मां जानकी के दर्शन करने बुधवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, तो वहीं एक चुनरी यात्रा भी करीला पहुंची। भीड़ बढ़ती देख बहादुरपुर पुलिस ने मंदिर के गेट बंद कर दिए, इससे श्रद्धालुओं का प्रवेश रुक गया। हालांकि बाद में पुलिस ने गेट खोल दिए। खास बात यह है कि प्रशासन ने राई नृत्य पर प्रतिबंध लगाया है, जबकि परिसर में लोग राई करा रहे हैं। श्रद्धालुओं का कहना है कि वह बिना भीड़ लगाए वहां मौजूद नृत्यांगनाओं से ही दो से पांच मिनट बधाई करा रहे हैं, जिसमें कोरोना के सतर्कता नियमों का उल्लंघन नहीं किया जा रहा है।
समीक्षा: फिर कलेक्टर करेंगे बैठक
मेला स्थगित होने से सभी विभाग तैयारियों को अधूरा छोडक़र ही चले गए थे। जहां रंगपंचमी के लिए करीला में साफ-सफाई का काम भी बंद हो गया था और पीएचई विभाग ने भी पानी की व्यवस्थाओं को बीच में ही छोड़ दिया था। कल कलेक्टर अभय वर्मा फिर से करीला की बैठक लेंगे। जिसमें वह रंगपंचमी के दौरान श्रद्धालुओं को आने से रोकने की प्लानिंग पर भी चर्चा कर सकते हैं। बैठक की जानकारी मिलते ही पीएचई विभाग करीला में पेयजल व्यवस्था की तैयारियों में फिर से जुटता नजर आ रहा है।
तीन पटवारियों को मंदिर परिसर का जिम्मा
मां जानकी मंदिर करीला में कोरोना सतर्कता के नियमों का सख्ती से पालन हो सके। इसके लिए बहादुरपुर तहसीलदार ने अब पटवारियों की ड्यूटी लगाई है और रोजाना तीन पटवारी करीला में मौजूद रहेंगे। जो रंगपंचमी तक करीला मंदिर पर कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन कराएंगे। हालांकि खास बात यह है कि पटवारियों की ड्यूटी सुबह से शाम तक रहेगी, लेकिन करीला में रात के समय भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। वहीं ज्यादातर राई नृत्य भी रात के समय ही होते हैं।
क्षेत्रवासी बोले प्रशासन यहां भी दे ध्यान
– शासन ने तो मेला पर रोक लगा दी, यदि श्रद्धालु रंगपंचमी पर करीला पहुंच गए तो उन्हें कैसे रोका जाएगा।
– रंगपंचमी पर सिरोंज तहसील के ललितपुर गांव के सभी ग्रामीण एकत्रित होकर झंडा चढ़ाने आते हैं, इस दौरान अन्य गांवों के लोगों के भी शामिल होने की संभावना है।
– पूर्णिमा पर भी 50 से 6 0 हजार श्रद्धालु करीला पहुंचते हैं, जिन्हें कोविड नियमों के तहत दर्शन कराने या रोकने के बारे में भी प्रशासन को गंभीरता पूर्वक ध्यान देने की जरूरत है।
– आम दिनों में करीला पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को पेयजल की व्यवस्था पर भी ध्यान देने की जरूरत है, ताकि लोगों को गर्मी के मौसम में पानी के लिए न भटकना पड़े।
– क्षेत्रवासियों का कहना है कि मंदिर को बंद करना है या फिर खुला रखना है, इसके बारे में भी प्रशासन को शीघ्र निर्णय लेने की जरूरत है, ताकि लोगों में बना अमसंजस खत्म हो सके।
– कोविड नियमों का पालन करते हुए श्रद्धालु दर्शन करें, इसके लिए हमने करीला में रोजाना तीन-तीन पटवारियों की ड्यूटी लगाई है जो शाम तक ड्यूटी करेंगे। भीड़ बढ़ती देख पुलिस ने मंदिर के गेट बंद कराए थे, जिन्हें बाद में खोल दिया गया। -सोनू गुप्ता, तहसीलदार बहादुरपुर