मामला मुंगावली तहसील के लालमन चक्क गांव का है। एएनएम रीता यादव ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका के साथ शुक्रवार को गांव पहुंचकर छह बच्चों का टीकाकरण किया। जिन्हेें पेंटावेलेंट और पीसीबी का टीका लगाया गया। जिनमें से रात के समय ढ़ाई माह के विकास पुत्र भगवानसिंह आदिवासी की मौत हो गई और डेढ़ वर्षीय श्रीदेवी पुत्री लच्छू आदिवासी, डेढ़ माह की राजनंदनी पुत्री शिवचरण, डेढ़ वर्षीय शिवानी पुत्री बबलू, दो माह के नीरज पुत्र कैलाश बंजारा और दो माह के रवि पुत्र प्रीतमसिंह बीमार हो गए। अचानक सभी बच्चों के गंभीर रूप से बीमार हो जाने के एंबुलेंस से लाकर परिजनों ने बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां पर विकास पुत्र भगवानसिंह आदिवासी को मृत घोषित कर दिया। इससे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया और विभाग ने मृत बच्चे का पोस्टमार्टम कराया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
विधायक ने जताई नाराजगी मामले की जानकारी मिलते ही मुंगावली विधायक बृजेंद्रसिंह यादव शनिवार शाम को जिला अस्पताल पहुंचे। जहां पर उन्हें भर्ती बच्चों को देखा और उनके परिजनों से चर्चा की। साथ ही विभाग पर नाराजगी जताई कि स्वस्थ बच्चे आखिर इस तरह से अचानक कैसे बीमार हो सकते हैं। साथ ही विधायक ने डॉक्टरों से चर्चा कर कारण भी जाना और जांच कराने की मांग की है।
ग्रामीणों का आरोप शाम से ही बेसुध होने लगे थे बच्चे परिजनों का कहना है कि टीका लगने से पहले उनके बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ थे और टीका लगने के बाद ही यह समस्या शुरू हुई। ग्रामीणों का आरोप है कि यह सभी छह बच्चे शाम से ही बेसुध होने लगे थे और रात को करीब 12 बजे विकास भी बेसुध हो गया था। परिजनों का आरोप है कि टीकाकरण से ही उनके बच्चे बीमार हो गए और इसी से एक बच्चे की मौत हुई। विभाग ने बीमार हुए बच्चों को मस्तिक बुखार बताया है और उनका जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।
ये बोले जिम्मेदार सभी बच्चों को टीकाकरण हुआ था और करीब 12 घंटे बाद एक बच्चे की मौत हुई है। टीकाकरण से मौत नहीं हुई। यदि वैक्सीन खराब होता तो 136 गांव में शुक्रवार को टीकाकरण हुआ, तो अन्य जगह से भी समस्या आती और बच्चे को वैक्सीन नहीं लगाया जाता है। यदि टीकाकरण से समस्या होती तो एक-दो घंटे में दिख जाती। मौत का कारण कोई अन्य है। जांच की जा रही है। अन्य बच्चे माइंड फीवर से भर्ती हैं।
डॉ.जेआर त्रिवेदिया, सीएमएचओ अशोकनगर