जिले की चारों चेस्ट ब्रांचों की नगद राशि की क्षमता 210 करोड़ रुपए है। यहीं से जिलेभर की सभी बैंक शाखाओं को पैसा जाता है, लेकिन चेस्ट ब्रांचों में ही पर्याप्त पैसा नहीं बचा है। हालत यह है कि रोजाना साढ़े तीन करोड़ रुपए की जरूरत है, लेकिन बैंक इतनी राशि भी लोगों को उपलब्ध नहीं करा पा रहे हैं।
कैश की कमी का मुख्य कारण बैंकों में आहरण की डिमांड बढऩे और जमा राशि का घटना है। शहर की स्टेशन रोड स्थित एसबीआई शाखा में 15 दिन पहले तक चार करोड़ रुपए जमा हो रहे थे, लेकिन अब दिनभर में सिर्फ एक करोड़ रुपए तक ही जमा हो रहे हैं। इतना हीं नहीं जहां पहले पांच करोड़ रुपए आहरण होता था, वहीं अब रोज आहरण के लिए सात करोड़ रुपए की डिमांड है। यही स्थिति जिले की अन्य बैंकों की है। बैंकों के मुताबिक 15 दिन में जमा में 75 फीसदी की कमी और आरहण की डिमांड 30 फीसदी बढ़ गई है।
जहां बाजार में तो दो हजार रुपए का नोट गायब ही हो गया है, वहीं बैंकों में भी दो हजार रुपए का नोट वापस नहीं लौट रहा है। बड़े नोट गायब हो जाने से जिले में कैश की कमी आई है। लेकिन यह नोट कहां जा रहे हैं, इसके बारे कोई जानकारी नहीं है। बैंकों को आशंका है कि दो हजार रुपए के नोटों का लोगों ने स्टॉक कर लिया है।