सात लाख का भुगतान करा दिया
मामला चंदेरी तहसील की सेवा सहकारी संस्था रामनगर का है। कलेक्टर डॉ.मंजू शर्मा द्वारा कराई गई जांच में यह स्पष्ट हुआ था कि संस्था के समिति प्रबंधक जगदीश कुशवाह ने अपने कुटुंब के 21 लोगों के नाम पंजीयन कराकर पात्रता से ज्यादा अनाज बेचना बताया और सात लाख पांच हजार 906 रुपए ज्यादा का भुगतान करा दिया।
कोई कार्रवाई नहीं हुई है
इस पर कलेक्टर ने समिति प्रबंधक को नोटिस जारी किया था, साथ ही जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर समिति प्रबंधक से साल लाख पांच हजार 906 रुपए की वसूली करने और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। वहीं बैंक के महाप्रबंधक ने भी समिति प्रबंधक को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
पहले एफआईआर का निर्देश, 17 दिन बाद ही बचाने का प्रयास
खास बात यह है कि 28 अगस्त 2018 को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक गुना के महाप्रबंधक ने भावांतर योजना में घोटाला करने पर संविदा समिति प्रबंधक जगदीश कुशवाह, विश्वनाथसिंह रघुवंशी, सुनील कुशवाह और ऑपरेटर सुनील कुशवाह के विरुद्ध संस्था को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए, लेकिन 17 दिन बाद ही महाप्रबंधक ने संविदा समिति प्रबंधक जगदीश कुशवाह को बचाने का प्रयास करते हुए संसोधित पत्र जारी किया, जिसमें उन्होंने संविदा समिति प्रबंधक को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए 15 सितंबर 2018 को सहकारिता उपायुक्त कार्यालय में बचाव से संबंधित रिकॉर्ड प्रस्तुत करने के लिए बुलाया और इसके बाद मामला शांत हो गया।
हमने मामले की जांच कराई तो समिति प्रबंधक पर योजना में सात लाख रुपए का घोटाला सिद्ध पाया। इस पर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक गुना के महाप्रबंधक को पत्र लिखकर भावांतर योजना में हुए घोटाले की राशि वसूलने और दोषी समिति प्रबंधक पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए थे। कार्रवाई बैंक से ही होना है।
डॉ.मंजू शर्मा, कलेक्टर अशोकनगर
डीडीए का आया है, मामले में हमने एफआईआर के निर्देश पहले ही दे दिए थे। राशि जमा कहां कराना है, इसके बारे में कन्फर्म नहीं है। कन्फर्म होने के बाद उससे राशि जमा करवाई जाएगी, वहीं समिति प्रबंधक का कोई मामला हाईकोर्ट में भी चल रहा है। इसके बाद ही कार्रवाई हो पाएगी।
कमल मकासरे, महाप्रबंधक जिला सहकारी केंद्रीय बैंक गुना