नवीन कृषि मंडी में जहां मंडी प्रशासन ने व्यापारियों को तौल करने व खरीदा हुआ अनाज रखने के लिए बड़ा टीनशेड दे दिया था। लेकिन सोमवार से जब नवीन मंडी में खरीद शुरू हुई तो व्यापारियों ने सिर्फ नीलामी बोली लगाई और तौल करने के लिए किसानों को अनाज से भरी ट्रॉलियां लेकर ढाई किमी दूर वर्तमान मंडी भेजा गया, इससे किसानों ने नाराजगी जताई कि अब नवीन मंडी के नाम पर इस तरह से परेशान किया जा रहा है। व्यापारियों ने कहा कि यदि वह नवीन मंडी में तौल करा लेंगे तो अनाज की रखवाली कौन करेगा।
झाडू लगाने पर भिड़ी महिलाएं, तीन घायल नवीन कृषि मंडी में तौल के समय अनाज पर झाडू लगाने की बात पर हुए विवाद में महिलाएं आपस में भिड़ गईं और करीब तीन महिलाओं को चोट आई है। शंकरपुर मगरदा की महिलाएं झाडू लेकर मंडी पहुंचीं और वहां गोराघाट की महिलाएं आईं तो उन्होंने यह कहकर रोक दिया कि बाजार में स्थित मंडी में तुम हमें नहीं घुसने देती। इसी बात पर बहस हो गई और आपस में भिड़ गईं। इस विवाद में धनाबाई, राधाबाई व यशोदा को चोट आई है। जिन्हें लड़ता देख मंडी सचिव ने सभी महिलाओं को बाहर भगा दिया।
इनका कहना है नवीन मंडी में तीन तीनशेड़ भर गए थे, करीब 80 ट्रालियां आई थीं। व्यापारियों ने तौल की समस्या बताई तो वर्तमान मंडी में तौल कराई गई, आज से वहीं पर तौल होगी। वर्तमान मंडी में भी अनाज की आवक बढऩे से करीब 150 ट्रॉली शेष रह गईं, जिनकी नीलामी बोली कल लगेगी।
भागीरथ अहिरवार, सचिव कृषि मंडी
इधर, 7 माह से नहीं मिली राशि, समूह बोले-कब तक कर्जा लेकर बांटें पोषण आहार अशोकनगर. आंगनबाडिय़ों में दिए जाने वाला पोषण आहार जिले में विभाग की अनदेखी का शिकार है। स्थिति यह है कि विभाग ने सात माह से पोषण आहार की राशि नहीं दी, दर्जनों शिकायतों के बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे समूह संचालकों का कहना है कि आखिर वह कब तक कर्जा लेकर पोषण आहार वितरित करें।
इधर, 7 माह से नहीं मिली राशि, समूह बोले-कब तक कर्जा लेकर बांटें पोषण आहार अशोकनगर. आंगनबाडिय़ों में दिए जाने वाला पोषण आहार जिले में विभाग की अनदेखी का शिकार है। स्थिति यह है कि विभाग ने सात माह से पोषण आहार की राशि नहीं दी, दर्जनों शिकायतों के बाद भी अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। इससे समूह संचालकों का कहना है कि आखिर वह कब तक कर्जा लेकर पोषण आहार वितरित करें।
आंगनबाडिय़ों में पोषण आहार वितरण की जिम्मेदारी स्वसहायता समूहों की है। रानी लक्ष्मीबाई, चित्रांश, लक्ष्मी व जानकी स्वसहायता समूह सहित अन्य कई समूहों का कहना है कि कई बार महिला एवं बाल विकास विभाग को शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। वहीं कलेक्टर को भी आवेदन दे चुके हैं, लेकिन अब तक 7 माह की पोषण आहार की राशि नहीं मिली, इससे दुकानों का कर्जा हो गया है। स्थिति यह है कि राशि न मिलने से परेशान स्वसहायता समूह फरवरी में ही पोषण आहार वितरण से असमर्थता जता चुके हैं।