परिवहन विभाग और यातायात पुलिस ने सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत बुधवार को वाहन की संयुक्त जांच की। बस स्टैंड और त्रिदेव मंदिर चौराहा पर पहुंचकर वाहनों की जांच, लेकिन जानकारी मिलते ही ज्यादातर वाहन चालक तो रास्ते बदलकर निकल गए और जो पकड़े गए उनमें बड़ी कमियां पाई गईं। आरटीओ ने करीब 15 से 20 यात्री बसों रुकवाकर कागजों और लाइसेंस की जांच की।
आरटीओ ने बताया कि कई कंडक्टरों पर लाईसेंस नहीं मिले और फस्र्ट एड बॉक्स भी खाली मिले। इससे नौं यात्री बसों पर जुर्माना लगाया गया और 9500 रुपए की जुर्माना राशि वसूल की गई। वहीं सूबेदार ने भी स्कूली वाहनों, ऑटो और सवारियां ढ़ोते पिकअप वाहनों को पकड़कर न्यायिक चालान बनाए। साथ ही कई वाहनों पर जुर्माना भी लगाया। सूबेदार अजयप्रतापसिंह के मुताबिक सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत यह जांच की जा रही है और यह जांच आगे भी जारी रहेगी।
स्कूली बस और ऑटो में मिली क्षमता से ज्यादा सवारी-
जांच के दौरान एक स्कूली बस और ऑटो में क्षमता से ज्यादा सवारियां भरी हुई मिलीं। साथ ही सूबेदार ने जब बस के अंदर पहुंचकर हकीकत जानी तो फस्र्ट एड बॉक्स तो खाली मिले ही, वहीं ज्यादा सवारियां भरने के चक्कर में कई बसों में इमरजेंसी गेट से सटकर ही कुर्सियां सेट मिलीं। जिन पर यात्री बैठे हुए थे। यात्रियों को हटवाकर जांच की तो गेट तो खुल ही नहीं पाए, वहीं इमरजेंसी गेटों की खिड़कियां भी नहीं खुल सकीं।
विकलांगों का लिया पूरा टिकिट, वापस लौटवाए पैसे-
शासन ने यात्री बसों में विकलांगों के आधे टिकिट के निर्देश दिए हैं, लेकिन जब यातायात पुलिस ने बस में बैठे विकलांग यात्रियों से टिकिट के बारे में पता तो पता चला कि बस में उनसे पूरे टिकिट की राशि वसूल की गई। आरटीओ ने बताया कि जानकारी मिलते ही बस कंडक्टर से विकलांग यात्रियों के टिकिट की आधी राशि तुरंत वापस करवाई गई। साथ ही निर्देश दिए गए हैं कि विकलांगों से टिकिट की मात्र 50 फीसदी राशि ही वसूल की जाए। इसके अलावा बसों में टिकिट की राशि भी दर्ज नहीं मिली।
लेकिन कंडम बसों पर नहीं कोई ध्यान-
जिले में कंडम बसें भी बेरोकटोक चल रही हैं, लेकिन उन पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नतीजतन जिलेभर में कंडम बसें यात्रियों को भरकर सड़कों पर दौड़ती देखी जा सकती हैं। आरटीओ का कहना है कि जांच के दौरान कोई भी बस बिना फिटनेस के नहीं मिली और यदि ऐसी बस मिलती है तो कार्रवाई की जाएगी।
यातायात विभाग ने अधिकारियों को लिखा पत्र-
सड़कों पर दुर्घटना स्पॉट बनते देख यातायात विभाग ने कलेक्टर, पीडब्ल्यूडी, नपा सीएमओ और आरटीओ को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि शहर में जो सड़कें बन रही हैं, उनमें कई गलियों की सड़कें भी आकर मिल रही हैं। लेकिन उन जगहों पर न तो कोई संकेतक लगे और न हीं रिफ्लेक्टर। इससे दुर्घअनाओं की आशंका बढ़ जाती है। पत्र में यातायात पुलिस ने मांग की है कि निर्माण के समय ही संकेतक और रिफ्लेक्टर लगवाए जाने की मांग की है, ताकि दुर्घटना की आशंकाएं रुक सकें।