 गम्भीर
अनूपपुर। अनूपपुर जिला मुख्यालय से 7 किलोमीटर दूर पिपरिया पटेल परिवार में बुधवार की रात उस समय बेटे की शादी के लिए निकली बारात मातम में बदल गई, जब दुल्हे के चचेरे भाई सहित अन्य चार बारातियों से भरी कार अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई। दुर्घटना कांसा-दुधमनिया मार्ग पर घटी, जिसमें कार चालक तथा दुल्हे के चचेरे भाई ३२ वर्षीय रजनीश पटेल पिता पुरूषोत्तम पटेल की मौके पर मौत हो गई। रजनीश पटेल बीट पोंड़ी वन परिक्षेत्र अनूपपुर में वनरक्षक के पद पर पदस्थ था। इसके अलावा कार में सवार अन्य चार बारातियों में ३० वर्षीय दिनेश कुमार पिता गोल्हई दास रौतेल निवासी चिल्हारी वर्तमान में वनरक्षक बीट भोलगढ़, ३२ वर्षीय राजाराम पटेल पिता सुरेश पटेल निवासी पिपरिया, ३५ वर्षीय बालसिंह पिता प्रह्लाद सिंह परस्ते वनरक्षक बीट दुधमनिया, तथा २९ वर्षीय अनिल कुमार पिता संतोष पटेल निवासी पिपरिया शामिल हैं। सभी घायलों को रात ११.४५ बजे के आसपास जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहंा डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद दो गम्भीर घायलों अनिल पटेल एवं राजाराम पटेल को बिलासपुर के लिए रेफर कर दिया। डॉक्टरों के अनुसार दोनों घायलों के सिर तथा सीने में गहरी चोटे लगी थी। वहीं दो अन्य घायलों बाल सिंह परस्ते तथा दिनेश कुमार रौतेल का उपचार जिला अस्पातल में कराया जा रहा है। अस्पताल की सूचना पर पुलिस सहायता चौकी ने गुरूवार की सुबह मृतक रजनीश पटेल के शव का पंचनामा तैयार कर पीएम उपरांत परिजनों को सौंप दिया। शव का अंतिम संस्कार ग्राम पिपरिया में किया गया। इस मौके पर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (मप्र.) वन विभाग भोपाल, एके जोशी मुख्य वन संरक्षक शहडोल, जेएस भार्गव वनमंडलाधिकारी अनूपपुर, सहित वनविभाग अमला शामिल हुआ। बताया जाता है कि कार अधिक रफ्तार में थी, जहां मोड़ आने पर चालक अनियंत्रित हो गया और कार सीधे पेड़ से जा टकराई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इधर जिला मुख्यालय से १३ किलोमीटर दूर बिजौड़ी गांव में संचालित निजी स्कूल में सुबह १०.३० बजे के आसपास उस समय सभी छात्र सहम गए, जब कक्षा ७वीं में अचानक जोरदार धमाका हुआ। शिक्षक और संचालक ने मौके पर पहुंचकर देखा तो १३ वर्षीय छात्र सुनील कुमार केवट की दांयी हथेली की हड्डियां छोडक़र शेष मांसों के चिथड़े उड़ गए थे। साथ ही छात्र के सीने के पास भी गहरा जख्म बन गया था। यहीं नहीं शरीर के अन्य हिस्सों में छोटे-छोटे धब्बों के रूप में जख्म बने हुए नजर आए। आसपास बैठे छात्रों से पूछताछ में पता चला कि सुनील के हाथों में मोबाईल की बैटरी फटी है। कक्षा में खोजबीन करने पर एक बैटरी भी पाई गई। आनन फानन घटना की सूचना स्कूल संचालक ने परिजनों को दी। इसके बाद घायल छात्र को गम्भीर हालत में उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। परिजनों के अनुसार पुत्र मोबाईल की दो बैटरियां हमेशा अपने पास रखता था। जिसे अक्सर वह रात के समय बिजली गुल होने पर टार्च के बल्व के साथ जोडक़र घर में रोशनी करता था और फिर रात के समय पढाई करता था। परिजनों के अनुसार जबकि गांव में बिजली है। लेकिन इसके बाद भी वह इस प्रकार की लापरवाही को अंजाम देता था। इसके लिए माता पिता ने कई बार उसे डांट फटकार कर मनाही भी की थी। लेकिन सुनील बैटरी अपने पास रखने से बाज नहीं आता था। गुरूवार को हुए हादसे को लेकर स्कूल संचालक का कहना था कि सुबह जब सभी बच्चे अपनी कक्षाओं में बैठे हुए थे, तभी सुनील अपनी कक्षा में दो बैटरियों को वापस में जोडऩे का काम कर रहा था, इसी दौरान जोरदार धमाका हो गया। जिसमें उसकी हथेली के मांस के चिथड़े उड़ गए। हालंाकि आसपास के बैठे छात्रों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ। डॉक्टरों का कहना बैटरी विस्फोट जोरदार थी, लेकिन शुक्र रहा कि हथेली की हड्डिया सुरक्षित बच गई, मांस के भरने में समय लगेगा।