मुंगावली कस्बे में सोमवार को जहां दिन में कई बार बिजली की कटौती हुई और दोपहर साढ़े तीन बजे बिजली अचानक गायब हो गई, रात में करीब 9 बजे बिजली सप्लाई शुरु हो सकी। इससे कूलर-पंखे और एसी बंद हो गए, तो भीषण गर्मी के बीच लोग परेशान होते रहे। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में सोमवार को सुबह 6 बजे से गायब बिजली रात 8 बजे आई, लेकिन आधा घंटे बाद ही फिर से बिजली गुल हो गई और रात 10 बजे तक बिजली चालू नहीं हो सकी। इससे लोग भीषण गर्मी के बीच परेशान होते रहे और बिजली आने का इंतजार करते रहे।
कभी तार टूटना, जंफर जलना तो कभी लोडशेडिंग का कारण लोगों का कहना है कि बिजली कंपनी ने मुंगावली कस्बे में बिजली बंद रहने का कारण कभी तार टूटना बताया तो कभी जंफर जलना बताया गया। तो वहीं इसके बाद लोडशेडिंग का कारण बताया। वहीं ग्रामीण क्षेत्र में भी इतनी लंबी बिजली कटौती का कारण बिजली कंपनी के अधिकारियों ने पहले तार सुधारना और दोपहर में लोडशेडिंग को बताया। ग्रामीणों का कहना है कि ऊर्जा मंत्री के प्रभार वाले जिले में बिजली कंपनी की मनमानी जारी है और लोग बिजली कटौती से परेशान हो रहे हैं।
इधर, मंडी के खोले तीनों गेट, 300 ट्रॉलियां नीलामी के लिए शेष अशोकनगर. लगातार चार दिन तक बंद रहने के बाद मंडी खुली तो अनाज बेचने बड़ी संख्या में दो गुना ट्रैक्टर-ट्रॉली पहुंचे, इससे पूरा मंडी परिसर जाम हो गया। समस्य देख तीनों गेट खोले तो शहर की सड़कों पर भी जाम के हालात बनते नजर आए, इससे लोग निकलने के लिए परेशान होते रहे। जहां पहले रोजाना 600 से 700 ट्रैक्टर-ट्रॉली मंडी में आ रहे थे, लेकिन सोमवार को 1200 से 1300 ट्रैक्टर-ट्रॉली अनाज लेकर पहुंचे। नतीजतन मंडी परिसर में जाम लग गया। इससे अनाज की तौल के बाद मंडी के तीनों गेटों को खोलकर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को बाहर निकलवाया गया। तीन रास्तों से ट्रैक्टर-ट्राली बाहर निकले, लेकिन किसानों ने सड़कों पर ट्रालियां खड़ी कर दीं और खरीदारी करने चले गए। इससे जाम के हालात बनते रहे। ओवरब्रिज के नीचे स्थित मंडी के रास्ते से बाहर निकलने से कोलुआ रोड पर जाम की स्थिति बनी रही तो वहीं एफओबी के पास भी जाम में वाहन फंस गए। इसके अलावा वायपास पर भी जाम के हालात बनते दिखे। इससे पुलिस जवान जाम खुलवाने में जुटे रहे।