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अशोकनगर

अमरनाथ यात्रा 2022- बाइक से रवाना हुए MP के 7 श्रद्धालु

– 5 दिन में 2150 किमी का रास्ता तय कर अमरनाथ पहुंचेंगे बाबा बर्फानी के भक्त- अमरनाथ यात्रा: इन श्रद्धालुओं का जगह-जगह लोग कर रहे स्वागत

अशोकनगरJul 03, 2022 / 01:20 pm

दीपेश तिवारी

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अशोकनगर। कोरोना काल में दो साल बंद रहने के बाबा बर्फानी का दरबार खुला तो श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है। अमरनाथ में भगवान शिव के दर्शन करने जिले से कई जत्थे पहले ही निकल चुके हैं, तो वहीं जिले से सात श्रद्धालु बाइक से अमरनाथ के लिए रवाना हुए हैं, जो 2150 किमी सफर बाइक से पांच दिन में तय कर अमरनाथ पहुंचेंगे।

जिले के नईसराय से श्रवण ओझा, बृजमोहन ओझा, दीपू रघुवंशी, लल्लीराम ओझा, हरिओम भार्गव, विवेक व खैजरा निवासी महेंद्र ओझा शनिवार को दोपहर 12 बजे बाइकों से अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुए। कस्बे व जिलेवासियों ने इन श्रद्धालुओं का जगह-जगह स्वागत किया। जम्मू के रास्ते तो नईसराय से अमरनाथ की दूरी 1650 किमी है, लेकिन यह जत्था रोहतांग, लद्दाख व कारगिल के रास्ते 2150 किमी की दूरी तय कर अमरनाथ पहुंचेगा। श्रवण ओझा ने बताया कि हालांकि वहां से वापस वह जम्मू के रास्ते आएंगे।

कोई 19वी तो कोई 14वी बार यात्रा पर
श्रवण ओझा 19वी बार अमरनाथ यात्रा पर रवाना हुए हैं, तो वहीं बृजमोहन ओझा 14वी बार अमरनाथ यात्रा पर गए है। वहीं इनमें से तीन लोग बाइक से दूसरी बार और चार लोग पहली बार बाइक से गए हुए हैं। जिन्होंने बताया कि वह रोहतांग, लद्दाख, लेह, कारगिल में भी रुकेंगे, इसके बाद वापस आते समय मां वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए भी जाएंगे। इससे इनकी अमरनाथ यात्रा करीब 3800 किमी की होगी।
ऐसे समझें अमरनाथ यात्रा:
अमरनाथ की यात्रा हिन्दू को प्रमुख धार्मिक यात्रा है। अमरनाथ की यात्रा भगवान शिव के प्रकृतिक रूप से बने शिवलिंग के दर्शन करने के लिए की जाती है। यह यात्रा अत्यन्त कठिन है। अमर नाथ यात्रा पर जाने के भी दो रास्ते हैं। एक पहलगाम होकर और दूसरा सोनमर्ग बलटाल से इन दोनों मार्गो से आगे की यात्रा पैदल होती है।
पहलगाम से जानेवाले रास्ते को सरल और सुविधाजनक समझा जाता है। बलटाल से अमरनाथ गुफा की दूरी केवल 14 किलोमीटर है और यह बहुत ही दुर्गम रास्ता है और सुरक्षा की दृष्टि से भी संदिग्ध है। इस मार्ग से जाने वाले लोग अपने जोखिम पर यात्रा करते हैं।

इस बार कश्मीर के हिमालयवर्ती क्षेत्र में स्थित बाबा अमरनाथ धाम के दर्शन के लिए श्रद्धालु 30 जून से जा रहे हैं। यह अमरनाथ यात्रा इस वर्ष 11 अगस्त यानी रक्षाबंधन तक रहेगी। बाबा बर्फानी के नाम से मशहूर अमरनाथ धाम का इतिहास सदियों पुराना है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने अमरनाथ गुफा में ही माता पार्वती को अमर होने का रहस्य बताया था. बाबा अमरनाथ धाम के दर्शन करने हर साल श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं।

अमरनाथ के शिवलिंग की खासियत
बाबा अमरनाथ की गुफा समुद्र तल से करीब 3,800 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। गुफा में मौजूद शिवलिंग की खासियत है कि ये खुद-ब-खुद बनता है। ऐसा कहा जाता है कि कहा जाता है कि चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ इसके शिवलिंग के आकार में बदलाव आता है। अमरनाथ का शिवलिंग ठोस बर्फ से निर्मित होता है। जबकि जिस गुफा में यह शिवलिंग मौजूद है, वहां बर्फ हिमकण के रूप में होती है।

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