खास बात यह है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान जहां सोशल डिस्टेंसिंग का तो ध्यान रखा ही नहीं गया, वहीं कांग्रेसी कलेक्ट्रेट जाने के लिए आरपीएफ थाने के सामने से पटरी पार कर निकले। हालांकि बाद में चंदेरी विधायक ने पटरी पार करने पर कहा कि हमसे गलती हुई, इसलिए सॉरी।
बुधवार को कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरिसिंह रघुवंशी व चंदेरी विधायक गोपालसिंह चौहान के नेतृत्व में कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया। सभी गांधी पार्क पर पांच दर्जन कांग्रेसी एकत्रित हुए और रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंचे। तो प्रशासन ने कलेक्ट्रेट का मुख्य गेट बंद कर दिया। इससे कांग्रेस ने मुख्य गेट पर ही राष्ट्रपति के नाम एसडीएम को ज्ञापन दिया। इसमें डीजल-पेट्रोल व गैस की बढ़ी हुई कीमतों का विरोध जताया। वहीं किसानों की समस्याओं पर राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया। राष्ट्रपति के नाम दिए ज्ञापन में कांग्रेस ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कच्चे तेल की कीमतों भारी गिरावट आई थी, लेकिन सरकार ने रेटें नहीं घटाईं और मंहगा डीजल-पेट्रोल बेचकर आमजन से
लूट की गई जो अभी भी जारी है। इससे आमजन का जीना दूभर हो गया है और सरकार कोरोना के दौर में रेट बढ़ाकर आमजन को लूट रही है।
लूट की गई जो अभी भी जारी है। इससे आमजन का जीना दूभर हो गया है और सरकार कोरोना के दौर में रेट बढ़ाकर आमजन को लूट रही है।
बोवनी में खर्च होंगे 4.25 करोड़ रुपए ज्यादा कांग्रेस का कहना है कि कोरोना काल में किसानों को राहत देने की वजाय सरकार ने बोवनी के सीजन पर डीजल के दाम बढ़ाए हैं। 23 दिन में डीजल 10.6 रुपए प्रति लीटर मंहगा हो गया, इससे खरीफ सीजन की फसलों की बोवनी करने इस बार जिले में किसानों का 4.25 करोड़ रुपए डीजल पर ज्यादा खर्च होंगे। जबकि किसान इस बार रबी सीजन में फसलें बेचने के लिए परेशान रहा। कांग्रेस का कहना है कि सरकार ने किसानों पर भार बढ़ा दिया है और किसान परेशान हो रहे हैं।
प्रदर्शन में उपचुनाव का भी दिखा असर विरोध प्रदर्शन के दौरान जिले में कई कांग्रेसी बिना मास्क के ही शामिल हुए और ज्ञापन के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग भूलकर भीड़ लगाए रहे। वहीं बाहर से आए पार्टी के पदाधिकारियों से पहचान बनाने के चक्कर में उपचुनाव के दावेदार मास्क हटाकर खड़े रहे। दावेदार आगे खड़े हो गए तो वरिष्ठ कांग्रेसी पीछे रह गए, इससे बाद में कांग्रेस पदाधिकारियों ने वरिष्ठ कांग्रेसी को हाथ पकड़कर आगे खड़े होने के लिए हाथ पकड़कर खींचा। इससे कई बार ऐसी स्थिति बनी।
यह भी लगाए आरोप -प्रदेश की भाजपा सरकार बिजली की दरों को लगातार बढ़ा रही है और लोगों को मनमाने बिजली बिल दिए जा रहे हैं। इससे आमजन, किसान, मजदूर व मध्यम वर्ग परेशान हंै।
-मनमाने बिजली बिलों की राशि की सरकार द्वारा मनमाने ढंग से वसूली की जा रही है, जबकि लॉकडाउन के दौरान का अप्रेल, मई व जून माह का बिल माफ होना चाहिए था। -प्रदेश सरकार झूठा भ्रम फैलाकर 400 रुपए तक की बिल की राशि को आधा जमा करने का ढ़कोसला कर जनता को गुमराह किया जा रहा है।
-समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के बाद भी किसानों को भुगतान नहीं हुआ, इससे किसान खाद-बीज व डीजल खरीदने के लिए पैसों के लिए परेशान हो रहे हैं। -समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर भी दलालों व सरकारी कर्मचारियों की मिली भगत से जमकर भृष्टाचार हुआ, लेकिन सरकार ने कोई भी कारगर कदम नहीं उठाए।