अशोकनगर

एससीएसटी एक्ट के विरोध में 500 युवाओं ने कराया मुंडन, शवयात्रा निकाली

एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के पांच सैकड़ा से अधिक युवाओं ने मुंडन कराया।

अशोकनगरSep 15, 2018 / 09:58 am

Praveen tamrakar

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अशोकनगर. एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट के विरोध में सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग के पांच सैकड़ा से अधिक युवाओं ने मुंडन कराया। साथ ही देश के सभी सांसदों के फोटो लगे बैनर को रखकर अर्थी बनाई और मातमी धुन पर शहर में शवयात्रा भी निकाली गई। वहीं जनप्रतिनिधियों के फोटो पर कालिख पोती। युवाओं ने मुंडन के बाद बालों को एकत्रित भी किया और वह इन बालों को सांसदों के पतों और भाजपा-कांग्रेस के कार्यालयों में भेजकर विरोध जताएंगे।

शुक्रवार को युवाओं ने तुलसी पार्क पर सभी सांसदों के फोटो और नाम लिखा बैनर लगाया, इसमें 28 समाजों और 18 संगठनों के युवा शामिल हुए। उन्होंने पहले तो मुंडन कराया और अपने सिर पर काले ऑयल से विरोध के नारे भी लिखे। वहीं नाटकीय रूप से करीब 20 मिनट तक युवाओं ने विलाप भी किया। फिर सांसदों के छोटे फोटो पर क्रॉस का निशान लगाकर तुलसी पार्क से गांधी पार्क और वापस तुलसी पार्क तक शवयात्रा निकाली।
इसी के साथ सभी पार्टियों के जनप्रतिनिधियों के फोटो पर कालिख पोतकर नारेबाजी की। इसके बाद इन युवाओं ने अर्थी को नीचे ही फेंक दिया और कहा कि यदि इसे जलाएंगे या दफनाएंगे तो सम्मान कहलाएगा, लेकिन वह सम्मान के हकदार नहीं हैं, क्योंकि जनप्रतिनिधियों ने देश को बांटने और आपस में फूट डालने का काम किया है, इसलिए उनका तिरस्कार किया गया। इससे युवाओं का यह विरोध प्रदर्शन शहर में करीब ढाई से तीन घंटे तक जारी रहा। इस दौरान एसडीएम, एसडीओपी, तहसीलदार और दोनों थाना प्रभारियों सहित भारी संख्या में कार्यक्रम स्थल पर पुलिस बल मौजूद था।

राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर कहा- अवसरवादी हो गईं पार्टियां
विरोध प्रदर्शन के दौरान राष्ट्रपति के नाम दिए ज्ञापन में कहा कि देश की सभी राजनीतिक पार्टियां अवसरवादी हो गईं, जो सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी-एसटी एक्ट को दुरुपयोग के चलते अपने आदेश के द्वारा संशोधित किया गया था, लेकिन सरकार व राजनीतिक पार्टियां राजनीतिक स्वार्थ के चलते वोट बैंक की राजनीति कर रही हैं। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने का अध्यादेश लाकर कोर्ट के आदेश को प्रभावहीन किया है। जो कि घोर निंदनीय है।


24 सितंबर को तेरहवीं, शोक संदेश भेजे जाएंगे
युवाओं का कहना है कि शुक्रवार को निकाली गई सभी सांसदों की शवयात्रा के बाद 24 सितंबर को तेरहवीं का कार्यक्रम किया जाएगा। इसमें युवाओं द्वारा शहर में ब्राह्मणभोज कराया जाएगा। साथ ही युवाओं का यह भी कहना है कि तेरहवीं के लिए वह बकायदा शोक संदेश सांसदों के परिवारों को भेजकर उन्हें इस तेरहवीं के कार्यक्रम में आमंत्रित भी करेंगे। वहीं तेरहवीं के लिए लिखे जाने वाले शब्द ही इस शोक संदेश में लिखे जाएंगे। शहर के युवाओं का कहना है कि देश के प्रत्येक सांसद के परिवार को यह शोक संदेश पोस्ट के माध्यम से भिजवाए जाएंगे।
अब सांसदों और राजनीतिक पार्टियों को भेजेंगे बाल
सर्व अल्पसंख्यक, पिछड़ा और सामान्य वर्ग समिति का कहना है कि पांच सैंकड़ा से अधिक युवाओं द्वारा कराए गए मुंडन से निकले बालों को एकत्रित कर लिया गया है। उन्हें बॉक्स में पैक करके पोस्ट के माध्यम से सभी सांसदों और भाजपा-कांग्रेस सहित राजनैतिक पार्टियों के कार्यालयों को भिजवाया जाएगा। ताकि उन्हें शहर में हुए विरोध प्रदर्शन की जानकारी मिल सके।

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