सरकार को झुकाने के लिए संगठनों द्वारा हड़ताल का रास्ता अपनाया जा रहा है। जिले में संविदा व बहु उद्देशीय स्वास्थ्य कर्मचारी व आशा कार्यकर्ता पहले से ही हड़ताल पर हैं। वहीं गुरुवार से ११ विभागों के १७० संविदा कर्मचारियों के साथ डिप्लोमा इंजीनियर्सभी काम बंद कर हड़ताल पर चले गए हैं। इनमें जिपं के १४, इ गवर्नेंस व इ दक्षता के ९, लोक सेवा प्रबंधन के २, पीएचईके १६, कृषि विभाग के ११, कौशल विकास केन्द्र के ६, राजस्व विभाग के १०, मिट्टी परीक्षण मंडी बोर्डके २, जनपद अशोकनगर के १९, जनपद ईसागढ़ के १७, जनपद चंदेरी के १९ व जनपद मुंगावली के १७ कर्मचारी शामिल हैं।
सरकारी कार्यालयों में वर्तमान में अधिकांश कर्मचारी संविदा पर ही हैं।ऐसे में हड़ताल का सरकारी कामों में गहरा असर दिख सकता है और लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। गुरुवार को अधिकांश कार्यालयों से कर्मचारी नदारद रहे और कुर्सियां खाली पड़ी रहीं। मप्र संविदा संयुक्त संघर्ष मंच के बैनर तले कर्मचारियों ने तहसील परिसर से अस्पताल चौराहा होते हुए वापस कलेक्ट्रेट तक रैली निकाली। यहां मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें संविदा सेवकों के नियमितिकरण एवं पूर्व में सेवा से बाहर किए गए कर्मचारियों को बहाल करने की मांग उठाई गई। हड़ताल को रोजगार सहायकों ने भी अपना समर्थन दिया।
पत्रिका ने चार विभागों का लिया जायजा
१. पीएचई में नहीं होंगे नलकूप
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग दोपहर १.१२ बजे खाली पड़ा था। ईई के अलावा चार कर्मचारी ही यहां थे। १६ कर्मचारी हड़ताल में शामिल हैं। इनके हड़ताल पर होने से नलकूप खनन का काम पूरी तरह रुक जाएगा।
२. जिला पंचायत कार्यालय भी ठप
जिला पंचायत में भी १४ संविदा कर्मचारी हड़ताल पर हैं। यहां स्वच्छभारत अभियान व मनरेगा जैसे दो बड़ी योजनाएं पूरी तरह प्रभावित होंगी। यहां दोपहर १.१५ पर अधिकांश अधिकारियों व कर्मचारियों के कमरे खाली पड़े थे। स्वच्छ भारत अभियान में एक शिक्षक का अटैचमेंट किया गया है।
३. जिला अस्पताल में एसएनसीयू व मैटरनिटी प्रभावित
जिला अस्पताल में दोपहर ३.०० बजे एसएनसीयू वार्ड में आया बच्चों की देखभाल करती मिले। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल से सबसे अधिक प्रभाव एसएनसीयू व टीकाकरण पर ही पड़ रहा है। यहां १३ बच्चे भर्ती हैं और यहां एक समय में एक अप्रशिक्षित नर्स ड्यूटी दे रही है।
४. जनपद पंचायत भी खाली
जनपद पंचायत में १.३० बजे अधिकतर चेंबर खाली पड़े थे। यहां से १९ कर्मचारी हड़ताल पर गए हैं, जिससे मनरेगा, शौचालय निर्माण सहित अन्य हितग्राही मूलक कार्य व निर्माण कार्य प्रभावित होंगे।