उल्लेखनीय है कि ईसागढ़ ब्लॉक के ग्राम अलेश्वर में शांतिधाम न होने के कारण एक दलित का अंतिम संस्कार बस्ती में ही घरों के सामने करना पड़ा। यहां तीन मुक्तिधाम स्वीकृत हैं, लेकिन सभी जगह किसी न किसी का कब्जा है। जिसके कारण ग्रामीणों को अंतिम संस्कार के लिए भटकना पड़ता है। ग्राम अजलेश्वर में शांतिधाम की जमीन पर दो लोगों का कब्जा बताया है। जिनमें से अर्जुनसिंह व मोहनसिंह पुत्र रघुराजसिंह शामिल हैं। तहसीलदार ने गांव में देखा तो स्वीकृत शांतिधाम की जगह पर मकान बन गए हैं। जिसके बाद दूसरी जमीन की मांग की गई है। यहां जमीन चिंहित करने की कार्रवाई की। वहीं सरपंच ने जमीन मिलते ही शांतिधाम निर्माण कराने की बात कही है। एक जगह जमीन का रकबा अधिक होने से शनिवार को चिंहांकन की कार्रवाई नहीं हो सकी।
खेल मैदान भी अधर में
एडीएम द्वारा भेजी गई सूची में शांतिधाम के अलावा खेल मैदान भी अधर में थे। ईसागढ़ में 30 गांवों में खेल मैदान के लिए स्वीकृत जमीन पर अवैध कब्जा और 31 गांवों में जमीन उपलब्ध नहीं करवाई थी। जबकि खेल मैदान स्वीकृत है। अतिक्रमण होने से ग्रामीण बच्चों को अपनी खेल प्रतिभा निखारने का मौका नहीं मिल पा रहा है।
एडीएम ने लिखा था पत्र
शांतिधाम की जमीन पर अतिक्रमण के मामले में जानकारी लेने पर पता चला कि लगभग एक माह पहले एडीएम एके चांदिल ने जिपं सीईओ के प्रभारी रहते हुए शांतिधाम व खेल मैदानों से अतिक्रमण हटाने सभी तहसीलदारों को पत्र भेजे थे। इसके अलावा खेल मैदानों से अतिक्रमण हटाने के लिए भी कहा गया था। वहीं टीएल बैठकों में भी निर्माण की बाट जोह रहे शांतिधाम व खेल मैदानों की जमीन से अतिक्रमण हटाकर निर्माण कराने के निर्देश कई बार दिए जाते हैं। एडीएम की सूची में ईसागढ़ में विभिन्न कुल 46 शांतिधाम शामिल थे। जिनमें से ग्राम पंचायत कड़ेसरा के ग्राम हसनपुर में स्वीकृत जमीन तो खसरा में ही दर्ज नहीं है। वहीं 25 जगहों पर स्वीकृत जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत थी और 20 गांवों में प्रशासन शांतिधाम के लिए जमीन ही उपलब्ध नहीं करवा पाया।
इसके बाद तहसीलदार ग्राम अमरौद सिंगराना पहुंचे।जहां शांतिधाम पर अतिक्रमण की शिकायत की। जमीन से अतिक्रमण हटाने व सीमांकन करने के साथ ही स्कूल से भी अतिक्रमण हटवाया गया।
हमने ईसागढ़, चंदेरी व नईसराय तीनों तहसीलों में आरआई को अतिक्रमण संबंधी मामले निपटाने के निर्देश दिए थे, जमीन चिंहित कर पंचायतों को सौंपी जा चुकी है। निर्माण शुरू न होने से अतिक्रमण हो गया हो तो ग्राम पंचायत दोबारा मांग करे। अजलेश्वर का मेटर अलग है। वहां उन्हीं के समाज के लोगों ने मकान बना लिए हैं। दूसरी जमीन चिंहित करने की मांग की थी, उसे चिंहित किया है।
गांव में एक सर्वे नंबर का रकबा अधिक होने से आज भूमि का चिंहांकन नहीं हो सका।हरिजन बस्ती के लिए जमीन का चिंहांकन किया गया है।वहीं अमरौद सिंगराना से भी शिकायत मिली थी, तो वहां पहुंचकर स्कूल व शांतिधाम की जमीन से अतिक्रमण हटाया गया है।
– कमल मंडेलिया, तहसीलदार नईसराय।