इसी दौरान टूटने के डर से अपने घर से गृहस्थी का सामान निकाल रहे एक युवक की करंट की चपेट में आ जाने से दर्दनाक मौत हो गई, लेकिन युवक की मौत के बाद भी प्रशासन ने उसके मकान को तोड़ दिया, इससे अब परिजनों के पास मैय्यत रखने की भी जगह नहीं बची। वहीं कार्रवाई के दौरान एक महिला और दो बच्चों ने आत्महत्या करने अपने मकान से कूदने का प्रयास भी किया और अपने घर की छत से कूंदने का प्रयास कर रहे थे, हालांकि उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया।
मामला राजपुर कस्बे में रविवार सुबह करीब सात बजे का है। प्रशासन ने मकान तोडऩे से पहले पठार स्थित सर्वे नंबर 503 पर बने मकानों को खाली करने की हिदायत दी थी, इससे 22 वर्षीय रफीक पुत्र हबीब खां अपने घर से सामान बाहर निकाल रहा था, मकान टूटने से पहले अपने गृहस्थी के सामान को जल्दी-जल्दी बाहर निकाल रहा था, ताकि गृहस्थी का सामान सुरक्षित बच सके।
छत से सामान उठाने गया तो सटकर निकली 11केवी बिजली लाइन की चपेट में आ गया। करंट लगने से वह सीधे ही बाहर सड़क पर जाकर गिरा। इससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई। जहां से शव को पीएम के लिए जिला अस्पताल लाया गया। बाद में प्रशासन ने उसके मकान को जेसीबी से तोड़ दिया। मृतक के पिता हबीब खां ने जिला अस्पताल में रोते-बिलखते हुए बताया कि उसके बेटे की दो दिन पहले ही सगाई हुई थी और उन्होंने लड़की पक्ष को घर देखने के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन अब घर टूट जाने से सिर छिपाने के लिए छत तो छिन ही गई, वहंी अंतिम संस्कार से पहले मृत बेटे का शव रखने के लिए भी उनके पास जगह नहीं बची।
साढ़े चार घंटे में जमींदोज हो गया मोहल्ला-
कस्बे के पठार क्षेत्र में सरकारी जमीन पर बने 54 मकानों में से 23 अतिक्रमण तो कुछ दिन पूर्व हटा दिए गए थे और रविवार को प्रशासन ने शेष 31 मकानों को तोड़ा। जहां रविवार को सुबह तक एक से दो मंजिला मकान बने हुए थे, लेकिन सुबह 9 बजे से शुरू हुई तोडफ़ोड़ के बाद दोपहर डेढ़ बजे तक मकान पूरी तरह से मलबे के ढ़ेरों में तब्दील हो गए।
वर्षों से बने आशियानों को अपनी ही आंखों के सामने ढ़हता देखकर महिलाएं और बच्चे रोते-बिलखते रहे। वहीं मोहल्ले में बने रामजानकी मंदिर की दुकानों को भी प्रशासन ने पूरी तरह से तोड़ दिया है, इससे मंदिर भी क्षतिग्रस्त हो गया। इससे रविवार को मंदिर की पूजा भी नहीं हो सकी। वहीं पूर्व में हटाए गए अतिक्रमणों को भी रविवार को जमींदोज कर दिया गया।
दिनभर नहीं बना खाना, सड़क किनारे पड़ी गृहस्थी-
मकान टूट जाने के बाद कस्बे के 70 परिवारों के पास सिर छिपाने का संकट खड़ा हो गया। कस्बे में दिनभर खाना तो किसी के भी घर में नहीं बन सका, तो वहीं यह परिवार बच्चों के साथ सड़क किनारे और खेतों में धूप के बीच गृहस्थी रखे हुए बैठे रहे। कोई पेड़ की छांव में खड़ा होकर धूप से बचने का प्रयास करता दिखा तो कोई अपने गृहस्थी के सामान में बांस बांधकर कपड़ों से छांव करने का प्रयास करता दिखा। इस कार्रवाई और युवक की मौत के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल बना हुआ है।
आशियाने के साथ उजड़ गए इन परिवारों के सपने-
केस-1-
12 दिन की बेटी को लेकर कहां जाए मां-
30 वर्षीय चांदनी ने 12 दिन पहले बेटी को जन्म दिया, इससे परिवार में खुशी का माहौल था। लेकिन घर टूट जाने से रहने की कोई जगह नहीं बची। रोते हुए चांदनी का सिर्फ एक ही सवाल था कि 12 दिन की बेटी और तीन बच्चों को साथ लेकर अब वह कहां जाए। इससे चांदनी अपने बच्चों के साथ गांव के एक घर के सामने बैठकर बच्चों को धूप से बचाने का प्रयास करती रही।
केस-2-
न पति और न बेटा, मकान था वह भी उजड़ा-
65 वर्षीय वृद्धा इमरतीबाई का न पति है और न बेटा, रहने सिर्फ मकान था वह भी उजड़ गया। इमरतीबाई ने बताया कि पति की मौत हो चुकी है, बेटा है नहीं सिर्फ 20 साल की एक बेटी है। मकान टूटने से पहले गृहस्थी का सामान तो निकाल लिया, लेकिन बेटी बीमार है। वृद्धा का कहना है कि अब मकान बनाने न पैसा है और न ही हिम्मत, कहां रहेगे कोई पता नहीं।
कार्रवाई के दौरान ऐसी रही कस्बे में स्थिति-
– जिले की तीन तहसीलों के तहसीलदार, पांच नायब तहसीदार और तीन जिलों की पुलिस कार्रवाई के दौरान तैनात रही। इससे हर गली और हर दरवाजे पर पुलिस बल मौजूद रहा, ताकि ग्रामीण विरोध न जता सकें।
– गृहस्थी के सामान के अलावा जानवरों को साथ लेकर ग्रामीण यहां-वहां भटकते रहे, कार्रवाई की वजह से कस्बे का पूरा बाजार दिनभर बंद रहा और लोग छिपकर अपने मकानों को टूटते देख रोते नजर आए।
– मंदिर में दिनभर पूजा नहीं हो सकी और पुलिस ने किसी को भी मंदिर भी नहीं जाने दिया, सुबह के समय जो लोग मंदिर में दर्शन करते मिले तो पुलिस ने उन सभी लोगों के नाम रजिस्टर में दर्ज कर लिए।
– गांव के जिस किसी भी व्यक्ति ने अधिकारियों के सामने मकान तोडऩे से रोकने गुहार लगाई या विरोध का प्रयास किया, तो सभी के नाम पुलिस द्वारा दर्ज कर लिए गए, इससे गांव में दहशत का माहौल बना रहा।
हाईकोर्ट के आदेशानुसार पूरे अतिक्रमण तोड़ दिए गए हैं। जनपद पंचायत को निर्देशित किया है कि जिनके पास रहने और खाने-पीने की व्यवस्था नहीं है, जनपद पंचायत व्यवस्था करेगी। कार्रवाई से पहले ही युवक की करंट से मौत हो गई, बिजली विभाग से जो भी सहायता का प्रावधान होगा वह दिलाया जाएगा।
नीलेश शर्मा, एसडीएम अशोकनगर