scriptवार्ड में छत से टपकते पानी से भीगते हुए ढाई घंटे तक घिसटता रहा 90 साल का वृद्ध मरीज | 90-year-old aged patient drops for two and a half hours in the ward | Patrika News

वार्ड में छत से टपकते पानी से भीगते हुए ढाई घंटे तक घिसटता रहा 90 साल का वृद्ध मरीज

locationअशोकनगरPublished: Sep 08, 2018 11:10:19 am

Submitted by:

Praveen tamrakar

पलंगों की कमी तो जहां मरीजों के लिए परेशानी बनी हुई है, वहीं बारिश के दौरान वार्डों में टपकती छतें मरीजों की समस्या को और बढ़ा रही है।

hospital

Water leakage on patients lying on the ground in the men’s ward of the district hospital

अशोकनगर. पलंगों की कमी तो जहां मरीजों के लिए परेशानी बनी हुई है, वहीं बारिश के दौरान वार्डों में टपकती छतें मरीजों की समस्या को और बढ़ा रही है।
अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि दोपहर के समय भर्ती हुआ 90 साल का एक वृद्ध मरीज छत से टपकते पानी में भीगते हुए लगातार ढ़ाई घंटे तक गद्दे के साथ घिसटता रहा, लेकिन न तो स्टाफ और प्रबंधन ने कोई ध्यान दिया और न हीं वहां मौजूद गार्डों ने। लंबे समय तक भीगते रहने से उसकी हालत और खराब हो गई, हालांकि बाद में उसे लोगों ने उठाकर वार्ड में एक पलंग पर शिफ्ट किया।

पत्रिका ने शुक्रवार को जब जिला अस्पताल में मरीजों की हकीकत जानी, तो दुर्गति वाली तस्वीर सामने आई। केशोपुर निवासी 90 साल के वृद्ध मरीज नंदराम अहिरवार को दोपहर 12:51 बजे जिला अस्पताल के पुरुष वार्ड में भर्ती कराया गया। जहां पलंग कम होने से उसे बाहर गैलरी में जमीन पर ही एक गद्दा बिछाकर भर्ती कर दिया गया। पूरी गैलरी में छत से पानी टपक रहा था, इससे गद्दा गीला हो गया और वह भीगने लगा।

टपकते पानी से बचने के लिए वृद्ध मरीज गद्दे को खिसकाते हुए गैलरी में ही ढाई घंटे तक घिसटता रहा और मदद के लिए आवाज लगाता रहा। बुखार से चलने में असहाय वृद्ध मरीज की आवाज सुनकर पहुंचे मीडियाकर्मियों ने उसे लोगों की मदद से वार्ड में पलंग पर भर्ती कराया। लेकिन बड़ी बात यह है कि उसे परेशान होते और आवाज लगाते स्टाफ और गार्ड सुनते रहे, फिर भी किसी ने उसे टपकते पानी से दूर तक नहीं किया। यह सिर्फ एक मरीज की बात नहीं, बल्कि वार्ड में टपकते पानी से गैलरी में कीचड़ से अन्य मरीज भी परेशान थे। बाद में वहां आकर सफाई करने वाली महिला ने गैलरी में कीचड़ और पानी को साफ किया।

सर्जिकल और प्रसूति वार्ड में भी यही समस्या
यह समस्या सिर्फ जिला अस्पताल के पुरुष वार्ड की ही नहीं, बल्कि महिला वार्ड और दूसरी बिल्डिंग के दोनों सर्जिकल वार्डों व प्रसूति वार्ड में भी मरीज इसी समस्या से परेशान हैं। जहां थोड़ी सी बारिश होते ही छतों से घंटों तक पानी टपकता रहता है और मरीजों के परिजन पलंग और गद्दों को सरकाते दिखते हैं, लेकिन जिन मरीजों के साथ अटेंडर नहीं आते उन्हें टपकते पानी में भीगना पड़ता है। इसकी जानकारी होने के बावजूद भी अस्पताल प्रबंधन जल्दी ही इन वार्डों को ट्रामा सेंटर की बिल्डिंग में शिफ्ट किए जाने की बात तो कहता है, लेकिन इन्हें शिफ्ट करने के कोई प्रयास नहीं किए जाते हैं।

बीआरसी कार्यालय में भीगी हजारों किताबें
शिक्षा विभाग के बीआरसी कार्यालय में भी छत से पानी टपकता रहता है। पत्रिका ने जब कार्यालय की हकीकत जानी, तो वहां पर छठवीं, सातवीं व आठवीं कक्षा के बच्चों के लिए आईं किताबें रखी हुई थीं।जो छत से टपकते पानी से भीगकर खराब हो चुकी हैं। इससे जहां सरकारी स्कूलों में बच्चों को किताबों की कमी से जूझना पड़ रहा है, वहीं ऑफिस में किताबें सडऩे की कगार पर पहुंच गई हैं।

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