गर्मी का मौसम अभी शुरु भी नहीं हुआ है और शहर में पेयजल की समस्या दिखने लगी। इससे लोग शहर में दूर से पानी ढ़ोते दिखाई दे रहे हैं तो वहीं नपा के ट्यूबवेलों पर भी भीड़ के बीच लोग पानी के लिए जद्दोजहद करते दिख रहे हैं। इससे लोगों का कहना है कि नपा को समय रहते पेयजल व्यवस्था का विस्तार करना चाहिए, ताकि गर्मी के मौसम में पेयजल विकराल रूप न ले सके।
शहर में नपा अब तक करीब नौं हजार कनेक्शनों पर ही पेयजल सप्लाई की सुविधा शुरु कर पाई है, जिनमें फिल्टर्ड पानी दिया जाता है। हालांकि शहर की कई कॉलोनियां ऐसी हैं, जहां पर ट्यूबवेल लगवाकर नपा ने लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने कई पॉइंट निर्धारित कर प्रत्येक पॉइंट पर दर्जनों टोंटियां लगवाई हैं। लेकिन इन कॉलोनियों में चाहे सर्दी-गर्मी का मौसम हो या बारिश का मौसम। सभी काम छोड़कर परिवार के सभी सदस्यों को ट्यूबवेलों पर पानी भरने भीड़ लगाना पड़ती है। साथ ही वहां से पानी ढ़ोकर घरों तक पहुंचाते हैं, तब पेयजल की व्यवस्था हो पाती है। वहीं अभी भी कई परिवारों को खरीदकर घरों पर पेयजल की व्यवस्था करना पड़ रही है।
तीन कॉलोनियों से जानें शहर में पेयजल के हकीकत-
लोग 400 रु.महीने में खरीदते हैं पानी
दो हजार की आबादी वाली त्रिलोकपुरी कॉलोनी में नपा ने सरकारी ट्यूबवेल लगा घरों में कनेक्शन दिए हैं, लेकिन सभी को पानी नहीं मिल पाता। इससे लोगों ने प्राइवेट ट्यूबवेलों से पाइप डालकर कनेक्शन लिए हैं और प्रतिमाह 400 रुपए में खरीदकर घरों पर पानी की व्यवस्था करते हैं। पूरी कॉलोनी में खंभों व घरों के ऊपर प्राइवेट पाइप लाइन का जाल बिछा हुआ है।
एक किमी दूर से पानी ढ़ोती हैं महिलाएं
शहर की शंकर कॉलोनी में अब तक पेयजल लाइन नहीं पहुंची। नपा ने ट्यूबवेल लगाकर कई पॉइंटों पर दर्जनों टोंटियां लगा दी हैं। इससे रहवासियों को उन टोंटियों से पानी भरना पड़ता है, इससे पानी सप्लाई के समय भीड़ लग जाती है और कई परिवारों को एक किमी दूर से पानी से भरे बर्तन सिर पर रखकर ढ़ोना पड़ते हैं, साथ ही पानी खरीदना भी पड़ता है।
टोंटियों से घरों तक पानी ढ़ोने की मजबूरी
शहर की पूजा कॉलोनी व दुर्गा कॉलोनी में भी नपा ने ट्यूबवेल खनन कराकर पेयजल की व्यवस्था की है और यहां भी कई पॉइंट पर दर्जनों टोंटियां पानी भरने लगाई हैं। इससे इन टोंटियों पर पानी भरने लोगों की भारी भीड़ लगती है और पूरा काम छोड़कर घर के सभी सदस्यों को पानी के लिए भीड़ में जद्दोजहद करना पड़ती है। इससे आपस में विवाद भी हो जाते हैं।
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स्पीक आउट-
सरकारी ट्यूबवेल से सभी को पानी नहीं मिल पाता, इसलिए लोग प्राइवेट ट्यूबवेलों से 400 रु. महीने में लोग पानी खरीदते हैं, यह पानी पाइप लाइन डालकर लोगों के घरों में सप्लाई होता है।
-बृजेश ओझा, त्रिलाकपुरी कॉलोनी
अभी तो पानी एक समय मिल रहा है, लेकिन भीड़ में पानी भरने परेशान होना पड़ता है। कई लोग वहीं पर कपड़े धोने लगते हैं, इससे विवाद होते हैं। कई बार पानी खरीदना पड़ता है।
-प्रीति राय, शंकर कॉलोनी
सरकारी टोंटियां करीब एक किमी दूर लगी हैं, इससे हमें सिर पर पानी से भरे बर्तन रखकर एक किमी दूर से ढ़ोना पड़ता है। कई बार समय पर पहुंच नहीं पाते तो दो रुपए केन में खरीदना पड़ता है।
-मीनाबाई, शंकर कॉलोनी