सूरत में हुई आगजनी की घटना से सीख लेते हुए मंगलवार को तहसीलदार इसरार खान, डीईओ आदित्यनारायण मिश्रा, सीएमओ शमशाद पठान और बिजली कंपनी के डीई देवेंद्र मेहरा ने सुबह आठ बजे से 10 बजे तक शहर की छह कोचिंग सेंटरों का निरीक्षण किया। अधिकारियों के मुताबिक जहां पीने के पानी की व्यवस्था अस्त-व्यस्त थी और साफ-सफाई भी नहीं थी, वहीं टॉयलेट भी गंदे पड़े मिले। किसी भी कोचिंग में दो गेट नहीं थे।
वहीं बिजली जाने पर कोचिंगों में इन्वर्टर की व्यवस्था भी नहीं थी और बिजली जाने पर छात्रों को गर्मी के बीच बैठकर पढ़ाई करना पड़ती है। जहां कुछ कोचिंग सेंटर संचालकों ने कारण पूछा तो डीईओ ने कहा कि जब छात्र-छात्राओं से पैसे वसूलते हो तो उन्हें सुविधाएं भी दो।
छह में से सिर्फ एक कोचिंग ही रजिस्टर्ड-
डीईओ आदित्यनारायण मिश्रा के मुताबिक मंगलवार को शहर के बालाजी कोचिंग सेंटर, लक्ष्य कोचिंग, जीनियस कोचिंग, अनवेकर कोचिंग, बैंकिंग सोल्यूशन, ओम कोचिंग और अपराजिता कोचिंग की जांच की। लेकिन इनमें से मात्र बालाजी कोचिंग ही रजिस्टर्ड है और अन्य सभी बिना किसी रजिस्ट्रेशन के संचालित हो रही हैं। डीईओ के मुताबिक कोचिंग सेंटरों पर मिली सभी कमियों की रिपोर्ट तैयार कर ली गई है और कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन कलेक्टर को भेजा जाएगा।
जांच के लिए चारों ब्लॉकों में चार दल गठित-
कलेक्टर डॉ.मंजू शर्मा ने जिले के कोचिंग सेंटरों की जांच के लिए सोमवार को चार ब्लॉकों के लिए चार दल गठित किए हैं। जिसमें चारों ब्लॉकों के चारों दलों में तहसीलदार, शिक्षा अधिकारी, सीएमओ और बिजली कंपनी के अधिकारियों को शामिल किया गया है। साथ ही सभी दलों को कोचिंगों की सुरक्षा जांच करने के निर्देश दिए हैं। जिसमें सुरक्षा गार्ड और पार्किंग की व्यवस्था भी देखी जाना है।