भाजपा नेता गलत तरीके से बढ़वा रहे हैं नाम- तामरे
हमने शासन की गाइड लाइन के मुताबिक दिया है आवेदन- यादव
नव घोषित नगर पंचायत पिपरई में राजनीतिक घमासान शुरू, भाजपा व कांग्रेस नेता आमने-सामने,नव घोषित नगर पंचायत पिपरई में राजनीतिक घमासान शुरू, भाजपा व कांग्रेस नेता आमने-सामने,नव घोषित नगर पंचायत पिपरई में राजनीतिक घमासान शुरू, भाजपा व कांग्रेस नेता आमने-सामने
अशोकनगर@अरविंद जैन की रिपोर्ट… सरकार द्वारा घोषित नवीन नगर पंचायत पिपरई को लेकर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। अभी न तो वार्डों का निर्धारण हुआ है और न ही आरक्षण, लेकिन नेताओं में नगर पंचायत का पहला अध्यक्ष बनने के लिए खींचतान होने लगी है।
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव रामचरण तामरे ने जहां भाजपा मंडल अध्यक्ष रामराजा यादव पर गलत तरीके से क्षेत्र में नाम बढ़वाने और फोन पर धमकी देने के आरोप लगाए हैं, वहीं भाजपा मंडल अध्यक्ष ने कांग्रेस नेता पर सरकार की धमकी देने के आरोप लगाते हुए नियमानुसार नाम बढ़वाने के लिए आवेदन देने की बात कही है।
कही निवास और कहीं बढ़वा रहे नाम कांग्रेस नेता रामचरण तामरे ने बताया कि रामराजा पुत्र उदयराज सिंह यादव अशोकनगर के डंगोरा फूट गांव के निवासी हैं। उनकी पत्नी वर्तमान में अशोकनगर जनपद में सदस्य हैं। वर्तमान में वे अमरौद में निवास कर रहे हैं। अब चुनाव लडऩे के उद्देश्य से वे पिपरई क्षेत्र के देरासा गांव में नाम जुड़वा रहे हैं।
उन्होंने रामराजा यादव पर फोन पर गाली-गलोंच करने व जान से मारने की धमकी देने का आरोप भी लगाया। उन्होंने बताया कि एक दिन पहले देरासा गांव के वकीलसिंह, हरनामसिंह व हरीराम भी एसडीएम से रामराजा पुत्र उदयराज यादव, लाड़कुंवर पत्नी कंजी आदिवासी हलनपुर, रामराजा पुत्र संग्राम परिहार, विजय बाई पत्नी रामराजा यादव व अशोक बाई पत्नी रामराजा परिहार द्वारा गलत तरीके से नाम बढ़वाए जाने की शिकायत कर चुके हैं।
गाइड लाइन के तहत दिया आवेदन रामराजा यादव ने इस संबंध में बताया कि उन्होंने गाइड लाइन के अनुसार डंगोरा फूट से नाम कटवाकर देरासा में नाम जुड़वाने का आवेदन दिया है। हमारा जहां पुराना मकान है, जिसका नंबर ८३ है। साथ में ५० रुपए का स्टांप व पंचायत का प्रमाणीकरण भी दिया है।
नगर पंचायत में पिपरई सहित 12 गांव शामिल हैं। जो अध्यक्ष के लिए दावेदारी कर रहे हैं, वे पहले से ही घबराने लगे है, जबकि अभी न तो कोई आरक्षण हुआ और न ही वार्डों का निर्धारण हुआ है। जिन्हें डर है, वे ही शिकायत कर रहे हैं अन्य किसी ग्रामीण को आपत्ति नहीं है। मेरा फोन पर उनसे कोई भी विवाद नहीं हुआ है, सामान्य बातचीत हुई थी। हमारी धमकी वाली कोई बात नहीं हुई। उल्टा उन्होंने सरकार की धमकी देते हुए कहा कि नाम बढ़ जाएगा तो तहसीलदार, एसडीएम को हटवा देंगे।