खरीदी शुरू हुए 26 दिन बीत जाने के बाद भी बोनस की राशि पर असमंजस बरकरार है। अपनी गेहूं की फसल खरीदी केंद्र पर तुलवाने के बाद जब किसानों को तौल पर्ची देखते हैं तो उसमें सिर्फ समर्थन मूल्य रेट 1840 रुपए दर्ज है और बोनस राशि के कॉलम में शून्य दर्ज है। साथ ही किसानों के खातों में भुगतान भी 1840 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से हो रहा है। इससे किसानों में नाराजगी है और किसानों का कहना है कि इस बार राज्य शासन द्वारा पिछले साल से कम रेट में गेहूं खरीदा जा रहा है और खरीदी केंद्रों पर गेहूं बेचने पर पिछले साल की तुलना में किसानों को प्रत्येक क्विंटल पर 160 रुपए का नुकसान हो रहा है।
सप्ताह में पांच दिन की खरीद बनी परेशानी-
इस बार जहां पिछले साल की तुलना में ढ़ाई गुना किसानों ने गेहूं बेचने के लिए पंजीयन कराया है। लेकिन इस बार सप्ताह में सिर्फ पांच दिन ही खरीदी केंद्रों पर किसानों से गेहूं की खरीदी हो रही है। इससे गेहूं बेचने के लिए किसानों की लंबी लाइनें लग रही है। उनकी मांग है कि प्रशासन को समस्या देखते हुए सप्ताह में प्रत्येक दिन खरीदी कराना चाहिए। ०
अब तक हुई खरीद पर एक नजर-
– 3821 पंजीकृत किसानों का गेहंू अब तक बिका
– 367014 क्विंटल अब तक गेहूं की खरीद हुई
– 67.53 करोड़ रुपए राशि का गेहूं खरीदा गया
– 283033 क्विंटल गेहूं का परिवहन हो चुका
वर्जन-
सप्ताह में सोमवार से शुक्रवार तक किसानों से गेहूं की खरीदी होना है और शनिवार-रविवार को एकाउंटिंग का मिलान और ट्रांसपोर्टेशन के लिए है। इससे पांच दिन ही खरीदी हो रही है। वहीं बोनस मिलने के बारे में सुना था और राज्य शासन स्तर पर इसका निर्णय होना है। हमारे पास बोनस का कोई पत्र नहीं आया है।
अनिल पाठक, जिला आपूर्ति अधिकारी अशोकनगर
समर्थन मूल्य खरीदी में मिलने वाली बोनस राशि तौल पर्ची में दर्ज रहती है, लेकिन इस बार बोनस राशि शून्य दर्ज है। इससे किसानों को बोनस मिलने की उम्मीद नहीं है। शासन ने सिर्फ बोनस राशि की घोषणा कर किसानों के साथ छलावा किया है।
जगरामसिंह यादव, प्रदेश मंत्री भारतीय किसान संघ