प्रदेश मे बढ़ते अपराधों के विरोध में भाजपा ने सोमवार को शहर के रसीला चौराहे पर मुख्यमंत्री के पुतला दहन का आयोजन किया। इससे कार्यक्रम से पहले ही पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात हो गई। भाजपाई एक पुतला लेकर आए तो पुलिस ने छीन लिया। बाद में भाजपाईयों ने एक कागज में आग लगाकर नारेबाजी कर दी और इसके बाद एक पु_े में आग लगाई। इससे पुलिस और भाजपाईयों में होड़़ लग गई और भाजपा कार्यकर्ता पुलिस को छकाते दिखे। वहीं भाजपा कार्यकर्ता बार-बार आग लगाकर डांस करते भी दिखे। करीब डेढ़ घंटे तक चले इस घटनाक्रम के बाद अचानक कुछ कार्यकर्ता गली में से जलते हुए पुतले को लेकर आए और पुलिस को आता देख जलते पुतले को रास्ते में ही फैंंक दिया। उसी समय वहां से 22 वर्षीय युवक प्रियम जैन बगुल्या स्कूटी से निकल रहा था, पुतला पास में गिरने से वह हाथ और में आग से हल्का जल गया और स्कूटी से गिर पड़ा। पुतले के हिस्से स्कूटी पर गिरने से स्कूटी में भी आग लग गई, जिसे पुलिस ने पानी डालकर बुझाया। हालांकि यह घटना देखने के बाद भाजपाई वहां से धीरे से निकल गए। लेकिन इस घटना ने इस विरोध प्रदर्शन पर सवाल खड़े कर दिए।
राजनीतिक पार्टियां और पुलिस बराबर जिम्मेदार शहर के रिहायशी क्षेत्र और व्यस्त सड़क पर प्रशासन द्वारा पुतला दहन की अनुमति देने से अधिकारियों की सजगता पर सवाल उठने लगे हैं। यह पहला मामला नहीं, बल्कि पहले कांग्रेस द्वारा किए जाने वाले पुतला दहन कार्यक्रमों में भी ऐसी ही स्थिति रहती थी। जहां राजनैतिक पार्टियां पुतला जलाने का प्रयास करती हैं और पुलिस छीनने का प्रयास करती हैं। इससे घंटों छिपने-पकडऩे का दौर चलता है और सड़कों पर कार्यकर्ता पुतलों को लेकर दौड़ते नजर आते हैं। इसमें न तो राजनैतिक पार्टियां राहगीरों की चिंता करती है और न हीं पुलिस। पुतला दहन के कार्यक्रम में दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है।