अनूपपुर

हाथियों की दहशत से चैन की नींद नहीं सो रहे ग्रामीण, खेत-खलिहान को पहुंचा रहे नुकसान

सीमा से सटे आधा दर्जन गांवों में दहशत व्याप्त है।

अनूपपुरDec 16, 2018 / 05:38 pm

shubham singh

elephants

अनूपपुर। पिछले दो माह से
छत्तीसगढ़ की सीमा लांघकर मप्र.
अनूपपुर वनपरिक्षेत्र में घुसे हाथियों
के दल के 9 दिसंबर को छत्तीसगढ़
की सीमा में वापसी के बाद भी सीमा
से सटे आधा दर्जन गांवों में दहशत
व्याप्त है। जहां रात के समय लगभग
दर्जनभर हाथियों का दल गांवों की
सीमा में प्रवेश कर घरों व खेत-
खलिहान को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
हालांकि इसमें अबतक किसी प्रकार
की जनहानि नहीं हुई है, लेकिन
खेतों की खरही तथा झोपडिय़ों में
भंडारित अनाज को नुकसान
पहुंचाया है।


अपनी फसलों व खरही को
नुकसान होता देखकर किसानों ने
सरपंच सचिव को जानकारी देकर
सुरक्षा की मांग की है। बताया जाता
है कि मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ की
सीमा पर छत्तीसगढ़ के गांव खेरगिटी
वनक्षेत्र में दर्जनभर हाथियों ने
अपना अस्थायी रहवास बना रखा
है। जो प्रदेश के अनूपपुर के
वेंकटनगर गांव के आसपास बसे
गांवों लहसुना, खोड्री, कपरिया,
सिंघौड़ापोंडी, सुलखारी सहित अन्य
गांवों में अपना उत्पात मचा रखा है।
सुलखारी गांव निवासी मंगल कोल
के खेत में लगी आलू, मिर्चा, मूली,
केला सहित अन्य फसलों को
हाथियों ने खाने के साथ साथ
नुकसान पहुंचाया है। जबकि
कपरिया गांव में हाथियों ने खेत में
रखी कटी धान की फसल को
खाकर उसे पूरी तरह बर्बाद कर
दिया है। हाथियों के गांव में प्रवेश की
सूचना पर दोनों प्रदेश के वन अमला
मौके पर हाथियों के मूवमेंट पर नजर
बनाए हुए हैं। वहीं ग्रामीणों की
सुरक्षा के लिए आबादी वाले क्षेत्र में
ही रहने तथा जंगल से सटे झोपडिय़ों
से दरी बनाए रखने की सलाह दे रहे
हैं। माना जाता है कि 9 दिस्बर को
अनूपपुर से छत्तीसगढ़ की सीमा में
लौटे 25 हाथियों में लगभग 10-12
की संख्या में अलग गुट खेरगिटी
गांव में अस्थायी रहवास बना लिया
है, जो बार बार विचरण करते गांव
की सीमा से सटे अनूपपुर जिले के
लगभग आधा दर्जन गांव में प्रवेश
बना रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार
लगभग दर्जनभर किसानों के धान
की फसल को नुकसान के साथ
उनके खलिहान में बने झोपड़ी नष्ट
हो गए हैं। फिलहाल हाथियों के पुन:
वापसी को लेकर अनूपपुर वनमंडल
चिंचित नजर आ रहा है।

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