शहर के गांव मंदिर धर्मशाला में सकल दिगंबर जैन समाज ने कार्यक्रम आयोजित की। शाम के समय पवन जैन कठरया की सामूहिक रूप से समाज ने गोद भराई की और उन्हें सजाकर बग्घी में विराजमान कर शहर में बिनौली यात्रा निकाली गई।
बैण्ड और दिव्य घोष की धुन पर गांव मंदिर धर्मशाला से शुरू हुई यह बिनौली यात्रा गांधी पार्क होते हुए शहर के विभिन्न मार्गों से होकर निकली। जिसमें बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए। साथ ही बिनौली यात्रा के दौरान समाज के लोगों ने अपने-अपने घरों में भी उनकी गोद भराई की। इससे देर शाम तक यह कार्यक्रम जारी रहा। रविवार को गुना में भी उनकी बिनौली यात्रा निकाली जाएगी।
30 मई को कर्नाटक में होगा दीक्षा का कार्यक्रम-
वर्ष 1999 से बृह्मचर्य व्रत कर रहे पवन जैन कठरया अष्टम प्रतिमाधारी होकर कठोर त्याग की उपासना कर रहे हैं। जो 30 मई को कर्नाटक के कुंभोज बाहुबली तीर्थ क्षेत्र में पहुंचकर आचार्यश्री वर्धमानसागरजी से जैनेश्वरी दीक्षा लेंगे और मुनिदीक्षा होने के बाद आचार्यश्री वर्धमानसागरजी द्वारा उन्हें नया नाम दिया जाएगा।