नतीजतन जिले के 34 हजार किसान अपनी उपज बेचने के लिए भटक रहे हैं और अभी भी असमंजस बना हुआ है कि खरीद शुरू हो भी पाएगी या नहीं।
केंद्रों पर नहीं की गई कोई व्यवस्थाएं …
समर्थन मूल्य पर उड़द, मूंग, तिल, रामतिल और मूंगफली की खरीद करने के लिए जिले में 35 खरीदी केंद्र बनाए गए थे, लेकिन सारसखेड़ी केंद्र को खत्म कर दिया गया है और जिले में 34 केंद्रों पर 20 अक्टूबर से खरीदी होना थी।
लेकिन समिति प्रबंधकों ने न तो खरीद शुरू की और न हीं केंद्रों पर कोई व्यवस्थाएं की गईं। इतना ही नहीं खाद्य विभाग ने इसका कारण पूछने और जल्दी खरीदी शुरू कराने के लिए बैठक ली, तो समिति प्रबंधकों ने लिखित में समस्या बताते हुए खरीदी करने से साफ तौर पर इंकार कर दिया।
सूत्रों की मानें तो समिति प्रबंधकों के इंकार के बाद जिला प्रशासन ने सख्ती दिखाने की वजाय प्रमुख सचिव से सुझाव मांगा है। वहीं गुरुवार को जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की महाप्रबंधक लता कृष्णन ने गुना में अशोकनगर जिले के समिति प्रबंधकों की बैठक ली।
बैठक में समिति प्रबंधकों ने चना-मसूर की खरीदी में हुई समस्या बताते हुए कहा कि शॉर्टेज और माल रिजेक्ट किए जाने की वजह से समिति प्रबंधकों को नुकसान उठाना पड़ता है।
रेट कम होने से किसान परेशान…
जिले में खरीफ सीजन में बड़े रकबे पर उड़द की फसल बोई गई थी। उड़द का समर्थन मूल्य 5600 रुपए क्विंटल है, इससे जिले के 34 हजार 890 किसानों ने उड़द की फसल बेचने के लिए अपने पंजीयन कराए थे।
सरकारी खरीद शुरू न होने से किसान परेशान है, क्योंकि मंडी में उड़द 1200 से 3200 रुपए क्विंटल बिक रहा है, यह कीमत सरकारी रेट से आधी से कम है। इससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और खरीद शुरू न होने से मंडी में सस्ते दामों पर फसल बेचने मजबूर हैं।
हमारी तरफ खरीद की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं, हमारे और नैफेड के सर्वेयर भी आ चुके है लेकिन समिति प्रबंधक तैयार नहीं है। इससे बारदाना कहां पर भेजें। आज गुना में महाप्रबंधक ने समिति प्रबंधकों की बैठक ली थी, जिसमें कुछ समिति प्रबंधकों ने सहमति दी है।
एमएस राजपूत, डीएमओ अशोकनगर
समिति वालों से बात हुई हैं और नागरिक आपूर्ति निगम को बैठक लेकर खरीदी शुरू करवाने के निर्देश दिए हैं। खरीदी शुरू करवाई जाएगी।
डॉ.मंजू शर्मा, कलेक्टर अशोकनगर