देश गर्व से भर गया था
मंगलवार को चंदेरी तहसील के थूबोन निवासी रघुवीरसिंह पुत्र नाहरसिंह किरार ने कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई में पहुंचकर यह पत्थर अधिकारियों को सौंपा। साथ ही उसने कहा कि दो महीने पहले जब देश के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान 2 लान्च किया, तो देश गर्व से भर गया था।
चंद्रयान 2 की लैंडिंग का परीक्षण किया था
ग्रामीण ने कहा कि उस पूरी प्रक्रिया को मैने भी अपने गांव में टीवी पर टकटकी लगाकर देखा और बहुत गर्व महसूस हुआ। जहां पता चला कि नासा जो मंहगा पत्थर इसरो को दे रही थी, इस पर इसरो ने उड़ीसा क्षेत्र में मिले पत्थर पर चंद्रयान 2 की लैंडिंग का परीक्षण किया था। ग्रामीण ने अधिकारियों से कहा कि उसी पत्थर के अवशेष जिले में भी हैं, इसकी सूचना देश के वैज्ञानिकों को देने की कृपा करें। साथ ही उसने वह पत्थर अधिकारियों को सौंप दिया।
एनोर्थोसाइट पत्थर पर हुआ था चंद्रयान 2 का परीक्षण-
चंद्रयान 2 की चंद्रमा पर लैंडिंग का परीक्षण इसरो के वैज्ञानिकों ने एनोर्थोसाइट पत्थर पर कराया था, जो सफेद था और उड़ीसा क्षेत्र में मिला था। यह ग्रामीण गांव में मिले पत्थर को भी एनोर्थोसाइट पत्थर होने का दावा कर रहा है। साथ ही वह लंबे समय तक अधिकारियों से मांग करता रहा कि वह इस पत्थर को इसरो को जरूर भेजें।
चंद्रयान-2 से भारत का संपर्क टूट गया था.
गौरतलब है कि मिशन चंद्रयान-2 के तहत विक्रम लैंडर की साफ्ट लैंडिंग कराने की कोशिश की गई थी, लेकिन विक्रम के लैंड होने से दो किलोमीटर पहले ही इसरो का संपर्क टूट गया था। जिससे चंद्रयान-2 की सफल लैंडिंग नहीं हो सकी।
एक ग्रामीण जनसुनवाई में पत्थर लेकर आया था, मैं भी वहीं था। ग्रामीण द्वारा दिए गए पत्थर को हमने खनिज विभाग में भिजवा दिया है और यह खनिज विभाग का मामला है।
सुरेश जाधव, एसडीएम अशोकनगर