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बैंक प्रबंधकों ने व्यापारियों से कहा- जमा राशि आएगी तब होगा आहरण

locationअशोकनगरPublished: Apr 22, 2018 01:45:58 pm

Submitted by:

brajesh tiwari

शादियों और कर्जा चुकाने किसानों को जहां इस समय पैसों की जरूरत है, ऐसे में कैश की कमी परेशानी बन गई है।

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Ashoknagar A crowd of farmers engaged in auction in Mandi

अशोकनगर. शादियों और कर्जा चुकाने किसानों को जहां इस समय पैसों की जरूरत है, ऐसे में कैश की कमी परेशानी बन गई है। बैंक मंडी व्यापारियों को दो लाख रुपए से ज्यादा नहीं दे रहीं हैं।
कुछ बैंकों ने तो यह तक कह दिया कि जब कोई पैसा जमा करने आएगा तभी आहरण हो सकेगा। इससे प्रशासन ने मंडी में किसानों को 50 हजार रुपए तक ही नगद भुगतान करने और शेष राशि आरटीजीएस के माध्यम से खातों में भेजने के निर्देश दिए हैं। कैश न मिलने से किसानों व व्यापारियों की समस्याएं बढ़ती नजर आ रही हैं, वहीं आम लोग भी कैश की कमी से परेशान हैं।

प्रशासन ने शुक्रवार को मंडी व्यापारियों और बैंकर्स की बैठक लेकर कैश की कमी की समस्या पर यह नगद भुगतान 50 हजार रुपए तक ही करने के निर्देश दिए हैं। व्यापारियों का कहना है कि 25 लाख रुपए निकालने पहुंचते हैं तो बैंक पांच-छह दिन तक तो दो से तीन लाख रुपए दे रही थीं, लेकिन अब एक लाख रुपए से ज्यादा नहीं निकाले जा रहे। इससे व्यापारियों ने मंडी में नगद भुगतान न कर पाने के बैनर लगा लिए हैं। नतीजतन फसल बेचने के बाद भी किसानों को जरूरत के समय पैसे नहीं मिल पा रहे हैं। इससे किसानों की समस्या बढ़ती नजर आ रही है, क्योंकि किसानों को बैंकों और साहूकारों का कर्जा चुकाने के अलावा शादियों व अन्य जरूरतों के लिए पैसे की आवश्यकता है।

चेस्ट ब्रांचों की क्षमता 210 करोड़, लेकिन पैसा नहीं
जिले की चारों चेस्ट ब्रांचों की नगद राशि की क्षमता 210 करोड़ रुपए है। यहीं से जिलेभर की सभी बैंक शाखाओं को पैसा जाता है, लेकिन चेस्ट ब्रांचों में ही पर्याप्त पैसा नहीं बचा है। हालत यह है कि रोजाना साढ़े तीन करोड़ रुपए की जरूरत है, लेकिन बैंक इतनी राशि भी लोगों को उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं।

बैंकों में 75 फीसदी घट गई जमा राशि
कैश की कमी का मुख्य कारण बैंकों में आहरण की डिमांड बढऩे और जमा राशि का घटना है। शहर की स्टेशन रोड स्थित एसबीआई शाखा में 15 दिन पहले तक चार करोड़ रुपए जमा हो रहे थे, लेकिन अब दिनभर में सिर्फ एक करोड़ रुपए तक ही जमा हो रहे हैं। इतना हीं नहीं जहां पहले पांच करोड़ रुपए आहरण होता था, वहीं अब रोज आहरण के लिए सात करोड़ रुपए की डिमांड है। यही स्थिति जिले की अन्य बैंकों की है। बैंकों के मुताबिक 15 दिन में जमा में 75 फीसदी की कमी और आरहण की डिमांड 30 फीसदी बढ़ गई है।

वापस नहीं लौट रहा दो हजार का नोट
जहां बाजार में तो दो हजार रुपए का नोट गायब ही हो गया है, वहीं बैंकों में भी दो हजार रुपए का नोट वापस नहीं लौट रहा है। बड़े नोट गायब हो जाने से जिले में कैश की कमी आई है। लेकिन यह नोट कहां जा रहे हैं, इसके बारे कोई जानकारी नहीं है। बैंकों को आशंका है कि दो हजार रुपए के नोटों का लोगों ने स्टॉक कर लिया है।
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