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कांग्रेस प्रत्याशी की जाति पर चार प्रत्याशियों की आपत्ति

locationअशोकनगरPublished: Nov 13, 2018 10:41:35 am

रिटर्निंग ऑफीसर कार्यालय में एक घंटे तक चली दोनों वकीलों की बहस, लोगों को अब निर्णय का इंतजार।

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Ashoknagar Jajpal Singh Jajji and BJP candidate standing during the trial, Ladderam Kori

अशोकनगर. नामांकनों की जांच के दौरान दिनभर कांग्रेस प्रत्याशी की जाति का मुद्दा छाया रहा। भाजपा सहित चार प्रत्याशियों ने अशोकनगर विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी की जाति पर आपत्ति जताई। इसके लिए दिल्ली, ग्वालियर औरभोपाल से आए पक्ष-विपक्ष के वकीलों ने रिटर्निंग ऑफीसर कार्यालय में करीब एक घंटे तक की। आपत्ति पक्ष ने कहा कि सामान्य जाति में जन्मे व्यक्ति ने पहले सामान्य सीट से, फिर ओबीसी और अनुसूचित जाति से चुनाव लड़ा। वहीं बचाव पक्ष ने मामले में हाईकोर्ट की डबल बेंच का स्टे ऑर्डर प्रस्तुत किया। रिटर्निंग ऑफीसर ने दोनों पक्षों को सुना और अब वह मंगलवार को दोपहर दो बजे अपना निर्णय सुनाएंगे। इससे देर रात तक जिलेभर में कयासों का दौर जारी रहा।

अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित अशोकनगर विधानसभा सीट के भाजपा प्रत्याशी लड्डूराम कोरी और निर्दलीय प्रत्याशी दिनेश अहिरवार, जीवनदास और बीपीसिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी जजपालसिंह जज्जी की जाति पर सोमवार को दोपहर 12 बजे आपत्ति लगाई और जाति प्रमाण पत्र को फर्जी बताया। साथ ही नामांकन के घोषणा पत्र में जज्जी पर लोकायुक्त में दर्ज प्रकरण को छिपाने का भी आरोप लगाया।

 

इस पर रिटर्निंग ऑफीसर ने दोनों पक्षों को सुनने के लिए दोपहर दो बजे का समय निर्धारित किया। मामले पर बहस के लिए आपत्तिकर्ताओं ने करीब एक दर्जन वकीलों को बुलाया। जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी ने दिल्ली से एडवोकेट अशोक देशवाल और ग्वालियर से एडवोकेट एसएस गौतम को, भाजपा प्रत्याशी ने भोपाल से एडवोकेट गोपेश सोनी को लेकर आए।

 

हालांकि रिटर्निंग ऑफीसर नीलेश शर्मा ने सिर्फ तीन वकीलों को ही कार्यालय में पक्ष रखने की अनुमति दी। इससे करीब एक घंटे तक रिटर्निंग ऑफीसर कार्यालय में कांग्रेस प्रत्याशी की जाति पर बहस चली। जहां पर दोनों ही पक्षों ने अपने-अपने पक्ष रखे। इससे दोनों ही प्रत्याशियों के समर्थकों की भीड़ जुटी रही और यह मामला पूरे दिन जिलेभर में चर्चा का विषय बना रहा।

आज दो बजे रिटर्निंग ऑफीसर लेंगे निर्णय
आपत्ति पक्ष का कहना है कि जजपालसिंह जज्जी ने सामान्य सीट पर जनपद पंचायत सदस्य का चुनावलड़ा, इसके बाद ओबीसी वर्ग से अशोकनगर नपाध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ा और जीतकर नपाध्यक्ष बने। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में अनुसूचित जाति वर्ग का जाति प्रमाण पत्र लगाकर कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन वह चुनाव में हार गए। इस बार फिर से अनुसूचित जाति वर्ग से उन्होंने अपना नामांकन दाखिल किया है।

इस मामले में जज्जी के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनके पास फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर छानबीन समिति के आदेश को लेकर ग्वालियर हाईकोर्ट की डबल बेंच का स्टे ऑर्डर है। इस पर भाजपा के वकील ने कहा कि मार्च 2018 में आदेश जारी किया है कि कोई भी स्टे ऑर्डर छह महीने की अवधि के बाद स्वत: ही निरस्त हो जाएगा। साथ ही दोनों पक्षों के वकीलों की बहस को सुनने के बाद रिटर्निंग ऑफीसर नीलेश शर्मा ने मंगलवार को दोपहर दो बजे अपना निर्णय सुनाने की बात कही है।

चर्चा: यदि नामांकन निरस्त हुआ तो क्या होगा?
कांग्रेस प्रत्याशी के जाति प्रमाण पत्र और लोकायुक्त में दर्ज मामले को छिपाने के मामले के बाद जिलेभर में राजनैतिक पार्टियों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है और सुनवाई के बाद रिटर्निंग ऑफीसर कार्यालय से बाहर निकलते समय कांग्रेस प्रत्याशी भी मायूस से नजर आए। इस घटनाक्रम के बाद अब लोगों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं कि यदि कांग्रेस प्रत्याशी का नामांकन निरस्त हुआ तो क्या होगा। कांग्रेस की तरफ से विधानसभा सीट पर जज्जी के अलावा तीन अन्य अभ्यर्थियों ने अपने नामांकन फॉर्म जमा किए हैं। यदि नामांकन निरस्त हुआ तो कांग्रेस को अपने दूसरे अभ्यर्थी को अधिकृत प्रत्याशी बनाया जा सकता है।

कांग्रेस सहित चार अभ्यर्थियों के नामांकन निरस्त
नामांकन फॉर्मों की जांच के दौरान रिटर्निंग ऑफीसरों ने तीनों विधानसभाओं के चार अभ्यर्थियों के नामांकन निरस्त कर दिए। जिसमें अशोकनगर विस से इंडियन नेशनल कांग्रेस के अभ्यर्थी रमेश इटोरिया, निर्दलीय गंधर्वसिंह, चंदेरी विधानसभा से सर्व समाज कल्याण पार्टी की अभ्यर्थी अनुराधा और मुंगावली विधानसभा से निर्दलीय अभ्यर्थी पूरनसिंह का नामांकन निरस्त हो गया।

इसलिए निरस्त हुए नामांकन फॉर्म
1. रमेश इटोरिया- इंडियन नेशनल कांग्रेस से नामांकन जमा करने के साथ बी फॉर्म जमा नहीं किया। वहीं प्रस्तावक-समर्थक पर्याप्त न होने से निर्दलीय भी नहीं हो सके।
2. गंधर्वसिंह- निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अशोकनगर विधानसभा से जमा किए नामांकन फॉर्म में प्रस्ताव का नाम तो था, लेकिन नामांकन पर प्रस्ताव के हस्ताक्षर नहीं थे।
3. अनुराधा- सर्व समाज कल्याण पार्टी से नामांकन जमा करते समय अनुराधा ने जो मतदाता क्रमांक बताया, सूची में उस क्रमांक पर उनका नाम नहीं था।
4. पूरनसिंह- विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन फॉर्म के साथ शपथ पत्र जमा नहीं किया गया, इससे रिटर्निंग ऑफीसर ने नामांकन निरस्त कर दिया।

-इनका कहना है:
-सामान्य वर्ग में जन्मे व्यक्ति ने राजनीतिक लाभ लेने सामान्य, ओबीसी और अनुसूचित जाति वर्ग का बनकर तीन चुनाव लड़े और फिर से अनुसूचित जाति वर्ग का बनकर नामांकन भर दिया। यहा मामला दुनिया का आठवा आश्चर्य है। कूटरचित दस्तावेजों से यह लाभ लिया गया। मामले में हम ही जीतेंगे।

-गोपेश सोनी, आपत्तिकर्ता भाजपा प्रत्याशी के वकील

-आपत्ति पर हमने अपना पक्ष रखा है। न्यायालयीन मामला है सब जानते हैं, हाईकोर्ट डबल बेंच से हमारे पास स्टे ऑर्डर है।इसलिए हमारा पक्ष मजबूत है और मामले पर निर्वाचन अधिकारी निर्णय लेंगे। –

जजपालसिंह जज्जी, कांग्रेस प्रत्याशी अशोकनगर विधानसभा

 

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