नागरिक आपूर्ति निगम के मुताबिक इस बार जिलेभर में समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर 26767 क्विंटल चना, 4985 क्विंटल मसूर और 12620 क्विंटल सरसों की खरीदी हुई। जबकि पिछले साल जिले में 5.88 लाख क्विंटल चना, 88 हजार क्विंटल मसूर और 13 हजार क्विंटल सरसों सरकारी खरीदी केद्रों पर खरीदी गई थी। यदि पिछले साल से तुलना करें तो इस बार समर्थन मूल्य पर खरीद नाम मात्र की हुई है। इसका कारण किसानों द्वारा जिले में देरी से खरीद होना बताया जा रहा है तो वहीं कई केंद्रों ने एक भी क्विंटल अनाज नहीं खरीदा और प्रशासन ने उनसे खरीदी न करने का कारण भी नहीं पूछा। नतीजतन किसानों को सस्ते भाव में मंडियों में अपना अनाज बेचना पड़ा।
19.88 करोड़ में से पौने छह करोड़ ही समितियों को दिए-
जिले में इस बार किसानों से 19 करोड़ 88 लाख छह हजार 290 रुपए के चना, मसूर और सरसों की खरीदी की। लेकिन विभाग ने अब तक समितियों को किसानों के भुगतान के लिए सिर्फ पौने छह करोड़ रुपए ही दिए। इससे किसान भुगतान के लिए भटक रहे हैं। विभाग का कहना है कि शासन से राशि आते ही समितियों को दे दी जाएगी।