वही पास में रहने वाले लोगों का कहना है कि मकान करीब 3 दशकों से खाली पड़ा था।मकान के गिरने से सड़क और गली में मलबा फैल गया है। मलबे को हटाने के लिए नगरपालिका की जेसीबी व अमला पहुंचा अभी कुछ देर पहले पहुंचा। मकान के मलबे के कारण मोहल्ले के अंदर जाने वाली एक गली व मुख्य रोड जाम हो गई है। जिसके कारण वाहन चालकों को घूम कर निकलना पड़ रहा है।
हो सकती थी बड़ी घटना
अशोकनगर के पुराना बाजार स्थित एक जर्जर मकान के गिरने से बालिका नंदनी शर्मा (11 वर्ष) पुत्री प्रदीप शर्मा एंव प्रशान्त कुशवाह (4 वर्ष) पुत्र रामप्रसाद कुशवाह दब गए थे। दो बच्चे को तुंरत ग्रामीणों ने बाहर निकाला। जिससे दोनों की जान बच गई। लोगों का कहना है कि अगर समय पर दोनों बच्चों को बाहर नहीं निकाला जाता तो बड़़ी घटना हो सकती थी।
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दो दिन पहले भोपाल में गिरा था मकान
राजधानी के पुराने भोपाल में 10 सितंबर को दो मंजिला इमारत Two-storey building collapses अचानक भरभराकर के गिर गई थी। दो मंजिला इमारत गिरने से हड़कंप मच गया था। राजधानी के पुराना भोपाल स्थित मारवाड़ी रोड़ पर तापड़िया कॉम्लेक्स के पास खजांची गली में दो मंजिला इमारत गिरी थी। इमारत गिरने से कई वाहन दब गए। लोगों की इसकी सूचना पुलिस और निगम अधिकारियों पहुंचे थे। मोहर्रम का दिन होने के कारण पूरा मार्केट बंद था। सबसे अच्छी बात ये थी कि मार्केट बंद होने के कारण किसी भी तरह की कोई घटना नहीं हुई थी।
कई इमारतें गिरने की कगार पर
पुराने शहर में कई इमारत गिरने की कगार पर है। लोगों का कहना है कि निगम जर्जर हो चुके मकानों को न तो चिन्हित करता है और न ही मकान मालिकों पर कोई कार्रवाई। जर्जर मकान की वजह से आसपास के लोगों को डर सता रहा है कि कही कोई अनहोनी न हो जाए।