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माहभर बाद भी किसान क्यों नहीं पहुंच रहे जिले के उपार्जन केन्द्र, समितियों पर पसरी है वीरानी

locationअनूपपुरPublished: Apr 15, 2019 08:03:31 pm

Submitted by:

Rajan Kumar Gupta

15 मार्च से किया जाना था समर्थित मूल्य पर खरीदी, अबतक एक दाने के भी नहीं हुए दर्शन

Why the farmers are not reaching even after a month

माहभर बाद भी किसान क्यों नहीं पहुंच रहे जिले के उपार्जन केन्द्र, समितियों पर पसरी है वीरानी

अनूपपुर। शासन द्वारा निर्धारित की गई १५ मार्च की तिथि के माहभर बाद भी जिले के सभी रबी उपार्जन केन्द्रों पर सन्नाटा पसरा हुआ है। सहकारी समिति प्रबंधक प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराए गए व्यवस्थाओं को लेकर केन्द्रों पर किसानों के आने की बाट जोह रहा है। जबकि किसान अपने खेतों में लगी रबी फसलों की कटाई व गहाई में जुटा है। जिसके कारण जिले में खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा बनाए गए सभी ८ उपार्जन केन्द्रोंं पर गेहूं की एक दाने की भी खरीदारी नहीं हो सकी है। किसानों की मानें तो गेहूं के पकने व उसे तैयार कर केन्द्र तक पहुंचने में कम से कम अब भी एक सप्ताह का समय लग सकता है। हालांकि खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग का कहना है कि अनूपपुर जिले में अन्य जिलों के अपेक्षा विलम्ब से रबी और रखीफ की बुवाई व कटाई की जाती है। जिसके कारण प्रत्येक वर्ष फसलों के तैयार होने पर विलम्बता आती है। इसमें कभी कभी माहभर के समय गुजर जाने के बाद किसान अपनी फसलों को लेकर केन्द्रों तक पहुंचते हैं। लेकिन उनका कहना है कि वर्तमान में किसानों को मौसम का अच्छा साथ मिला है। खेतों में फसलें पक चुकी है, एकाध दिनों के उपरांत गेहूं की आवक उपार्जन केन्द्रों पर बनेगी। फिलहाल बार बार मौसम की आंख मिचौली ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी है। इसके बावजूद किसान फसल को तैयार करने में जुटा हुआ है। शासन के समर्थित उपार्जन में वर्ष २०१९-२० रबी उपार्जन में १५ मार्च से गेहूं का उपार्जन किया जाना था। इसके लिए जिले स्तर पर कुल ८ उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं। जिले के लिए विभाग स्तर पर लगभग २५ हजार क्विंटल गेहंू का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसमें जिले में रबी फसल के लिए १९३३ किसानों ने उपार्जन के लिए पंजीयन कराया है। लेकिन निर्धारित तिथि के ३० दिनों बाद भी उपार्जन केन्द्र पर गेहूं का उपार्जन नहीं किया जा सका है। बताया जाता है कि खाद्य विभाग ने इस बार गेहूं उपार्जन के दौरान केन्द्रों को सभी सुविधाएं मुहैया करा दी है। जिसमें बरदाने, नाप तौल के कांटे, रजिस्टे्रशन व विवेचना के लिए कम्प्यूटर सहित सिलाई मशीन तक शामिल हैं। वहीं मौसम की मार से अन्न को बचाने के लिए परिवहन सुविधा को भी तत्काल ही उपलब्ध कराने की बात दुहराई है। विभाग का कहना है कि गेहूं खरीदी के साथ ही उसके परिवहन के लिए ट्रके तैयार रहेगी।
बॉक्स: कहां कितनी फसलों के लिए किसानों का पंजीयन
इस बर्ष रबी फसल के लिए जिले में कुल ८ उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं। लेकिन किसानों की सुविधा के लिए पंजीयन के लिए १२ केन्द्र बनाए हैं। जिसमें १५ मार्च से २४ मई तक उपार्जन किया जाना है। गेहूं के लिए १८३५ किसानों ने अपना पंजीयन कराया है, जबकि चना के लिए ४२६ किसान, मसूर के लिए ३११ किसान तथा सरसों के लिए मात्र २२ किसानों का पंजीयन शामिल है। उपार्जन केन्द्रों में आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित जैतहरी, अनूपपुर, दुलहरा, भेजरी, बेनीबारी, आमाडांड, निगवानी (खोड्री) उपार्जन केन्द्र शामिल हैं। इन आठों उपार्जन केन्द्र के लिए विभाग ने अनुमानित तौर पर २५ हजार क्विंटल का लक्ष्य रखा है।
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