जब मां ने अपनी ही साड़ी से लगाई फांसी तो ८ वर्षीय पुत्र ने हसिया से काट डाला मौत का फंदा
फांसी के फंदे पर तडप रही मां को ८ वर्षीय पुत्र ने हंसिया से फंदा काट बचाई जान
अनूपपुर। नगरपालिका अनूपपुर वार्ड क्रमंाक में एक ८ वर्षीय बालक ने अपनी सूझबूझ से १५ मई की सुबह फंासी के फंदे पर झूलकर तड़प रही ४५ वर्षीय मां के गले के फंदे को हसिया से काट उसकी जान बचाने में सफलता पाई है। यहीं नहीं गम्भीर हालत में मां को लोगों की मदद से उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराकर पुत्र कर्तव्य को भी निभाया है। जिसे सुनकर हरेक व्यक्ति स्तब्ध है। बताया जाता है कि अनूपपुर वार्ड क्रमांक १३ में निवासरत फगुना कोल अनूपपुर सब्जी मंडी में पल्लेदारी का
कार्य कर अपने साथ अपनी पत्नी और तीन अन्य बच्चों का जीवन निर्वहन करता है, जहां मंगलवार १५ मई की सुबह ७ बजे वह पल्लेदारी के काम में बाजार आ गया था। इसी दौरान घर में सुबह ९ बजे उसकी ४५ वर्षीय पत्नी प्रेमिया कोल ने अज्ञात कारणों में अपने ही घर में अपनी साड़ी का फंदा बनाकर कच्चे घर की छत में लगी लकड़ी की बल्ली से झूल गई। मां को फंासी के फंदे पर तड़पता झूलता देखकर घर में खेल रहे ८ वर्षीय पुत्र ने अपनी मां को बचाने का प्रयास किया, जहां अपनी बड़ी बहन को आवाज देकर मां के पैर को कंघे से टिकाए रोके रहा, बहन के आने पर उसने किसी अन्य उंची बस्तु का सहारा लेकर मां के गले में बंधा साड़ी के पल्ली को हंसिया से काटकर अलग कर दिया। फंदा कटते ही प्रेमियाकोल जमीन पर जा गिर बहोश हो गई। इसके उपरांत पुत्र ने आसपास के लोगों को आवाज देकर मदद मांगी और मां को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया। पिता को बाजार से बुलाकर घटना की जानकारी दी। शाम तक प्रेमिया को होश नहीं आया। पति फगुना कोल का कहना है कि पता नहीं क्यों उसकी पत्नी ने फांसी लगाने का प्रयास किया। अगर बेटा घर में नहीं होता तो आज उसकी पत्नी मर गई होती। हालांकि फंासी लगाने के कारणों का जानकारी नहीं मिली है। लेकिन आज एक पुत्र ने अपने धर्म का पालन कर मां की जिंदगी बचाकर परिवार को ममता की छाया से वीरान नहीं होने दिया।
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