scriptअनुपस्थित थीं प्राध्यापक फिर भी हो गए रजिस्टर पर हस्ताक्षर | Absent Professor's signature on register | Patrika News

अनुपस्थित थीं प्राध्यापक फिर भी हो गए रजिस्टर पर हस्ताक्षर

locationअशोकनगरPublished: Dec 30, 2018 08:13:33 am

Submitted by:

Arvind jain

अभाविप ने प्राचार्य पर भी लगाए मनमानी के आरोप, कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपकर की शिकायत

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अशोकनगर. शासकीय नेहरू डिग्री कॉलेज में प्राध्यापक के अनुपस्थित रहने के बावजूद शनिवार के दिन उनके हाजिरी रजिस्ट्रर में हस्ताक्षर होने पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कॉलेज प्रबंधन पर मनमानी करने और अनियमितता के गंभीर आरोप लगाए। कॉलेज में शनिवार को अभाविप कार्यकर्ताओं ने इसको लेकर हंगामा भी किया। लेकिन प्राचार्य द्वारा अनसुनी किए जाने के बाद कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंच गए और उन्होंने इस संबंध में कार्रवाई के लिए कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
शासकीय नेहरू डिग्री कॉलेज में उस समय हंगामा हो गया, जब कुछ अभाविप कार्यकर्ताओं ने प्राध्यापक हाजिरी रजिस्टर चैक किया। जिसमें कॉलेज से शनिवार को अनुपस्थित अर्थशास्त्र की प्राध्यापक भावना भटनागर अनुपस्थित थी। लेकिन इसके बावजूद उनके हस्ताक्षर किसी ने रजिस्टर पर कर दिए। जिस पर अभाविप ने इस संबंध में पहले कॉलेज के प्राचार्य से शिकायत की। लेकिन प्राचार्य ने जब इस बात को अनुसना कर दिया तो कार्यकर्ता कॉलेज परिसर में नारेबाजी करने लगे। इसके साथ ही कॉलेज में हंगामे की स्थिति बन गई। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि कॉलेज से प्राध्यापक अनपुस्थित रहते हैं लेकिन उनके हिमायती उनके फर्जी तरीके से हस्ताक्षर कर जाते हैं। यह सब अनियमितता शनिवार को भी कॉलेज के प्राचार्य के सामने हुई। लेकिन उस पर कार्रवाई की बजाए उन्होंने मौन साध लिया और अभाविप के ज्ञापन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की। जिसकी वजह से कार्यकर्ता आक्रोशित हो गए। कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंच गए। जहां उन्होंने इस संबंध में कलेक्टर से शिकायत की। जिसमें कॉलेज में हो रहीं मनमानी पर रोक लगाने और अनियमितता पर कार्रवाई किए जाने की मांग की।
प्राचार्य पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में कॉलेज के प्राचार्य पर भ्रष्टाचार के भी आरोप लगाए। कार्यकर्ताओं ने बताया कि प्राचार्य पूर्व में कई वित्तीय अनियमितता कर चुके है। जिसकी शिकायत महाविद्यालय अनुदान आयोग को की गई है। वहीं खेल को बढ़ावा देने के के नाम पर लाखों रुपए की सामग्री की खरीदी की जाती है। लेकिन इसका वितरण कभी भी विद्यार्थी को नहीं किया जाता। इस सामग्री खरीद में भी लाखों रुपए का हेरफेर किया जाता है।
मनमर्जी से कॉलेज आते हैं प्राध्यापक
अभाविप कार्यकर्ताओं ने कॉलेज में प्राध्यापकों पर मनमानी का भी आरोप लगाया। कॉलेज में पदस्थ स्थायी व अस्थायी प्राध्यापक मनमर्जी से ही कॉलेज आते और जाते हैं। अनुपस्थित रहने पर भ्ी उनके हस्ताक्षर कर दिए जाते हैं लेकिन इस घोर लापरवाही को नजरअंदाज किया जा रहा है।
ंराष्ट्रीय छात्र परिषद ने भी सौपा ज्ञापन
कॉलेज में प्राध्यापकों की इस मनमानी के खिलाफ राष्ट्रीय छात्र परिषद की ईकाई ने भी संयुक्त कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। तथा वर्षों से कॉलेज में जमे प्राध्यापकों का स्थानांतरण किए जाने की मांग की। उन्होंने हाजिरी लगने के मसले पर प्राचार्य पर निशाना साधा और इसे पूरे मामले में कार्रवाई किए जाने की मांग की। मांग करने वालों में संगठन के विभाग अध्यक्ष अनिल अग्रवाल, कुणाल तनेजा, राजेन्द्र नामदेव, चन्द्रेश पाल, विशाल वर्मा सहित अन्य मौजूद रहे।
गैलरी में बैठकर दी छात्रों ने परीक्षा
कॉलेज में शनिवार को बीए पांचवे सेमिस्टर की परीक्षा का आयोजन किया गया। इस दौरान छात्रों को परीक्षा देने के लिए गलियारे में टेबल डालकर बैठाया गया था। वहीं कुछ छात्र दूर दराज अकेले परीक्षा भी देते नजर आए। इस दौरान कुछ छात्राएं अपने बच्चों को भी पहुंचती थी। जिन्हें बाहर छोड़कर उन्होंने परीक्षा दी।
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